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    भागवत बोले- वंदे मातरम कहना हमारा अधिकार:RSS के संवाद कार्यक्रम में कहा- संघ की बहुत चर्चा, लेकिन ज्यादातर जानकारी अधूरी

    8 hours ago

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    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने संगठन के 100 साल पूरे होने पर 26 से 28 अगस्त तक दिल्ली के विज्ञान भवन में तीन दिवसीय संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। संघ ने इसका शीर्षक 100 वर्ष की संघ यात्रा: नए क्षितिज रखा है। सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि वंदे मातरम कहना हमारा अधिकार है। उन्होंने कहा- '2018 में भी ऐसा ही कार्यक्रम हुआ था। संघ के बारे में बहुत सारी चर्चा होती है, लेकिन इनमें ज्यादातर जानकारी या तो अधूरी होती है या प्रामाणिक नहीं होती।' उन्होंने कहा- इसलिए संघ के बारे में सच्ची और सटीक जानकारी देना जरूरी है।संघ के बारे में कोई भी चर्चा तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए, धारणाओं पर नहीं। सही जानकारी मिलने के बाद श्रोता को यह तय करना होता है कि वह क्या निष्कर्ष निकालता है। मंगलवार को कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, अनुप्रिया पटेल, भाजपा सांसद कंगना रनौत और बाबा रामदेव समेत कई हस्तियां शामिल हुईं। भागवत की स्पीच की प्रमुख बातें... कार्यक्रम में 1300 लोगों को निमंत्रण संघ ने विभिन्न क्षेत्रों से 17 कैटेगरी और 138 सब-कैटेगरी के आधार पर 1300 लोगों को निमंत्रण भेजा है। पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी, क्रिकेटर कपिल देव और ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा इसमें भाग लेंगे। कई देशों के राजनयिक भी मौजूद रहेंगे। साथ ही, कार्यक्रम में मुस्लिम, ईसाई, सिख समेत सभी धर्मों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। दरअसल, RSS की स्थापना 1925 में दशहरा के अवसर पर हुई थी। इस साल RSS की स्थापना को 100 साल पूरे हो रहे हैं। इसको लेकर संघ की ओर से शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है। कार्यक्रम से जुड़ी 3 तस्वीरें... कार्यक्रम का शेड्यूल आरएसएस प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने बताया कि भागवत इस दौरान देश के भविष्य, संघ की दृष्टि और स्वयंसेवकों की भूमिका पर विचार रखेंगे। तीसरे दिन वे प्रतिभागियों के सवालों के जवाब देंगे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण मीडिया और सोशल मीडिया पर होगा। आगे ऐसी व्याख्यान श्रृंखलाएं बेंगलुरु, कोलकाता और मुंबई में भी आयोजित होंगी। संघ सभी धर्म और वर्गों के बीच पैठ बनाना चाहता है RSS का मानना है कि समाज से सीधा संवाद ही उनके विचार और दृष्टिकोण समझने का सबसे अच्छा तरीका है। यह आयोजन न सिर्फ संघ की 100 साल की यात्रा दिखाएगा, बल्कि धर्मों और वर्गों के बीच संवाद और सह-अस्तित्व की नई संभावनाओं को भी बढ़ावा देगा। 24 जुलाई- RSS प्रमुख भागवत मुस्लिम धर्मगुरुओं से मिले इससे पहले मोहन भागवत ने 24 जुलाई को दिल्ली के हरियाणा भवन में मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ बैठक की थी। RSS की टॉप लीडरशिप और 70 से ज्यादा मुस्लिम धर्मगुरुओं, बुद्धिजीवियों, मौलानाओं, स्कॉलर के बीच करीब 3 घंटे बातचीत हुई थी। इस बैठक में ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख उमर अहमद और RSS महासचिव दत्तात्रेय होसबाले, सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, राम लाल, इंद्रेश कुमार सहित आरएसएस के अन्य पदाधिकारी शामिल हुए हैं। हालांकि, वहां क्या बातचीत हुई, ये बात सामने नहीं आई।
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