Search…

    Saved articles

    You have not yet added any article to your bookmarks!

    Browse articles
    Select News Languages

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    हरियाणा में जिंदा पिता को मरा बता निकाली श्रद्धांजलि यात्रा:बेटा ढोल पर नाचा, वीडियो देख बुजुर्ग घर लौटा, बोला- मुझे मारना चाहता है

    20 hours ago

    4

    0

    हरियाणा के फरीदाबाद में बेटे ने 25 लाख रुपए के मुआवजे की चाहत में अपने जिंदा पिता की श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर दी। बड़े-बड़े पोस्टर छपवाकर गांव में लगवाए। ढोल-बाजे के साथ नाचते हुए पूरे गांव में यात्रा निकाली, लेकिन जब जिंदा पिता ने इसका वीडियो देखा तो वह हैरान रह गया। पिता ने पहले अपने जिंदा होने की वीडियो बनाकर सरपंच को भेजी। इसके बाद मंगलवार को खुद गांव में पहुंचा और पंचायत करवाई। बेटे का बहिष्कार कर दिया गया है। पिता का आरोप है कि बेटा उसको जान से मारना चाहता है, इसलिए वह पिछले 9 महीने से घर से गायब था। अब बेटा कह रहा है- यह पिता को तलाशने का तरीका था। मामला फरीदाबाद के गांव पन्हेड़ा कला का है। अब पढ़िए क्या है पूरा मामला... पिता ने बताया क्यों छोड़ा घर... 1. बेटा रोज मारपीट करता था, खाना नहीं देते थे लालचंद ने बताया कि राजेंद्र उसके साथ रोजाना मारपीट करता था। राजेंद्र की पत्नी उसके ऊपर गलत इल्जाम लगाती थी। घर में उसको खाना नहीं दिया जाता था। नौकरों की तरह काम कराया जाता था। 2. जान बचाने के लिए घर से भागा था पिता ने कहा कि बेटे ने उसकी ढाई एकड़ जमीन हड़प ली है। अपनी जान बचाने के लिए वह घर से भागा था। लालचंद ने कहा कि श्रद्धांजलि सभा की आड़ में राजेंद्र कोई बड़ी साजिश रच रहा था।​​​ 9 महीने तक भाई के पास रहा सरपंच धर्मवीर ने बताया कि लालचंद घर से चले जाने के बाद UP के कोसी के पास एक गांव में अपने भाई चंदी के घर पर रह रहा था, लेकिन जब लालचंद ने देखा कि गांव में श्रद्धांजलि सभा निकाली जा रही है तो उसने फोन के माध्यम से उन्हें जिंदा होने की जानकारी दी और वीडियो बनाकर भेजा। राजेंद्र कैसे बना 'स्वामी' होटल इंडस्ट्री से साधु बनने तक का सफर राजेंद्र ने होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उसने 1995 से 2000 तक दिल्ली के एक बड़े होटल में जॉब की। इसके बाद बंजारा इवेंट केटरिंग के नाम से फर्म खोली। 2010 के बाद केटरिंग छोड़ वह साधु बन गया और खुद को 'स्वामी राजेंद्र देव महाराज' कहने लगा। पिता की जमीन पर आश्रम बना लिया राजेंद्र ने पिता की ढाई एकड़ जमीन अपने नाम करवा ली और उस पर बड़ा आश्रम बनवाया। वह वहीं पत्नी और बच्चों के साथ रहता है। गांव के लोग उसके आश्रम में कम ही जाते हैं।
    Click here to Read more
    Prev Article
    सुप्रीम कोर्ट में आज ईडी की शक्तियों को लेकर सुनवाई:कोर्ट के 2022 के फैसले को चुनौती; गिरफ्तारी और संपत्ति जब्त करने पर रोक की मांग
    Next Article
    UP के 21 जिले बाढ़ की चपेट में:हापुड़ में सरकारी स्कूल, बिजनौर में मकान ढहा; हिमाचल के मंडी में बादल फटा

    Related Politics Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment