Search…

    Saved articles

    You have not yet added any article to your bookmarks!

    Browse articles
    Select News Languages

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    हरियाणा CM बोले-यमुना से 16 हजार MT कचरा साफ:दिल्ली के साथ जॉइंट कमेटी बनेगी, पानी साफ करने के लिए नए प्लांट लगाए जाएंगे

    20 hours ago

    1

    0

    हरियाणा और दिल्ली के बीच यमुना के इंटर-स्टेट जल विवाद को सुलझाने के लिए केंद्र ने पहल शुरू की है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री आर. पाटिल की मध्यस्थता में दोनों राज्यों के बीच चर्चा शुरू हुई। इस बैठक में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मौजूद रहे। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता किसी कारण से बैठक में शामिल नहीं हो पाईं। यमुना के लिए दिल्ली-हरियाणा की संयुक्त कमेटी बैठक के बाद मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि दिल्ली और हरियाणा ने मिलकर यमुना की सफाई के काम को और तेज करने पर चर्चा की। दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने के बाद यमुना से लगभग 16 हजार मीट्रिक टन कचरा साफ किया जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस काम को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके साथ ही दोनों राज्यों ने संयुक्त कमेटी (CWC) बनाने का फैसला किया है, जो यमुना से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान करेगी। हरियाणा में ही साफ होगा यमुना का पानी सीएम नायब सैनी ने बताया, हरियाणा में यमुना में स्वच्छ पानी के लिए अब तक 44 STP लगाए गए हैं। ये STP 620 MLD यमुना के पानी को ट्रीट करने के लिए काम करेंगे। 510 MLD के STP और बनाये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री सैनी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले की कड़ी निंदा की। सीएम ने कहा, दिल्ली की मुख्यमंत्री पर हुआ हमला दुर्भाग्यपूर्ण है। दरअसल, अभी तक यमुना की पानी को लेकर दिल्ली और हरियाणा के बीच हमेशा से विवाद रहा है। इसकी वजह यह भी थी कि दिल्ली में अभी तक आम आदमी पार्टी (AAP) की थी, लेकिन अब यहां बीजेपी सत्ता में आई है। चूंकि हरियाणा में भी बीजेपी की सरकार है तो केंद्र चाहता है कि दिल्ली और हरियाणा के इंटर स्टेट मुद्दे सुलझा लिए जाएं। क्या है दिल्ली-हरियाणा के बीच यमुना जल विवाद दिल्ली और हरियाणा के बीच यमुना जल को लेकर विवाद कोई नया नहीं है, बल्कि सदियों पुराना है। यह विवाद केवल दो राज्यों से जुड़ा नहीं है, बल्कि पांच राज्यों से जुड़ा है। दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश। 1954 में यमुना जल समझौता हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच हुआ था, जिसमें हरियाणा को यमुना के जल का 77 प्रतिशत हिस्सा और उत्तर प्रदेश को 23 प्रतिशत तय किया गया था। लेकिन उस समय तीन राज्यों का जिक्र नहीं किया गया था। बाद में दिल्ली, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश ने भी दावा ठोका और विवाद गहराया। 1993 में दिल्ली और हरियाणा के बीच हुआ जल समझौता 1993 में दिल्ली और हरियाणा के बीच जल समझौता हुआ, जिसमें मुनक नगर के जरिए दिल्ली को पानी देने पर सहमति बनी। फिर 1994 में पांच राज्यों के बीच यमुना के जल को लेकर समझौता हुआ, जिसमें सभी राज्यों को उनके हिस्सा का पानी दिया जाता है। लेकिन उस समझौते में दिल्ली को सबसे अधिक फायदा हुआ। समझौते के अनुसार दिल्ली को जब भी पानी की जरूरत होगी, उसे पूरा किया जाएगा। दिल्ली पानी के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर दिल्ली पानी के लिए हमेशा से दूसरे राज्यों पर निर्भर रहा है। उसके पास खुद के कोई ठोस जल स्त्रोत नहीं हैं। दिल्ली, हरियाणा द्वारा छोड़े जाने वाले यमुना के जल पर ज्यादा निर्भर है, लेकिन गर्मी की शुरुआत होते ही दिल्ली का आरोप रहता है कि हरियाणा कम पानी छोड़ रहा है, जबकि हरियाणा सरकार का कहना है कि उसकी ओर से पर्याप्त पानी छोड़े जाते हैं, लेकिन दिल्ली में पानी बर्बादी जल संकट के लिए जिम्मेदार है।
    Click here to Read more
    Prev Article
    बाढ़ की चपेट में पंजाब के 6 जिले:फिरोजपुर के 12 गांव डूबे, होशियारपुर में कार बही, भाखड़ा-पूंग डैम से पानी छोड़ा, NDRF तैनात
    Next Article
    झांसी में पूर्व प्रधान ने गर्लफ्रेंड के किए 7 टुकड़े:3 कुएं में डाले, बाकी नदी में फेंके; शादी का दबाव बना रही थी

    Related Politics Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment