राजनाथ बोले- देश के लिए किसी भी हद तक जाएंगे:महू के रण संवाद में कहा- चुनौतियां बड़ी हैं, लेकिन हमारा संकल्प उससे भी बड़ा
13 hours ago

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- हमें किसी की जमीन नहीं चाहिए, लेकिन अपनी जमीन की रक्षा के लिए हम किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। जब हम आगे की ओर देखते हैं, तो हमें याद रखना चाहिए कि भारत के सामने चुनौतियां बड़ी हैं, लेकिन हमारा संकल्प और साहस उससे भी बड़ा है। दुनिया हमें सिर्फ हमारी शक्ति के लिए ही नहीं, बल्कि सत्य, शांति और न्याय के प्रति हमारे समर्पण के लिए भी सम्मान देती है। उन्होंने कहा- देश की रक्षा केवल सीमा पर तैनात सैनिकों द्वारा ही नहीं की जाती, बल्कि नई तकनीक विकसित करने वाले वैज्ञानिकों, हथियार प्रणाली बनाने वाले उद्योगपतियों और अगली पीढ़ी को युद्ध के लिए तैयार करने वाले शिक्षकों द्वारा भी की जाती है। राजनाथ ने यह बात महू में आयोजित रण संवाद 2025 के दूसरे दिन बुधवार को कही। उन्होंने कहा- हमें अपनी एकता, अपनी स्पष्ट नीयत और पूरी प्रतिबद्धता के साथ इस देश को आगे ले जाना है। इसी आत्मविश्वास के साथ हम 2047 की ओर पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेंगे। भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। रक्षा मंत्री मंगलवार रात करीब 9 बजे महू पहुंचे थे। यहां उन्होंने आर्मी वॉर कॉलेज में विश्राम किया। रणनीति को मजबूत करेगा रण संवाद
रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा- आज का 'रण संवाद' सिर्फ विचारों का आदान-प्रदान नहीं है, बल्कि सुरक्षा, नीति निर्माण और तीनों सेनाओं के विभिन्न पहलुओं को समझने का एक अवसर है। यहां होने वाली चर्चाएं हमें यह सोचने का अवसर देंगी कि हम भारत को कैसे और अधिक सशक्त, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बना सकते हैं। ये न केवल रक्षा रणनीति को मजबूत करेंगी, बल्कि एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण बनाने में भी मददगार साबित होंगी। युद्ध का स्वरूप बदल रहा है
आधुनिक दौर में युद्ध अब सिर्फ जमीन, समुद्र और आकाश तक सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि अंतरिक्ष और साइबर स्पेस तक फैल चुके हैं। सैटेलाइट सिस्टम, एंटी-सैटेलाइट हथियार और स्पेस कमांड सेंटर अब शक्ति के नए साधन बन गए हैं। आज साइबर वॉरफेयर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन और सैटेलाइट आधारित निगरानी युद्ध की नई दिशा तय कर रहे हैं। नॉन लीनियर और मल्टी डोमेन वारफेयर की चुनौती
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज के समय में युद्ध का कोई तयशुदा स्वरूप नहीं है। यह युग नॉन लीनियर और मल्टी डोमेन वारफेयर का है। ऐसे में हमें अपनी रणनीति को लचीला और समयानुकूल बनाना होगा। किसी निश्चित युद्ध नीति पर आंख मूंदकर भरोसा करना अब संभव नहीं है। संवाद है भारत की परंपरा
वैश्विक माहौल में संवाद की कमी ही टकराव और शत्रुता का बड़ा कारण बनती है। युद्धकाल में भी संवाद के रास्ते खुले रखना जरूरी है। भारतीय परंपरा में युद्ध और संवाद हमेशा एक-दूसरे से जुड़े रहे हैं। युद्ध से पहले संवाद हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है। रणनीतिक-कूटनीतिक दृष्टिकोण को नई दिशा मिलेगी
रण संवाद केवल अकादमिक अभ्यास नहीं, बल्कि भारत की सामरिक और कूटनीतिक सोच को परिष्कृत करने वाला मंच है। यहां से निकलने वाले विचार भविष्य में भारत की रक्षा रणनीति को मजबूत करेंगे और दीर्घकालिक कूटनीति को दिशा देंगे। लेफ्टिनेंट जनरल शाही बोले- युद्ध कला और संचालन की ट्रेनिंग उद्देश्य लेफ्टिनेंट जनरल हरजीत सिंह शाही ने कहा कि रण संवाद यानी युद्ध पर संवाद, एक प्लेटफॉर्म है। जिसका उद्देश्य युद्ध कला और युद्ध संचालन की ट्रेनिंग है। यह इस विश्वास पर आधारित है कि जो लोग युद्ध की योजना बनाते हैं, प्रशिक्षण देते हैं और उसको अंजाम देते हैं, उन्हें युद्ध के प्रमाणों की सामूहिक जिम्मेदारी उठानी है। ये सेमिनार ऐसा मंच उपलब्ध कराता है, जहां यूनिफॉर्म लर्नर, स्कॉलर्स, टेक्नोलॉजिस्ट, पॉलिसी मेकर, इंडस्ट्री और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर विचार विमर्श करते हैं। इस साल के सेमिनार का थीम है- इम्पैक्ट ऑफ टेक्नोलॉजी ऑफ वॉर फेयर। दो सब थीम भी हैं। एक- इमरजिंग टेक्नोलॉजी इन्टरेक्ट ऑफ फ्यूचर वॉर... दूसरी- जिस पर आज चर्चा हो रही है रिफॉर्म इन ट्रेनिंग कैटेलाइज टेक्नोलॉजिकल एंड डेवलपमेंट। इसमें ट्रेनिंग इनिशिएटिव ऑफ सिस्टम, इनडिकेटर एक्सरसाइजेज एंड टेक्नोलॉजी पर विचार-विमर्श करेंगे। पहले दिन सीडीएस ने कहा था- ऑपरेशन सिंदूर जारी है
इससे पहले रण संवाद 2025 के पहले दिन मंगलवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा था- भले ही भारत शांतिप्रिय देश है, लेकिन हम शांतिवादी नहीं हैं। दुश्मन गलतफहमी में न रहे। देश की सेनाएं युद्ध के लिए हमेशा तैयार हैं। सीडीएस चौहान ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है। ऑपरेशन सिंदूर एक आधुनिक संघर्ष था, जिससे हमने कई सबक सीखे। उनमें से ज्यादातर पर अमल चल रहा है। यह खबर भी पढ़ें...
CDS बोले- शांति चाहिए तो युद्ध के लिए तैयार रहें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने कहा कि भले ही भारत शांतिप्रिय देश है, लेकिन हम 'शांतिवादी' नहीं हैं। दुश्मन गलतफहमी में न रहे। देश की सेनाएं युद्ध के लिए हमेशा तैयार हैं। CDS मंगलवार को मध्यप्रदेश के महू स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित रण संवाद-2025 कार्यक्रम में बोल रहे थे। पढ़ें पूरी खबर
Click here to
Read more