छत्तीसगढ़ में गिरफ्तार केरल की दो नन को जमानत:पीड़ित बोली-पीट-पीटकर बयान बदलवाया, दुर्ग से दिल्ली-केरल तक बवाल, पढ़िए 9 दिन में अबतक क्या-क्या हुआ
3 days ago

तारीख 25 जुलाई 2025 समय - सुबह 8:30 बजे ये वो तारीख और वक्त है, जब दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने 3 आदिवासी युवतियां, एक युवक और 2 मिशनरी सिस्टर्स को पकड़ा। बजरंग दल ने GRP थाने में दोनों ननों के खिलाफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग के आरोप में FIR दर्ज कराई। अब पिछले 9 दिनों से दुर्ग जेल में बंद दोनों नन को बिलासपुर NIA कोर्ट ने 50-50 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी है। ननों की गिरफ्तारी के खिलाफ लोकसभा-राज्यसभा संसद में मामला उठा, कई राज्यों में प्रदर्शन हुए। केरल से सांसदों का प्रतिनिधिमंडल भी ननों से मिलने दुर्ग जेल पहुंचा। सांसदों ने कहा कि सरकार ने फर्जी केस में फंसाकर जेल में डाला। वहीं मेघायल CM कॉनराड संगमा ने फर्जी केस रद्द करने की अपील की। आज भी 5 सांसद जॉन ब्रिटास, जोस के मणि, पी संतोष, चंडी ओमेन, सनी जोसेफ पहुंचे थे। दोनों ननों की गिरफ्तारी का मामला दुर्ग कोर्ट से खारिज होने के बाद बिलासपुर NIA कोर्ट पहुंच था। कैथोलिक नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस की जमानत याचिका पर आज यानी 2 अगस्त को फैसला आया। ननों के वकील ने बताया कि पुलिस के पास सबूत नहीं हैं। छत्तीसगढ़ समेत कई जगहों पर बवाल के बीच 3 युवतियों में से एक युवती ने मीडिया के सामने आकर बयान दिया कि, ननों ने उसके साथ कोई गलत व्यवहार नहीं किया। दुर्ग में उनसे मारपीट की गई। जबरन बयान बदलवाया गया। दैनिक भास्कर की इस रिपोर्ट में जानिए केस में अब तक क्या-क्या हुआ, लड़कियों और ननों के क्या बयान सामने आए, केस में लगाए गए कानून क्या कहते हैं, किस नेता ने क्या कहा इस तरह के सभी सवालों के जवाब पढ़िए... सबसे पहले जानिए NIA कोर्ट में क्या-क्या हुआ ? ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस में गिरफ्तार ननों के मामले में शुक्रवार को बिलासपुर NIA कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान पीड़ित पक्ष ने अपनी दलीलें दर्ज कराईं। NIA कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था। NIA कोर्ट के जज सिराजुद्दीन कुरैशी आज ननों की जमानत पर फैसला सुनाया। अब जानिए की क्या है मानव तस्करी ? मानव तस्करी एक संगठित अपराध है, जिसमें धोखे, लालच, जबरदस्ती या बलपूर्वक लोगों को उनके घर या देश से दूर ले जाकर उनका शोषण किया जाता है। इसमें जबरन मजदूरी कराना, यौन शोषण/वेश्यावृत्ति, अंग व्यापार और शादी के लिए तस्करी होती है। इस केस में जमानत "नॉन-बेलेबल" होती है। खासकर बच्चों या महिलाओं से जुड़े मामलों में FIR होते ही गिरफ्तारी अनिवार्य होती है। वहीं सजा की बात करें तो कोर्ट 10 साल की सजा, आजीवन कारावास और जुर्माना लग सकता है। अब जानिए बवाल, गिरफ्तारी और लोकसभा-राज्यसभा तक की कहानी ? दरअसल, 25 जुलाई को मिशनरी सिस्टर्स और एक युवक 3 लड़कियों के साथ रेलवे स्टेशन पर घूम रहे थे। इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एक लड़की को रोते हुए देखा। इस दौरान उसके साथ आया युवक लड़की से कह रहा था कि तुम इतनी दूर आ गई हो, इसलिए तुम्हें जाना होगा। इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ता युवक की बातचीत सुन रहे थे। ऐसे में उन्हें मिशनरी सिस्टर और युवक पर शक हुआ। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने तीनों से पूछताछ की। पता चला कि मिशनरी सिस्टर और युवक तीनों लड़कियों को आगरा ले जा रहे थे। मिशनरी सिस्टर और युवक के बीच बातचीत पर शक होने पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्टेशन पर हंगामा खड़ा कर दिया। हंगामे के बीच तीनों लड़कियों, 2 ननों और उनके साथ एक युवक को जीआरपी ने पकड़ लिया और थाने ले आई। दुर्ग रेलवे स्टेशन से लेकर GRP थाने तक जमकर हंगामा बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मानव तस्करी और धर्मांतरण का आरोप लगाकर दुर्ग रेलवे स्टेशन के GRP चौकी में नारेबाजी कर हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान बजरंग दल के दुर्ग जिला संयोजक रवि निगम और बजरंग दल की प्रदेश संयोजिका ज्योति शर्मा को सूचना दी। इस दौरान बजरंग दल की प्रदेश संयोजिका ज्योति शर्मा भी कार्यकर्ताओं के साथ थाने पहुंची। ज्योति शर्मा ने मिशनरी सिस्टर (नन) पर युवतियों को नौकरी का झांसा देकर ले जाकर बेचने और धर्मांतरण का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि यह मामला सिर्फ नौकरी दिलाने का नहीं, बल्कि मानव तस्करी और धर्मांतरण से जुड़ा है। इसके बाद दोनों ननों प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस के खिलाफ FIR हुई। उन्हें गिरफ्तार किया गया। अब जानिए नन केस में अब तक क्या-क्या हुआ ? 25 जुलाई 2025 को GRP थाना दुर्ग में FIR हुई। इसमें BNS धारा 143 मानव तस्करी से जुड़ी धारा और गैर-जमानती अपराध के तहत केस दर्ज हुआ। साथ ही छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 1968 की धारा 4 बिना अनुमति धर्मांतरण कराने का अपराध। गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन, संसद में उठा मामला छत्तीसगढ़ के कई जिलों दुर्ग, रायपुर, रायगढ़, कोरबा और जगदलपुर में ईसाई संगठनों ने प्रदर्शन किया। यह मामला संसद में उठा। केरल के सांसद डेरेक ओ ब्रायन और बिनॉय विश्वम ने राज्यसभा में इस घटना को "ईसाई समुदाय पर हमला" बताया। उन्होंने इसे राजनीतिक द्वेष और धार्मिक असहिष्णुता से प्रेरित गिरफ्तारी कहा। राहुल और प्रियंका गांधी ने गिरफ्तारी पर सरकार को घेरा वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट कर गिरफ्तारी की निंदा की। उन्होंने कहा कि दो ईसाई ननों को बिना किसी कानूनी आधार के हिरासत में लिया गया। उन पर धर्मांतरण और मानव तस्करी के झूठे आरोप लगाए गए हैं। वहीं रायबरेली से लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि छत्तीसगढ़ में 2 कैथोलिक ननों को उनको आस्था के कारण निशाना बनाकर जेल भेज दिया गया। यह न्याय नहीं, बल्कि भाजपा आरएसएस का भीड़तंत्र है। यह एक खतरनाक पैटर्न को दर्शाता है। CM विष्णुदेव साय से प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की वहीं 29 जुलाई को केरल से कांग्रेस नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल इन ननों से जेल में मिला। पार्लियामेंट डेलिगेशन जिनमें केरल के सांसद मौजूद थे, उन्होंने छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय से मुलाकात की। ननों के खिलाफ गलत कार्रवाई को लेकर चर्चा की। इसके साथ ही 29 जुलाई को ही केरल में कोच्चि, एर्नाकुलम, अंगामाली में बिशप्स, नन, स्थानीय नागरिकों ने बड़े प्रदर्शन आयोजित किए गए। छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी को संवैधानिक अधिकारों पर हमला बताया गया। दुर्ग कोर्ट से ननों की जमानत याचिका खारिज वहीं ननों की गिरफ्तारी के बाद 30 जुलाई को दुर्ग सेशन कोर्ट में जमानत याचिका लगाई गई, जहां से कोर्ट ने जमानत खारिज कर दी। दुर्ग के अधिवक्ता आशीष शुक्ला ने बताया 5 बिंदुओं में बताया कि ननों को क्यों सेशन कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया। एक पीड़िता ने ननों का समर्थन किया, कहा- वह निर्दोष वहीं ननों से छुड़ाई गई नारायणपुर के अबूझमाड़ की रहने वाली कमलेश्वरी ने 1 अगस्त को कहा कि हमें कोई अपहरण कर नहीं ले जा रहा था। अपनी मर्जी से आगरा जा रहे थे। ननों पर झूठा आरोप लगाया गया है। हमसे मारपीट कर जबरदस्ती बयान लिया गया। मेरा पूरा परिवार पिछले 5-6 साल से ईसाई धर्म को मान रहा है। .................................... इससे संबंधित ये खबर भी पढ़ें नन गिरफ्तारी केस...बेल पर NIA कोर्ट कल सुनाएगा फैसला: युवती बोली-मर्जी से आगरा जा रहे थे, पीटकर बयान लिया, मेघालय CM बोले-झूठा केस रद्द कीजिए छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस में गिरफ्तार दो ननों के मामले में शुक्रवार को बिलासपुर NIA कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान पीड़ित पक्ष ने अपनी दलीलें दर्ज कराईं। वहीं NIA ने आरोपों को सही ठहराने के लिए अपनी तैयारी पेश की। पढ़ें पूरी खबर...
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