Search…

    Saved articles

    You have not yet added any article to your bookmarks!

    Browse articles
    Select News Languages

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    NEET PG नॉर्मलाइजेशन मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज:एक ही शिफ्ट में परीक्षा कराने की मांग; नॉर्मलाइजेशन खत्‍म कराने पर अड़े स्‍टूडेंट्स

    2 months ago

    11

    0

    NEET PG परीक्षा 2 शिफ्ट में कराने के खिलाफ लगी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता छात्रों का कहना है कि 2 शिफ्ट में एग्‍जाम से क्‍वेश्‍चन पेपर के डिफिकल्‍टी लेवल में फर्क होता है, जो फेयर इवैल्‍युएशन नहीं है। NEET PG एग्‍जाम 15 जून को होना है जिसके लिए एडमिट कार्ड 2 जून को जारी होंगे। ऐसे में, सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मामले की जल्‍द सुनवाई को मंजूरी दी है। 22 मई को कोर्ट ने जारी किए थे निर्देश एग्‍जाम में ट्रांसपेरेंसी की मांग वाली याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई को सुनवाई की थी। इस सुनवाई में सभी प्राइवेट और डीम्‍ड मेडिकल यूनिवर्सिटीज को अपनी फीस डिटेल्‍स जारी करने का निर्देश दिया था। नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ कोर्ट गए स्‍टूडेंट्स NEET PG 2024 परीक्षा के एस्पिरेंट्स ने सितंबर 2024 में परीक्षा में पारदर्शिता के लिए याचिकाएं दायर की थीं। स्‍टूडेंट्स की मांग थी कि परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी NBEMS एग्‍जाम के क्‍वेश्‍चन पेपर और स्‍टूडेंट्स की आंसर भी जारी करे। इससे कैंडिडेट्स को अपने रिजल्‍ट का सही आकलन करने और बेहतर तैयारी करने में मदद होगी। स्‍टूडेंट्स की दूसरी मांग थी कि एग्‍जाम एक ही शिफ्ट में हो। दो शिफ्ट में एग्‍जाम होने से रिजल्‍ट नॉर्मलाइजेशन के बाद जारी होता है जो कि फेयर नहीं है। आखिर क्या है नॉर्मलाइजेशन कई बार जब किसी एग्जाम के लिए अप्लाई करने वाले कैंडिडेट्स की संख्या ज्यादा हो जाती है तो एग्जाम कई शिफ्टों में आयोजित कराया जाता है। कई बार एग्जाम कई दिन तक चलता है। ऐसे में हर शिफ्ट में क्वेश्चन पेपर का अलग सेट स्टूडेंट्स को दिया जाता है। ऐसे में किसी स्टूडेंट को मुश्किल और किसी स्टूडेंट को आसान क्वेश्चन पेपर मिलता है। यहां सवाल उठता है कि आसान और मुश्किल कैसे तय किया जाता है। इसे ऐसे समझते हैं… किसी एग्जाम में क्वेश्चन पेपर के तीन सेट- A, B, C बांटे गए। इसमें अलग-अलग सेट सॉल्व करने वाले स्टूडेंट्स का एवरेज स्कोर कैलकुलेट किया जाएगा। मान लीजिए सेट A सॉल्व करने वाले कैंडिडेट्स का एवरेज स्कोर 70 मार्क्स है। सेट B वालों का स्कोर 75 मार्क्स है और सेट C सॉल्व करने वालों का एवरेज स्कोर 80 मार्क्स है। ऐसे में सेट C सबसे आसान और सेट A सबसे मुश्किल माना जाएगा। आसान सेट वाले कैंडिडेट्स काे नॉर्मलाइजेशन के चलते कुछ मार्क्स गंवाने पड़ेंगे और मुश्किल सेट वालों को एक्स्ट्रा मार्क्स मिलेंगे। इसके अलावा स्‍टूडेंट्स ने 2 शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने का भी विरोध किया है। स्‍टूडेंट्स का कहना है कि एक से ज्‍यादा शिफ्ट में परीक्षा होने से क्‍वेश्‍चन पेपर का डिफिकल्‍टी लेवल अलग-अलग होता है। इससे फेयर इवैल्‍युएशन नहीं हो पाता है। 52,000 सीटों के लिए परीक्षा देश भर में लगभग 52,000 पोस्ट ग्रेजुएशन सीटों के लिए हर साल लगभग दो लाख MBBS ग्रेजुएट NEET PG देते हैं। पिछले साल पहली बार NEET PG एक शिफ्ट फॉर्मेट के बजाय दो शिफ्ट में आयोजित की गई थी। 11 अगस्त को पहली शिफ्ट सुबह 9 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक और दूसरी शिफ्ट दोपहर 3:30 बजे से शाम 7 बजे तक हुई थी। ---------------- ये खबरें भी पढ़ें... NDA से लड़कियों का पहला बैच पास: 148वीं पासिंग आउट परेड में 17 लड़कियां; हरसिमरन के पिता हवलदार, इशिता परिवार की पहली मिलेट्रीपर्सन​​​​​​​ ​​​​​​​आज, 30 मई को NDA से महिला कैडेट्स का पहला बैच पास हुआ इतिहास में ये पहली बार है जब 17 महिला कैडेट्स 300 से ज्यादा पुरुषों के साथ NDA से ग्रेजुएट हुई हैं। ये सभी इंडियन आर्मी, नेवी और एयर फोर्स जॉइन करेंगी।​​​​​​​ पूरी खबर पढ़ें...
    Click here to Read more
    Prev Article
    मोदी पहलगाम में मारे गए शुभम के परिवार से मिलेंगे:11 साल में 8वीं बार कानपुर पहुंचेंगे;  47 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट्स का इनॉगरेशन करेंगे
    Next Article
    भास्कर अपडेट्स:CBI ने ED के डिप्टी डायरेक्टर को गिरफ्तार किया, खनन व्यवसायी से 20 लाख रुपए रिश्वत लेने जा रहा था

    Related Politics Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment