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    बठिंडा प्लेन क्रैश की साइट पर पहुंचा भास्कर:खेत में 4 फीट गहरा गड्ढा हुआ, प्लेन के टुकड़े बिखरे; 24 घंटे पहरे में रहा गांव

    2 months ago

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    भारत की पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत मंगलवार-बुधवार की रात हुई एयर स्ट्राइक के बाद चर्चा में आया बठिंडा का अकलियां कलां गांव करीब 24 घंटे पुलिस और सेना के कब्जे में रहा। गांव का 2 किलोमीटर एरिया पूरी तरह सील कर दिया गया था। इस दौरान न वहां किसी को आने दिया गया और न जाने। जिस खेत में प्लेन क्रैश हुआ, उसका मालिक भी अभी तक इस मामले में मुंह खोलने को तैयार नहीं है। यहां तक कि अधिकारी भी नेशनल सिक्योरिटी का हवाला देकर कहने से बच रहे है। दैनिक भास्कर गुरुवार को उस खेत तक पहुंचा, जहां प्लेन क्रैश हुआ। यहां से प्लेन का पूरा मलबा हटाया जा चुका था। क्रैश साइट और उसके आसपास बिखरे पड़े प्लेन के छुटपुट टुकड़ों को कई महिलाएं इकट्ठा करती मिलीं। पूछने पर बताया कि कुछ लोगों ने उन्हें ये टुकड़े इकट्‌ठा करने के लिए कहा था। क्रैश साइट पर क्या दिखा, गांव अकलियां में हालात कैसे हैं, लोगों ने क्या देखा, पढ़िए पूरी रिपोर्ट... जिला मुख्यालय से करीब 22 किमी दूर है अकलियां कलां अकलियां कलां गांव बठिंडा जिला मुख्यालय से करीब 22 किलोमीटर दूर है। गांव के सबसे नजदीक गोनियाना कस्बा है, जिससे गांव की दूरी करीब 5-6 किलोमीटर दूर है। गोनियाना कस्बे में ही अनाज मंडी है। इसी मंडी में हरियाणा के चरखी दादरी का युवक गोविंद पल्लेदारी करता था, जिसकी मंगलवार-बुधवार की रात हुए इस प्लेन क्रैश हादसे में मौत हो गई थी। हादसे में अकलियां कलां और कोठे नत्था सिंहवाला गांव के ही रहने वाले 9 लोग घायल हो गए थे। गांव में पसरा सन्नाटा, इक्का-दुक्का लोग ही बाहर दिखे गोनियाना कस्बे से निकलते हुए ही अकलियां कलां गांव पहुंचा जाता है। क्रैश साइट तक पहुंचने का रास्ता गांव के बीच से ही होकर जाता है। मंगलवार-बुधवार की रात हुए हादसे के बाद से गांव में दिन में भी सन्राटा पसरा दिखा। इक्का-दुक्का लोग ही बाहर दिखे, जिन्होंने उस जगह का पता बताया, जहां प्लेन क्रैश हुआ था। यह दूरी करीब 500 मीटर थी। कच्ची पक्की सड़कों और खेत की पगडंडियों से होते हुए क्रैश साइट तक पहुंचा गया। क्रैश साइट पर 4 से 5 फुट गहरा गड्ढा जिस जगह प्लेन क्रैश हुआ, वहां करीब 4 से 5 फुट गहरा गड्‌ढा बन गया था। यह खेत अकलियां कलां गांव के ही वीरा का है, जिसमें उसने मक्के की बिजाई की हुई थी। करीब एक एकड़ वाला यह खेत अब पूरी तरह खराब हो चुका था। क्योंकि यहां मंगलवार-बुधवार की रात से लेकर बुधवार की शाम करीब 5 बजे तक पुलिस और सेना की टीमें डेरा डाले हुए थीं। टीमों ने यहां से प्लेन का मलबा हटा लिया था। मगर, क्रैश साइट और आसपास के क्षेत्र में अभी भी प्लेन के टुकड़े फैले हुए थे। 15 महिलाएं इकट्‌ठा कर रही थीं प्लेन के टुकड़े क्रैश साइट पर करीब 15 महिलाएं मिलीं, जो यहां प्लेन के बिखरे पड़े टुकड़ों को इकट्ठा कर रही थीं। बठिंडा से यहां पहुंचीं इन महिलाओं ने काफी सारे टुकड़े इकट्‌ठा कर लिए थे। ज्यादातर टुकड़े छोटे-छोटे ही थे। पूछने पर महिला शांति ने बताया कि गांव के कुछ लोगों ने उन्हें यहां से प्लेन के टुकड़े इकट्‌ठा करने को कहा है। सवाल पूछा कि इन टुकड़ों का क्या करना है? तो बोलीं- उन लोगों ने इस बारे में नहीं बताया। सिर्फ इतना कहा कि टुकड़े इकट्ठा कर लो, उसके बाद इनका जो करना है, कर लेना। सवाल पूछा गया कि तुम इन टुकड़ों का क्या करोगी? तो बोलीं- बेच देंगे। उसे जो रुपए मिलेंगे, घर चलाने के काम आएंगे। खेत में कुछ भी बोने से मना किया महिलाओं से सवाल किया कि गांव के लोगों ने यहां आने के लिए मना नहीं किया? इस पर शांति ने बताया