US के सबसे एडवांस्ड फाइटर-जेट को गिरा चुका है मिग-21:राजस्थान में आखिरी उड़ान, विंग कमांडर बोले- भारतीय वायुसेना के हर पायलट ने इसे उड़ाया
3 hours ago

रिटायरमेंट से पहले राजस्थान में मिग-21 ने आखिरी उड़ान भरी। एयरचीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह से बीकानेर के नाल एयरबेस से इसमें उड़ान भरी। वे इस मौके पर भावुक भी नजर आए। वहीं, करीब 6 दशक से भारतीय सरहदों की रखवाली कर रहा मिग-21 फिर से चर्चा में आ गया है। विंग कमांडर जयदीप सिंह ने बताया कि भारतीय वायुसेना का वर्तमान में ऐसा कोई पायलट नहीं है जिसने इस फाइटर जेट का न उड़ाया हो। बालाकोट स्ट्राइक के बाद कैप्टन अभिनंदन वर्धमान ने मिग-21 बाइसन से ही एफ-16 को मार गिराया था। ये फाइटर जेट ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी ऑपरेशनल भूमिका में रहा। अब राजस्थान में हल्के लड़ाकू विमान तेजस की तैनाती की चर्चा है। 1963 में वायु सेना में शामिल हुआ मिग-21 भारतीय वायु सेना के बेड़े में मिग-21 को 1963 में शामिल किया गया। चंडीगढ़ में स्थापित इसकी पहली स्क्वाड्रन, 28 स्क्वाड्रन, को भारत के पहले सुपरसोनिक लड़ाकू विमान के रूप में 'फर्स्ट सुपरसोनिक्स' उपनाम दिया गया था। मिग-21 लड़ाकू विमान को नाम भी इसके डिजाइनर व निर्माता के नाम पर दिया गया। मिग शब्द मिकोयान और गुरेविच का संक्षिप्त रूप है, जो इस विमान के डिजाइनर और निर्माता थे। ढाका में राज्यपाल के आवास पर किया था हमला इस लड़ाकू विमान ने कई युद्धों में निर्णायक भूमिका भी निभाई। 1971 के युद्ध में, मिग-21 ने ढाका में राज्यपाल के आवास पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण कर दिया। इस विमान ने दुश्मन के लड़ाकू विमानों की कई पीढ़ियों को मार गिराया है। इसमें साल 1971 में F-104 से लेकर 2019 में F-16 तक के फाइटर जेट शामिल हैं। जिस F-16 को मारा गया था वो पाकिस्तानी एयरफोर्स का था। जिसे अमेरिका से खरीदा गया था। ऑपरेशन सिंदूर में भी भूमिका में रहा सिंह ने बताया कि भारतीय वायु सेना का लगभग हर पायलट, अन्य विमानों की ओर रुख करने से पहले मिग-21 उड़ा चुका है।
मिग-21 को साल 2025 की शुरुआत में ऑपरेशन सिंदूर में भी 'ऑपरेशनल' भूमिका में तैनात किया गया था। अब इस फाइटर जेट को रिटायर करने की शुरुआत राजस्थान से कर दी गई है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बीकानेर के नाल एयरबेस पर सोमवार (25 अगस्त ) को MiG-21 में उड़ान भरी। अब 19 सितंबर को मिग-21 लड़ाकू विमान को चंडीगढ़ एयरबेस पर मिग-21 का मुख्य विदाई कार्यक्रम होगा। 2021 के बाद 7 बार क्रैश हुआ MiG-21 इसलिए कहा गया उड़ता ताबूत मिग-21 का रिकार्ड शानदार रहा, लेकिन पिछले कुछ दशकों में हुए हादसों ने इसे बदनाम कर दिया। पिछले 60 सालों में 400 से ज्यादा मिग-21 क्रैश हुए, जिनमें 200 से ज्यादा पायलटों को जान गंवानी पड़ी। पुराने पुर्जों और तकनीक की वजह से इसका रखरखाव मुश्किल हो रहा था। इस वजह से मिग-21 को ‘फ्लाइंग कोफिन’ या ‘उड़ता ताबूत’ कहा गया। साल 2026 तक मिल जाएंगे 6 तेजस विमान भारतीय वायुसेना को मार्च 2026 तक कम से छह हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस मिल जाएंगे। रक्षा मंत्रालय ने फरवरी 2021 में वायुसेना के लिए 83 तेजस एमके-1ए जेट की खरीद के लिए एचएएल के साथ 48000 करोड़ रुपए का सौदा किया था। मंत्रालय 67000 करोड़ रुपए की लागत से 97 और एलसीए एमके-1ए खरीदने की प्रक्रिया में है। तेजस एकल इंजन वाला बहु-उपयोगी लड़ाकू विमान है, जो उच्च-खतरे वाले हवाई क्षेत्रों में संचालन में सक्षम है। तेजस एमके-1ए एक विश्व-स्तरीय विमान है, जो उच्च गुणवत्ता वाले रडार, इलेक्ट्रानिक युद्ध प्रणाली और कई तरह की मिसाइल से युक्त है। इन दिनों आकाश में तेजस, तेजस एमके2, राफेल, सू-30 पहले से ही उड़ान भर रहे हैं। .... मिग 21 से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... राजस्थान से MiG-21 फाइटर जेट रिटायर, वायुसेना प्रमुख भावुक हुए:बोले- तेजस लेगा जगह; बीकानेर के नाल एयरबेस पर उड़ान भरकर दी विदाई
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