गोरखपुर में 600 ट्रेनी महिला सिपाही रोते-चिल्लाते बाहर आईं:एक बोली- बाथरूम में कैमरे लगे; प्रेग्नेंसी टेस्ट का आदेश देने वाले DIG हटे
1 week ago

गोरखपुर में ट्रेनी महिला सिपाहियों ने बुधवार सुबह 8 बजे हंगामा कर दिया। 600 महिला सिपाही रोती-चिल्लाती ट्रेनिंग सेंटर से बाहर आ गईं। उन्होंने ट्रेनिंग सेंटर की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए। एक महिला सिपाही ने कहा- ट्रेनिंग सेंटर के बाथरूम में कैमरे लगे हैं। हमारे वीडियो बन गए हैं। क्या उनको वापस किया जाएगा? अब क्या होगा? कल कुछ अफसर आए थे, वो खरी-खोटी सुनाकर चले गए। महिला सिपाहियों ने यह भी कहा कि ट्रेनिंग सेंटर में 360 लड़कियों के रहने का इंतजाम है, लेकिन 600 रह रही हैं। हंगामे की सूचना मिलते ही अफसरों के हाथ-पांव फूल गए। कारण यह कि जिस पीएसी टावर में ट्रेनिंग चल रही है, वहां सीएम योगी का गुरुवार को कार्यक्रम होना है। इसके लिए आज ही योगी गोरखपुर पहुंच चुके हैं। इसीलिए हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के ट्रेनर और ADG समेत पुलिस के सीनियर अफसर तुरंत मौके पर जा पहुंचे। महिला सिपाहियों को समझाकर अंदर ले गए। अफसरों ने करीब 5-6 घंटे तक महिला सिपाहियों को समझाया और उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिया। महिलाओं ने बाथरूम की गैलरी में लगे कैमरे हटवाने की मांग की। इसके बाद मामला शांत हो पाया। मामला लखनऊ तक पहुंचा, तो अभद्र भाषा इस्तेमाल करने पर ट्रेनिंग सेंटर के फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर (PTI) को सस्पेंड कर दिया गया। वहीं, डीजीपी राजीव कृष्ण ने शॉर्ट नोटिस पर अफसरों के साथ मीटिंग की। इसमें सभी पुलिस ट्रेनिंग सेंटर, पीएसी, ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और कॉलेज के प्रमुखों को शामिल रहे। डीजीपी ने पीएसी के अफसरों को जमकर फटकार लगाई। कहा- नई भर्ती के सिपाहियों की ट्रेनिंग का शेड्यूल पहले से तय था। इसके बावजूद अव्यवस्था क्यों हुई? माना जा रहा है इस मामले में कुछ और सीनियर अफसरों पर कार्रवाई हो सकती है। डीजीपी राजीव कृष्ण के निर्देश पर प्लाटून कमांडर एवं आरटीसी प्रभारी संजय राय को महिला ट्रेनी सिपाहियों की समस्याओं का समय से निराकरण न करने की वजह से सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा 26वीं बटालियन पीएसी के कमांडेंट आनंद कुमार को काम में लापरवाही करने का दोषी पाए जाने पर सस्पेंड किया गया है। वहीं, पीएसी में महिला ट्रेनी आरक्षियों के बवाल के बाद देर रात सरकार ने बड़ा एक्शन लिया। महिला ट्रेनी कॉन्स्टेबल का प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने वाले डीआईजी और प्रधानाचार्य पुलिस ट्रेनिंग स्कूल गोरखपुर रोहन पी. कनय को हटा दिया गया है। उन्हें वेटिंग में रखते हुए डीजीपी ऑफिस भेजा गया है। पीटीएस गोरखपुर में तैनात अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार प्रथम को प्रभारी प्रधानाचार्य पीटीएस गोरखपुर बनाया गया है। एडिशनल एसपी केंद्रीय रिजर्व स्टोर कानपुर नगर निहारिका वर्मा को गोरखपुर में 26वीं पीएसी का कमांडेंट बनाया गया है। इनके अलावा पीटीएस मेरठ में तैनात डीआईजी सत्येंद्र कुमार को भी वेटिंग में भेजा गया है। उनकी जगह पीएसी आगरा सेक्टर में तैनात डीआईजी पूनम को मेरठ पीटीएस में डीआईजी और प्रधानाचार्य बनाया गया है। उधर, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि जब मुख्य नगरी का ये हाल है, तो बाकी का क्या कहना? नारी वंदना भाजपा का जुमला है। एडिशनल लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने बताया- सुबह कुछ रिक्रूट ने बिजली-पानी की समस्या को लेकर प्रदर्शन किया था, अब स्थिति नियंत्रण में है। प्रदर्शन समाप्त हो चुका है। पीएसी के वरिष्ठ अधिकारियों को गोरखपुर भेजा गया है। हंगामे की 5 तस्वीरें देखिए... एडीजी, एसएसपी पहुंचे, लखनऊ से भी अफसर रवाना
बुधवार को सीएम योगी भी गोरखपुर में हैं। गुरुवार को योगी को पीएसी कैंपस में ही 252 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करना है। ऐसे में मामले को देखते हुए लखनऊ से सीनियर अफसर तुरंत गोरखपुर रवाना हो गए। एडीजी मुथा अशोक जैन और एसएसपी राजकरण भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने महिला सिपाहियों से बात कर समझाया। आईजी पीएसी मध्य जोन प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि बाथरूम में कैमरे की बात जांच में गलत पाई गई। ट्रेनिंग सेंटर में बिजली की समस्या को दूर कर दिया गया है। यह ट्रेनिंग सेंटर गोरखपुर के बिछिया स्थित पीएसी कैंपस में बना हुआ है। यहां यूपी पुलिस की 60 हजार भर्ती में चयनित महिला सिपाहियों की ट्रेनिंग 21 जुलाई से शुरू हुई है। प्रेग्नेंसी जांच के आदेश पर भी भड़कीं महिला सिपाही
दरअसल, महिला सिपाहियों का ट्रेनिंग से पहले हेल्थ चेकअप होना था। इसी बीच, डीआईजी रोहन पी. ने हेल्थ चेकअप के दौरान प्रेग्नेंसी जांच कराने का भी निर्देश जारी कर दिया। इसके लिए CMO को पत्र लिखकर मेडिकल टीम बुलाई गई। सूत्रों ने बताया कि इस आदेश के बाद महिला सिपाही नाराज हो गईं। हालांकि, आईजी ट्रेनिंग चंद्र प्रकाश ने डीआईजी का आदेश निरस्त कर दिया। कहा- किसी अनमैरिड महिला सिपाही की प्रेग्नेंसी जांच नहीं कराई जाएगी। अगर कोई प्रेग्नेंट है तो वह खुद शपथपत्र देकर बाद के बैच में जा सकती है। दरअसल, पुलिस ट्रेनिंग के दौरान नियम है कि शादीशुदा महिला सिपाहियों की प्रेग्नेंसी जांच की जाती है। अनमैरिड लड़कियों को एक शपथपत्र देना होता है कि वे प्रेग्नेंट नहीं हैं। जो प्रेग्नेंट होती हैं, उन्हें ट्रेनिंग से अलग कर दिया जाता है। यानी, बाद के बैच में शिफ्ट कर दिया जाता है। महिला सिपाहियों के प्रदर्शन से जुड़े अपडेट्स के लिए लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए-
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