कि गांव के लोगों ने ही उन्हें यहां का पता बताया था। लोगों ने कहा था कि पुलिस और सेना के अधिकारियों ने इस खेत में अभी कुछ भी बोने से मना किया है, तो तुम जाकर टुकड़े इकट्ठे कर सकती हो। लोगों के कहने पर ही वे यहां आ गईं। एक महिला ने बताया कि जब वे यहां पहुंची तो कई लोग खड़े थे। कुछ वीडियो भी बना रहे थे। सरपंच बोले- 2 घंटे तक होते रहे ब्लास्ट अकलियां कलां के पंचायत मेंबर सुखमिंदर सिंह सिंह ने बताया कि रात 1 बजकर 25 मिनट पर जहाज गिरा। इसमें 2 घंटे तक ब्लास्ट होते रहे। इसमें एक की मौत हो गई, जबकि उनके गांव के भी 7 लोग घायल हो गए। वीडियो बनाने के चक्कर में ये घायल हुए हैं। जब यह जहाज गिरा तो इसमें आग लगी हुई थी। 3 बजे के करीब आर्मी आ गई और सारा एरिया सील कर दिया। अब जानिए गांव और गुरुद्वारे का हाल... पर्चे काट दिए जाएंगे, हम नहीं बता सकते कुछ क्रैश साइट से रिपोर्टर गांव अकलियां कलां पहुंचा। पूरे गांव में दिन में ही सन्नाटा पसरा हुआ था। इक्का-दुक्का लोग मिले। खेत मालिक वीरा के बारे में पूछने पर बोले- हमें नहीं पता। थोड़ी रिक्वेस्ट करने पर बताया कि जहाज के गिरने के बाद लोग डरे हुए हैं। पुलिस और सेना के अफसरों ने भी इस बारे में कुछ भी बताने से मना किया है। उन्होंने कहा कि कुछ भी बताया तो पर्चे काट दिए जाएंगे। इसलिए गांव में कोई भी इस बारे में कुछ भी नहीं बताएगा। गुरुद्वारे में लोग बोले- सरकार ने मना किया प्लेन क्रैश होने के बाद कई लोगों ने घटनास्थल के वीडियो बनाए थे। इसके बाद गांव अकलियां कलां के ही गुरुद्वारे से अनाउंसमेंट हुई, जिसमें कहा गया कि लोग प्लेन के वीडियो न बनाएं। जिन लोगों ने बनाए हैं, वह इसे डिलीट कर दें और आगे किसी को न भेजें। बुधवार तक इस गुरुद्वारे तक पहुंचने के लिए नाकाबंदी थी। गुरुवार को रास्ते तो खुल गए थे, लेकिन गांव में इसका असर अभी तक भी था। गुरुद्वारे में तीन लोग बैठे मिले। हादसे के बारे में पूछने पर बताया कि सरकार ने मना किया है। रिक्वेस्ट करने पर बोले- यह देश की सुरक्षा का मामला है, सरकार ने मना किया है, कुछ नहीं बता सकते। गोनियाना अस्पताल की नर्स बोलीं- कई जख्मी आए थे प्लेन क्रैश हादसे में गांव अकलियां कलां के रहने वाले सतपाल सिंह (35), राजदीप सिंह (19), रवि सिंह (21), मनप्रीत सिंह (23), मंगा सिंह (27), प्रिंस पाल (28), जसबीर सिंह (25) और कोठे नत्था सिंहवाला गांव निवासी राज कुमार (40) व जगमीत सिंह (15) घायल हो गए थे। इन सभी को पुलिस टीम ने सबसे नजदीक गोनियाना मंडी सिविल अस्पताल में भर्ती कराया था। इन घायलों को प्राथमिक उपचार देकर तुरंत ही बठिंडा के सिविल अस्पताल में रेफर कर दिया गया था। बुधवार तक यहां के डॉक्टर से लेकर कर्मचारी तक इस बारे में कुछ भी बताने को तैयार नहीं थे। मगर, गुरुवार को एक नर्स ने सिर्फ इतना बताया कि प्लेन क्रैश वाले हादसे के घायलों को जब यहां लाया गया था, उनमें से एक गोविंद तक तो मौत हो गई थी, जबकि दो गंभीर घायल थे। बाकी को छुटपुट चोटें ही आईं थीं। इलाज के बाद सभी को यहां से भेज दिया गया था। घायलों को बठिंडा अस्पताल से मिली छुट्टी बुधवार की अल सुबह जब घायलों को बठिंडा अस्पताल लाया गया तो वहां से सतपाल सिंह पुत्र मिठू सिंह (35) और राज कुमार पुत्र पिला सिंह (40) को बठिंडा एम्स रेफर कर दिया गया था। यहां केवल राजदीप सिंह (19), रवि सिंह (21), मनप्रीत सिंह (23), मंगा सिंह (27), प्रिंस पाल (28), जसबीर सिंह (25) और जगमीत सिंह (15) भी भर्ती थे। इन सभी को एक वार्ड में रखा गया था, जिनकी निगरानी 8 से 10 पुलिस कर्मी कर रहे थे। डॉक्टरों के अलावा यहां किसी और को आने की परमिशन नहीं थी। गुरुवार की सुबह यहां भर्ती सभी लोगों को छुट्‌टी दे दी गई, लेकिन वे कहां गए, इसके बारे में अस्पताल स्टाफ ने बताने से मना कर दिया।
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