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    मंत्री विजय शाह केस में एसआईटी का गठन:सागर आईजी प्रमोद वर्मा, डीआईजी कल्याण चक्रवर्ती और डिंडौरी एसपी वाहिनी सिंह करेंगी जांच

    2 months ago

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    भारतीय सेना की अफसर कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान देने वाले मंत्री कुंवर विजय शाह के मामले में जांच के लिए एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) का गठन कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार इसके आदेश दिए थे। जिसके बाद डीजीपी कैलाश मकवाना ने सोमवार रात को जांच के लिए एसआईटी का गठन कर इसका आदेश जारी कर दिया। तीन सदस्यीय एसआईटी में 1. प्रमोद वर्मा, आईजी सागर जोन, 2. कल्याण चक्रवर्ती, डीआईजी, 3. एसएएफ, वाहिनी सिंह, एसपी, डिंडौरी शामिल हैं। ये तीनों आईपीएस अधिकारी विजय शाह मामले की जांच करेंगे। एसआईटी में ये अफसर शामिल मंत्री शाह ने एफआईआर को सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती बता दें कि मंत्री विजय शाह ने 12 मई को महू के रायकुंडा गांव में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन बताया था। इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर मंत्री के खिलाफ 14 मई को महू के मानपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसके खिलाफ विजय शाह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान विजय शाह के वकील ने कहा कि उनके क्लाइंट ने माफी मांग ली है। इस पर कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि आप लोगों के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं। आप पब्लिक फिगर हैं। आपको बोलते समय अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए। आईजी रैंक के अफसर को एसआईटी चीफ बनाने का दिया था आदेश सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाने के आदेश दिए थे। जिसमें कहा था कि इसमें तीन IPS अधिकारी शामिल होंगे। एक IG और बाकी दो SP लेवल के अफसर होंगे। इनमें एक अधिकारी महिला होना अनिवार्य होगा। सभी अफसर मध्य प्रदेश कैडर के हो सकते हैं, लेकिन राज्य के मूल निवासी नहीं होने चाहिए। SIT 28 मई तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगी। पढ़ें, मंत्री विजय शाह ने आखिर क्या कहा था... मंत्री विजय शाह ने 11 मई को इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में आयोजित हलमा कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा था, 'उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा।' शाह ने आगे कहा- 'अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते। इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा, कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है, तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी। देश का मान-सम्मान और हमारी बहनों के सुहाग का बदला तुम्हारी जाति, समाज की बहनों को पाकिस्तान भेजकर ले सकते हैं।' बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश विभाग के सचिव विक्रम मिसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन और अन्य जानकारियां दे रहे थे। 19 मई को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में क्या हुआ कोर्ट ने कहा- मंत्री की माफी मगरमच्छ के आंसू जैसी जैसे ही सुनवाई शुरू हुई शाह की तरफ से पैरवी करने पहुंचे सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने कहा- याचिकाकर्ता ने माफी मांगी है। जस्टिस सूर्यकांत: कहां है वो माफी? और क्या है उसमें? हम देखना चाहेंगे कि आपने किस तरह की माफी मांगी है। कभी-कभी माफी बचने के लिए मांगी जाती है तो कभी-कभी ये मगरमच्छ के आंसू जैसी होती है। आपका क्या मतलब है? जस्टिस सूर्यकांत: जिस तरह के भद्दे कमेंट उन्होंने किए वो भी बिना सोचे-समझे...अब आप उसके लिए माफी मांग रहे हैं। जस्टिस सूर्यकांत: आप पब्लिक फिगर हैं। एक अनुभवी नेता हैं। आपको बोलते समय अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए। बोलते समय जिम्मेदारी से काम लें। सेना के लिए हम कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं। मनिंदर सिंह: हमें वाकई खेद है जस्टिस सूर्यकांत: यह तर्क खारिज किया जाता है। हम आपकी माफी स्वीकार नहीं कर रहे हैं। जस्टिस सूर्यकांत: आप लोगों के सामने पूरी तरह से बेनकाब हो चुके हैं। आपने लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। आप कह रहे हैं कि अगर आपने ठेस पहुंचाई है...तो क्या हुआ...हाई कोर्ट की तरफ से FIR दोबारा लिखने के आदेश के बाद से अब तक आपने क्या किया है। मनिंदर सिंह: हम फिर से माफी मांगने के लिए तैयार हैं। जस्टिस सूर्यकांत: आप जो करना चाहते हैं, हम आप पर छोड़ते हैं। आप यह संदेश देना चाहते हैं कि आपने कोर्ट के कारण माफी मांगी है। जस्टिस सूर्यकांत: जब हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से FIR को फिर से लिखना पड़ा, तो आपने क्या किया? आपको नहीं लगता कि ये अपराध है? जस्टिस सूर्यकांत: हम तीन IPS अधिकारियों की SIT गठित कर रहे हैं। तीनों अधिकारी मध्य प्रदेश कैडर के बाहर के होंगे। इनमें से एक IG रैंक का होना चाहिए और एक महिला अधिकारी होंगीं। यह आपके लिए लिटमस टेस्ट है। ये खबर भी पढ़ें - विजय शाह से इस्तीफा नहीं मांगेगी बीजेपी:सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भी सरकार मंत्री के साथ मप्र सरकार के कैबिनेट मंत्री विजय शाह को 28 मई तक गिरफ्तारी और इस्तीफे दोनों से राहत मिल गई है। कोर्ट ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठन के आदेश दिए है, वहीं इस तारीख तक गिरफ्तारी पर भी रोक लगाई है। दूसरी तरफ बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि शाह की गिरफ्तारी पर रोक है, इसलिए इस्तीफा मांगने का सवाल ही पैदा नहीं होता। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
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