नारनौल में लॉजिस्टिक हब निर्माण के लिए टेंडर जारी:765 करोड़ रुपए लागत, 20 लाख रेलवे कंटेनर को हैंडल करने की होगी क्षमता
6 hours ago

महेंद्रगढ़ के लोगों के लिए खुशखबरी है। जिले के नांगल चौधरी हलके के गांव बशीरपुर, घाटाशेर एवं तलोट की जमीन पर बनने वाले मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। जल्द ही टेंडर हो जाएंगे। जिसके बाद यहां पर हब के निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा। इस हब के बनने से न केवल जिला महेंद्रगढ़, बल्कि आसपास के जिलों को काफी फायदा होगा। भाजपा सरकार के पहले टर्म की शुरुआत में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधायक अभय सिंह की मांग पर निजामपुर में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब बनाने की घोषणा की थी। मगर, घोषणा के दस साल बाद तक यह फाइलों में ही उलझा रहा, अब इसकी टेंडर प्रक्रिया शुरू होने पर इसके निर्माण की आस जगी है। यह हब वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर विकसित किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को सीधे मुंबई सहित पश्चिमी भारत की कई बंदरगाहों से जोड़ रहा है। जारी किया जा चुका टेंडर
पूर्व सिंचाई मंत्री एवं पूर्व विधायक डा. अभय सिंह ने बताया कि इस परियोजना को लागू करने के लिए मुख्य टेंडर 22 अगस्त को जारी किया जा चुका है। जिसकी प्री बिड 30 सितंबर की दोपहर 12 बजे खोली जाएगी और अंतिम निविदा 10 नवंबर सुबह 11 बजे तक प्राप्त की जा सकेगी। दो चरणों में पूरी होने वाली यह परियोजना कुल 865 एकड़ क्षेत्र में विकसित होगी, जिसमें प्रथम चरण में 408 एकड़ भूमि पर निर्माण का कार्य प्रारंभ होने जा रहा है। यह कार्य अभी तक पूरा
इसके निर्माण से पूर्व लॉजिस्टिक हब तक न्यू डाबला रेलवे स्टेशन से रेल की लाइन बिछाने का काम, 220 केवी की स्पेशल बिजली लाइन ,नारनौल से नहरी पानी की लाइन, नेशनल हाईवे से संपर्क आदि का कार्य पहले ही पूरा हो चुका है। इसके अतिरिक्त आंतरिक रेल लाइन डालने एवं उस पर रेलवे प्लेटफॉर्म बनाने का काम चालू है। इस टेंडर में बड़ी बड़ी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के हिस्सा लेने की प्रबल संभावनाएं हैं। 765 करोड़ रुपए होंगे खर्च
डा. अभय सिंह ने बताया कि इस परियोजना को विकसित, प्रबंधन एवं संचालन करने के सभी कार्य टेंडर में सफलता प्राप्त करने वाली कंपनी द्वारा किए जाएंगे अर्थात इसी कंपनी द्वारा इसके निर्माण से लेकर संचालन तक का कार्य किया जाएगा। इस परियोजना के निर्माण और पूर्ण रूप से विकसित करने के लिए अनुमानित 765 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। इस परियोजना के दोनों चरण पूरे होने बाद यहां 20 लाख कंटेनर को हैंडल करने की क्षमता विकसित की जाएगी, जिसमें एक लाख कंटेनर को रखने के लिए वेयरहाउस और कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था की जाएगी।
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