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    इटारसी के आरिफ की किडनी लेने से प्रेमानंद का इनकार:संत बोले-ऐसी भावना सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देती है; वृंदावन बुलाकर सम्मानित करेंगे

    9 hours ago

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    वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज ने इटारसी निवासी आरिफ खान चिश्ती की किडनी लेने से इनकार कर दिया है। महाराज की तरफ से कहा गया है कि ऐसी भावनाएं सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देती हैं। यह मानवता की राह पर चलने का उदाहरण है लेकिन वे आरिफ की किडनी नहीं ले सकते। प्रेमानंद महाराज ने आरिफ को मिलने के लिए वृंदावन बुलाया है। दरअसल, इटारसी में न्यास कॉलोनी निवासी आरिफ खान चिश्ती ने कलेक्टर सोनिया मीणा के जरिए 20 अगस्त को प्रेमानंद महाराज को पत्र लिखा था। उनको ई-मेल और व्हाट्सएप पर मैसेज भी भेजा था। इसमें लिखा था- प्रेमानंद महाराज हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक हैं। वे समाज में प्रेम और शांति का संदेश देते हैं। मीडिया से पता चला कि महाराज की दोनों किडनियां खराब हैं इसलिए मैं अपनी एक किडनी उनको दान करना चाहता हूं। बता दें कि प्रेमानंद महाराज किडनी की ऑटोसोमल डोमिनेंट पॉलीसिस्टिक बीमारी से पीड़ित हैं। उनकी दोनों किडनी फेल हो गई हैं। महाराज के सहायक ने किया फोन प्रेमानंद महाराज के सहायक प्रतीक ने शनिवार को वृंदावन स्थित आश्रम से आरिफ को फोन किया। बताया कि ई-मेल के माध्यम से भेजा गया आरिफ का संदेश महाराज तक पहुंच गया है। महाराज को आरिफ की उदारता और सोच बेहद पसंद आई है। यह भावना दुनिया के हर व्यक्ति में होनी चाहिए। प्रतीक ने आरिफ को यह भी बताया कि महाराज उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहते हैं और इसके लिए जल्द ही वृंदावन बुलाएंगे। आरिफ ने बताया था व्यक्तिगत निर्णय आरिफ ने कहा था कि समाज की सोच उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं है। यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है। आरिफ के परिवार में पिता और तीन भाई हैं। मां का निधन हो चुका है। आरिफ सबसे छोटे हैं। तीनों बड़े भाई कोरियर में काम करते हैं। उनकी शादी एक साल पहले हुई है। पत्नी भी उनके किडनी दान को सपोर्ट कर रही हैं। राज कुंद्रा ने कहा था- मेरी एक किडनी आपके नाम एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और उनके बिजनेसमैन पति राज कुंद्रा हाल ही में प्रेमानंद महाराज से मिलने वृंदावन पहुंचे थे। प्रेमानंद महाराज से शिल्पा ने शांति के उपाय पूछे तो राज ने उन्हें अपनी किडनी दान करने की इच्छा जताई थी। राज ने प्रेमानंद महाराज से कहा था- मैं जानता हूं कि आप 10-20 साल से फेल किडनी के साथ चल रहे हो। अगर मैं कभी आपके काम आ सकता हूं तो आज मेरी एक किडनी आपके नाम। राज की इस बात पर प्रेमानंद महाराज ने हंसते हुए न कह दिया था। वे बोले- तुम स्वस्थ रहो, प्रसन्न रहो, सुखी रहो। मैं भगवान की कृपा से एकदम स्वस्थ हूं। जब तक उनका बुलावा नहीं आएगा, तब तक ये किडनी हमको नहीं ले जाएगी। जब बुलावा आ जाएगा तो सबको जाना पड़ता है। आपका ये सद्भाव बहुत हृदय से स्वीकार कर रहा हूं। लोगों ने ढोंगी कहा तो कुंद्रा बोले- कम जज करो, प्यार ज्यादा करो राज का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और उनका मजाक उड़ाया गया। सोशल मीडिया यूजर्स इसे पब्लिसिटी स्टंट और राज को ढोंगी बताकर ट्रोल करने लगे। इस पर राज कुंद्रा ने ट्रोलर्स को खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा- हम अजीब दुनिया में रहते हैं। जब कोई किसी की जान बचाने के लिए अपना एक हिस्सा देने का फैसला करता है, तो उसे पीआर स्टंट कहकर मजाक उड़ाया जाता है। अगर सहानुभूति एक स्टंट है, तो दुनिया इसे और देखे। अगर मानवता एक रणनीति है, तो ज्यादा से ज्यादा लोग इसे अपनाएं। मुझे मीडिया या ट्रोल्स के लगाए गए लेबल से परिभाषित नहीं किया जा सकता। मेरा पास्ट मेरे वर्तमान की चॉइसेज को खत्म नहीं करता। कम जज करो, आलोचना कम करो और प्यार ज्यादा करो। हो सकता है तुम भी किसी की जान बचा सको। राधे राधे। किडनी ट्रांसप्लांट किन बातों पर डिपेंड करता है? किडनी ट्रांसप्लांट का सफल होना कई बातों पर निर्भर करता है। इनमें सबसे अहम है डोनर की किडनी की स्थिति और उसकी वर्किंग कैपेसिटी। इसके अलावा डोनर और रिसीवर की ब्लड रिपोर्ट्स और मैचिंग, ऑपरेशन में लगा समय, मरीज की सर्जरी के समय की स्थिति और ऑपरेशन के बाद देखभाल भी ट्रांसप्लांट के सफल होने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये खबर भी पढे़ं... प्रेमानंद महाराज 40 साल से अपने गांव नहीं लौटे गांव के बीच में शिव मंदिर, वहां पूजा करती महिलाएं। खेतों में गेहूं की कटाई चल रही है। लोग चबूतरे पर बैठे देश-दुनिया की बात कर रहे हैं। यह सीन है कानपुर के अखरी गांव का। यहां प्रेमानंद का जिक्र होते ही लोग तपाक से कहते हैं- कौन अनिरुद्ध पांडेय? वो तो यही के रहने वाले हैं। यहीं पास में उनका घर है। ये सामने के शिव मंदिर में ही तो पूजा किया करते थे। पढे़ं पूरी खबर...
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