यूपी के फतेहपुर में मकबरे पर भगवा लहराया, बवाल-पथराव, तोड़फोड़:हिंदू संगठनों का मंदिर होने का दावा; सड़क जाम करके हनुमान चालीसा पढ़ी
14 hours ago

यूपी में संभल के बाद अब फतेहपुर में मंदिर-मस्जिद विवाद शुरू हो गया। यहां सोमवार सुबह करीब 10 बजे अचानक बजरंग दल, हिंदू महासभा समेत कई हिंदू संगठनों के 2 हजार लोग ईदगाह में बने मकबरे पर पहुंच गए। पुलिस ने पहले से मकबरे के चारों तरफ बैरिकेडिंग कर दी थी, लेकिन लाठी-डंडे से लैस हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने मकबरे को मंदिर बताकर तोड़फोड़ करनी शुरू कर दी। कुछ युवकों ने मकबरे की छत पर चढ़कर भगवा झंडा लगा दिया। हिंदू महासभा के नेता मनोज त्रिवेदी भीड़ के साथ मकबरे के अंदर पहुंचे और पूजा करने लगे। मकबरे पर भगवा झंडा और पूजा-पाठ देख मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। करीब डेढ़ हजार मुस्लिम ईदगाह पहुंच गए। इसके बाद दोनों तरफ से पथराव होने लगा। पुलिस ने लाठियां चलाकर भीड़ को खदेड़ना शुरू किया। बवाल इतना बढ़ा कि 10 थानों की फोर्स बुलाई गई। इसके बाद हिंदू संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ता मकबरे से 500 मीटर दूर डाक बंगला चौराहे पर जाम लगा दिया। सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। हंगामा, बवाल की तस्वीरें... 6 जिलों के एएसपी रवाना
बवाल की सूचना पर ADG जोन प्रयागराज संजीव गुप्ता मौके पर पहुंच गए हैं। फ्लैग मार्च कर ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है। एडीजी के आदेश पर 6 जिलों के एएसपी फतेहपुर रवाना किए गए हैं। इनमें चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़ और कानपुर देहात के एएसपी शामिल हैं। एसपी अनूप सिंह ने बताया- पहले से यहां फोर्स तैनात थी। उसके बावजूद कुछ अराजक तत्व अंदर पहुंच गए। जिन्हें खदेड़ दिया गया। मौके पर सिर्फ पुलिसकर्मी तैनात हैं। सभी को यहां से वापस कर दिया गया। लोगों ने जो झंडा लगाया था, उसे हटा दिया गया है। शहर काजी बोले- कोई हंगामा न करे
शहर काजी सईदुल इस्लाम अब्दुल्ला ने मुस्लिम समुदाय से शान्ति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा- इन लोगों ने शहर का अमन चैन खराब करने के लिए हुड़दंग किया है, लेकिन हमें शांत रहना है। प्रशासन अपना काम करेगा। भास्कर पोल में हिस्सा लेकर अपनी राय दे सकते हैं... हिंदू संगठन ने पहले ही पूजा का किया था ऐलान
फतेहपुर शहर में ही आबूनगर इलाके में ईदगाह है। इसमें नवाब अब्दुल समद का मकबरा बना है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मकबरा करीब 200 साल पुराना है। 4 दिन पहले शुक्रवार को हिंदू संगठन मठ मंदिर संघर्ष समिति ने डीएम रवींद्र सिंह को ज्ञापन दिया था। इसमें कहा था कि ये स्थल मकबरा नहीं, बल्कि ठाकुर जी का मंदिर है। वहां से कब्जा हटाया जाएगा। साथ ही, ऐलान किया था कि 11 अगस्त को हम लोग इस जगह की साफ सफाई करके जन्माष्टमी मनाएंगे। इसे देखते हुए रविवार को ही डीएम और एसपी अनुज सिंह ने मौके का मुआयना किया था। सुबह से मकबरे के सामने फोर्स तैनात की गई थी, लेकिन हिंदू संगठन के लोग इतनी बड़ी संख्या में अचानक पहुंचे कि पुलिस कुछ देर के लिए संभाल नहीं पाई। हालांकि मकबरा मंदिर है, यह दावा पहली बार सामने आया है। हंगामे की पल-पल की अपडेट्स पढ़ने के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए....
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