चंडीगढ़ निगम मीटिंग में गाली-गलौज:महिलाएं बैठक छोड़ निकलीं; पूर्व मेयर टीटा और पार्षद सोनकर में भिड़ंत; लावारिस शवों का मुद्दा उठा
14 hours ago

चंडीगढ़ नगर निगम की 352वीं बैठक की शुरुआत से ही माहौल गरम रहा। आप और कांग्रेस ने मेयर व अधिकारियों को कई मुद्दों पर घेर लिया, जिससे हंगामा हो गया। दोपहर बाद जब बैठक फिर शुरू हुई तो पूर्व मेयर कुलदीप टीटा और बीजेपी पार्षद मनोज सोनकर आपस में भिड़ गए। बीच-बचाव के दौरान सदन में गालियां गूंजने लगीं, जिसके चलते कई महिलाएं बैठक छोड़कर चली गईं। मेयर ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। बैठक में कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत ने बिना टेंडर के कर्मचारियों की भर्ती का मुद्दा उठाया, जिस पर भी हंगामा हुआ। विपक्ष भ्रष्टाचार को लेकर मेयर पर निशाना साधने की तैयारी में था। बैठक में स्वच्छता व्यवस्था, पार्किंग प्रबंधन, ठोस कचरा निपटान और सड़क रखरखाव जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होनी है। पार्षदों, मनोनीत पार्षदों और अधिकारियों की मौजूदगी में कई बड़े प्रस्तावों पर विचार के बाद निर्णय लिया जाएगा। चंडीगढ़ निगम बैठक की 2 तस्वीरें.. करप्ट जेई काे बचाने के आरोप
मीटिंग में बीजेपी के पार्षद सौरभ जोशी ने कहा एक ही संस्था को टेंडर क्यों दिया जा रहा है। जबकि और भी टेंडर आ रहे हैं, जो अच्छा काम करते हैं। सौरभ जोशी ने ज्वाइंट कमिश्नर से सवाल किया कि आपके द्वारा इस काम को रोका जा रहा है। यह लोगों की धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ मामला है। एक जेई जो कि करप्ट है, वह वही लगा हुआ है, उसे बचाने की कोशिश की जा रही हैं। बंटी ने रिश्वत मामले में उठाए सवाल
नगर निगम की मीटिंग में सीनियर डिप्टी मेयर जसवीर बंटी ने कहा कि कुछ दिन पहले नगर निगम कर्मचारी विकास ने इन्फोर्समेंट के अधिकारियों पर 6 लाख वसूली हर महीने लेने का आरोप लगाया था। उस मामले में सिर्फ ट्रांसफर कर दी गई, लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं की गई। मीटिंग में पार्षद प्रेमलता द्वारा हंगामा करने के बीच भाजपा की पूर्व मेयर सरबजीत कौर ने कहा कि यह सब झूठ बोला जा रहा है। शहर में जितने भी काम हुए हैं डेवलपमेंट के, वह सब बीजेपी ने करवाई है। लावारिस शवों के संस्कार का मुद्दा उठा
मीटिंग में नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर जसवीर बंटी ने कहा कि उसने नगर निगम से एक जबाव मांगा था, जिसमें उसने लिखा था कि जो लावारिस शव होते हैं, उनका संस्कार अब तक कितने शवों का हो चुका है। जिसका जवाब आया कि अब तक उन्होंने कोई संस्कार नहीं किया और साढे तीन लाख रुपए नगर निगम से इसके खर्चे के लिए दिए जाते हैं। जबकि पुलिस ने कहा कि सारा खर्चा पुलिस द्वारा लावारिस शवों का किया जाता है और आगे उसने पूछा था कि 2024 के बाद अस्थियों का विसर्जन करने कौन जाता है। जवाब आया कि अब जाने लगे हैं। फंड को लेकर AAP पार्षद का हंगामा
मीटिंग में आम आदमी की पार्षद प्रेमलता ने हंगामा शुरू कर दिया। उसने कहा कि नगर निगम के पास फंड ही नहीं है। सारे काम रुक पड़े हैं और भाजपा कहती है कि उन्हें फंड आ चुका है। इसको लेकर हंगामा शुरू हो गया। मीटिंग में उठेंगे कई मुद्दे
बैठक में शहर की स्वच्छता व्यवस्था, पार्किंग प्रबंधन, ठोस कचरा निपटान और सड़कों के रखरखाव जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा। पार्षदों, मनोनीत पार्षदों और अधिकारियों की उपस्थिति में कई अहम प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बैठक में दक्षिणी सेक्टरों में जीआईएस आधारित मशीनी और मैनुअल सफाई शुरू करने, रामदरबार और मनीमाजरा में टूरिस्ट बसों के लिए पेड पार्किंग शुरू करने, वी-3 सड़कों को यूटी प्रशासन को हस्तांतरित करने, डड्डूमाजरा में कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्लांट लगाने और कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन वेस्ट मैनेजमेंट सुविधा को ठेके पर देने जैसे प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।
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