नर्सरी के बच्चों को ‘क से काबा’,‘म से मस्जिद’ पढ़ाया:रायसेन में एबीवीपी का स्कूल में हंगामा; प्राचार्य ने कहा- म से मंदिर भी पढ़ा सकते हैं
7 hours ago

रायसेन में एक निजी स्कूल में नर्सरी के बच्चों को 'क से काबा', 'म से मस्जिद', 'न से नमाज' और 'औ से औरत हिजाब में थी' जैसे शब्द पढ़ाए जा रहे थे। इसे लेकर शुक्रवार को परिजन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने स्कूल में हंगामा कर दिया। बच्चों के पेरेंट्स और कार्यकर्ताओं ने इस सामग्री को सनातन संस्कृति के खिलाफ बताया। इस दौरान प्राचार्य ने कहा कि ‘म से मस्जिद के साथ म से मंदिर भी पढ़ाया जा सकता है’। इस पर कार्यकर्ता और भड़क गए। कार्यकर्ताओं ने स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को फोन पर शिकायत दर्ज कराई। हंगामे की सूचना पर थाना कोतवाली प्रभारी नरेंद्र गोयल मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को थाने और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन देकर औपचारिक शिकायत करने की सलाह दी। परिजन ने किताबें देखी तब हुआ खुलासा
यह मामला तब सामने आया जब स्कूल की नर्सरी कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा के चाचा ने उसकी किताबें देखी। उन्होंने ‘औ से औरत हिजाब में थी’ पढ़ने के बाद अन्य शब्दों पर ध्यान दिया। इसमें ‘क से कबूतर’ की जगह ‘क से काबा’, ‘म से मछली’ की जगह ‘म से मस्जिद’ और ‘न से नल’ की जगह ‘न से नमाज’ लिखा था। इस पर परिजनों ने आपत्ति जताई और एबीवीपी को जानकारी दी। प्रदर्शन की तस्वीरें एबीवीपी ने कहा- बच्चों को भ्रमित किया जा रहा
प्रदर्शन के दौरान विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक अश्विनी पटेल ने आरोप लगाया कि यह हिंदू संस्कृति और सनातन परंपरा के खिलाफ एक षड्यंत्र है। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों को इस तरह की सामग्री पढ़ाकर भ्रमित किया जा रहा है। हमने तो बचपन में 'क से कबूतर' और 'म से मछली' पढ़ा था। यह बदलाव अस्वीकार्य है। प्राचार्य ने कहा- भोपाल से मंगवाया किताबों का सेट
स्कूल की प्राचार्य ईए कुरैशी ने कहा कि उन्होंने किताब की सामग्री पहले नहीं जांची थी। यह 'पट्टी पहाड़ा' भोपाल से मंगवाया गया था। इसका उपयोग केवल एक ही छात्र के लिए किया गया था। प्राचार्य ने कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था। वे 30 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत हैं। डीईओ ने कहा- मान्यता रद्द करने पत्र लिखेंगे
जिला शिक्षा अधिकारी डीडी रजक का कहना है कि इस टाइप का कोई पट्टी पहाड़ा है तो उसे जब्त कर जांच कराई जाएगी। स्कूल की मान्यता रद्द करने के लिए जेडी को पत्र लिखेंगे।
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