गुरुग्राम में BJP नेता के भाई ने सुसाइड किया:सरकार के बैन करने के बाद बेटिंग एप में ₹5 लाख फंसे; 2 बच्चों का पिता था
19 hours ago

हरियाणा के गुरुग्राम में एक युवक के ऑनलाइन बेटिंग एप में 5 लाख रुपए फंस गए। इससे परेशान होकर उसने रस्सी से फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। युवक मूल रूप से पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के बुटीडीह गांव का रहने वाला था। वर्तमान में वह पत्नी और दो बच्चों के साथ मानेसर में रह रहा था। जिस वक्त युवक ने सुसाइड किया, उस समय वह घर पर अकेला था। जॉब से लौटी पत्नी ने उसे फंदे से लटके देखा। इसके बाद शोर मचाकर पड़ोसियों को बुला लिया। पड़ोसी युवक को फंदे से उतारकर अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। युवक के भाई पुरुलिया में भाजपा के जिला सचिव हैं। इसी वजह से पुरुलिया के भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने अपने निजी खर्च पर शव को पुरुलिया ले जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की। सांसद ने कहा- यह एक दुखद घटना है। ऑनलाइन बेटिंग एप्स युवाओं और परिवारों को बर्बाद कर रहे हैं। सरकार को इस पर और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। यहां सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला.... पश्चिम बंगाल का रहने वाला, मानेसर में फैमिली के साथ रहता था
मृतक की पहचान भूदेव महतो (38) के रूप में हुई। वर्तमान में वह मानेसर के बांस कुसला गांव में पत्नी प्रभाती महतो और दो बच्चों के साथ रहता था। दोनों पति-पत्नी वर्किंग थे। शुक्रवार को सुबह दोनों जॉब पर जाने के लिए घर से निकले। दोनों बच्चों को कुछ दिन पहले ही उनके दादा-दादी के पास पुरुलिया में भेज दिया था। फिलहाल दोनों ही मानेसर में रह रहे थे। शिफ्ट खत्म होने से एक घंटा पहले घर पहुंचा
पत्नी प्रभाती के मुताबिक, भूदेव उस दिन अपनी शिफ्ट खत्म होने से एक घंटे पहले, यानी शाम 5 बजे घर लौटा था। उसने कॉल कर उसे बताया था कि वह घर जा रहा है, तुम शिफ्ट खत्म करके आ जाना। प्रभाती ने बताया कि वह करीब 6 बजे अपनी शिफ्ट खत्म करके घर पहुंची तो दरवाजा बंद था। उसने दरवाजा खटखटाया, लेकिन भूदेव ने दरवाजा नहीं खोला। इस पर उसने थोड़ा जोर लगाया तो दरवाजा खुल गया। कमरे में रस्सी से लटका हुआ था भूदेव
पत्नी प्रभाती के मुताबिक, जैसे ही उसने दरवाजा खोला, अंदर पति भूदेव को रस्सी के सहारे फंदे से लटके पाया। यह देख उसके होश उड़ गए। वह तुरंत शोर मचाते हुए पड़ोसियों को बुला लाई। पड़ोसियों ने तुरंत भूदेव को फंदे से उतारा और अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर मानेसर आईएमटी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। पत्नी ने बताया कि कैसे बेटिंग एप की लत ने पति की जान ली.... बेटिंग एप में लगाई रकम डूबती चली गई
पत्नी प्रभाती के मुताबिक भूदेव इसी साल अप्रैल से एक ऑनलाइन बेटिंग एप पर गेम खेल रहे थे। शुरुआत में छोटे-मोटे दांव लगाने से शुरू हुआ यह सिलसिला धीरे-धीरे उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया। शुरुआत में छोटा-मोटा मुनाफा भी हुआ, जिसके बाद पति ने अपनी जमा पूंजी का बड़ा हिस्सा करीब पांच लाख रुपए इस एप में निवेश कर दिया। लेकिन, जैसे-जैसे हार का सिलसिला बढ़ता गया, उनकी रकम डूबती चली गई। प्रतिबंध लगाए जाने से रकम वापसी का रास्ता बंद
पत्नी प्रभाती ने आगे बताया कि हाल ही में सरकार ने ऑनलाइन बेटिंग एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद भूदेव की रकम वापस पाने की संभावना पूरी तरह खत्म हो गई। इस आर्थिक और मानसिक दबाव ने उन्हें गहरे अवसाद में धकेल दिया। इसी वजह से पति ने यह कदम उठाया। प्रभाती का कहना था कि सरकार को नियम लाने से पहले ऐसे लोगों को सचेत करना चाहिए था, ताकि वे अपने फंसे पैसे निकाल सके। हादसे से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
भूदेव का परिवार इस घटना से गहरे सदमे में हैं। उसके दो बेटे हैं, जिनकी उम्र 13 और 10 वर्ष है। वे दोनों अपने दादा-दादी के साथ पुरुलिया में रहते हैं। यहां पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर पत्नी का रो रोकर बुरा हाल होता रहा। कई बार वह बेहोश हुई। भाई रोहितास महतो ने बताया कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पुरुलिया जिला सचिव हैं। भूदेव पिछले कुछ महीनों से तनाव में थे। हमें नहीं पता था कि वह इतनी बड़ी रकम ऑनलाइन बेटिंग में लगा चुके हैं। अगर हमें पहले पता होता, तो हम उन्हें रोक सकते थे। पुलिस करा रही भूदेव के मोबाइल को डी-कोड
पुलिस ने प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या का मामला बताया है। आईएमटी मानेसर थाना प्रभारी सत्यवान ने बताया कि परिवार वालों का कहना है कि वह कई दिनों से डिप्रेशन में था। उसकी पत्नी ने ड्यूटी से आने के बाद फांसी पर लटका देखा था। यह बात भी सामने आई है कि भूदेव ने किसी ऑनलाइन बेटिंग एप पर लगा रखा था। किस एप में यह पैसा लगा था, यह जानने के लिए भूदेव के मोबाइल को डी-कोड कराया जा रहा है। यहां जानिए सरकार ऑनलाइन गेम्स पर क्या कानून लाई.... सरकार कीओर से ऑनलाइन गेमिंग एप को लेकर जो बिल लाई थी, उसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है और ये कानून बन गया है। इससे पहले 21 अगस्त 2025 को राज्यसभा ने और उससे एक दिन पहले लोकसभा ने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 को मंजूरी दी थी। इस बिल को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेश किया था। इस बिल में कहा गया है कि चाहे ये गेम्स स्किल बेस्ड हों या चांस बेस्ड दोनों पर रोक लगेगी।
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