संभल हिंसा से चर्चित ASP अनुज बोले-यहीं कल्कि अवतार होगा:कहा- टिकट ब्लैक करने वाले बड़े नेता बन गए
1 day ago

संभल हिंसा के बाद चर्चा में आए अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) अनुज चौधरी का कहना है कि संभल में ही भगवान कल्कि का अवतार होगा। ये बात मैंने भी पौराणिक ग्रंथों में पढ़ी है। ग्रंथों में जो लिखा है, उसको हम कैसे मना कर सकते हैं। अनुज चौधरी से ‘दैनिक भास्कर’ ने एक्सक्लूसिव बातचीत की। पॉलिटिक्स में आने के सवाल पर कहा- मुझे पॉलिटिक्स में आने की कोई जरूरत नहीं है। टिकट ब्लैक करने वाले लोग बड़े नेता बन गए, मैं तो फिर भी राष्ट्रभक्त रहा और देश के लिए खेला। पॉलिटिक्स भविष्य की बात है। अभी उसके बारे में क्या कह सकता हूं। अनुज चौधरी अपने बयानों को लेकर लगातार चर्चा में हैं। संभल हिंसा के बाद उन्होंने कहा था- मरने के लिए पुलिस में भर्ती नहीं हुए। एक पढ़े लिखे आदमी को इस तरह जाहिल मार देंगे क्या? वहीं, इसी साल मार्च में उन्होंने कहा था- साल में होली एक बार आती है, जुम्मा-52 होते हैं। नमाज का वक्त आगे बढ़ाया जा सकता है। सीएम योगी ने भी उनके इस बयान का समर्थन किया था। अर्जुन अवॉर्डी अनुज 16 दिन पहले ही प्रमोशन पाकर CO से ASP बने हैं। वे खेल कोटे से इस पद पर पहुंचने वाले यूपी के पहले अफसर हैं।पढ़िए पूरा इंटरव्यू... सवाल: कहा जा रहा कि संभल में भगवान कल्कि का अवतार होगा। आप क्या मानते हैं? जवाब: पौराणिक ग्रंथों में लिखा है। मैंने भी पढ़ा है। भारत की संस्कृति को देखते हुए, जो इस देश का इतिहास रहा है, बहुत चीजें सच होती जा रही हैं। उस चीज को भी नकारा नहीं जा सकता। उस समय तक हम नहीं होंगे, किस समय की बात है, लेकिन जो लिखा हुआ है, जिससे हम धर्म का अनुसरण करते हैं, उसको मना कैसे किया जा सकता है। सवाल: लोगों का कहना है कि अनुज चौधरी पॉलिटिक्स में आना चाहते हैं। क्या संभल से चुनाव लड़ेंगे? जवाब: मुझे तो पता नहीं कि कौन लोग ये चीज चला रहे हैं, क्यों चला रहे हैं। मुझे पॉलिटिक्स की कोई जरूरत नहीं है। कुछ लोग अगर इसे मुद्दा बना रहे हैं। भैया टिकट ब्लैकिया यानी टिकट ब्लैक करने वाले बड़े नेता बन गए। मैं तो शुरू से एक राष्ट्रभक्त रहा। देश के लिए खेला। देश का नाम रोशन किया। शुरू से अपने देश के लिए लड़ता रहा हूं। कई देशों में मेडल जीते हैं। मैंने तो देश का नाम कहीं नहीं डुबोया। पॉलिटिक्स वाली भविष्य की बात है, मौका मिलेगा या क्या होगा। अभी मैं उसके बारे में क्या ही कह सकता हूं। अभी मेरी नौकरी बची हुई है। प्रमोशन मिला है। वो मेरे लिए ऊर्जा की तरह काम करेगा। सवाल: संभल में किस तरह की चुनौतियां फेस कीं? जवाब: आप सबने देखा ही है, जो संभल में हुआ। संभल में चुनौतियां नई नहीं हैं। जो चुनौतियां थीं, एक संवैधानिक तरीके से उनका जवाब दिया गया। संभल हिंसा की जांच हुई है और अभी भी हो रही है। हिंसा के मुख्य अभियुक्त तकरीबन जेल जा चुके हैं। बाकी जो बचे हैं, उन पर कार्रवाई चल रही है। सवाल: संभल हिंसा के दौरान आपने कहा कि क्या हम इन जाहिलों की गोली खाने के लिए भर्ती हुए हैं? आपने ऐसा क्यों कहा? जवाब: जो लोग ज्ञान नहीं रखते, जाहिल शब्द उनके लिए उपयोग होता है। हम जिस आदेश को लेकर वहां गए थे, अगर लोगों को इसकी समझ नहीं है कि पुलिस के सामने क्या करना है या क्या नहीं, उसी की प्रतिक्रिया में ये बयान मैंने दिया था। सवाल: होली पर एक बयान दिया कि एक होली, 52 जुमे। ये बयान देने की स्थिति क्यों आई? जवाब: वो बहुत नॉर्मल चीज है। पता नहीं किसने इसको अपने फायदे के लिए इतना बड़ा हथकंडा अपना लिया। जैसे दुनिया में कभी ये सच्चाई हो ही नहीं। सच्चाई तो यही है कि 52 जुमे हैं और एक होली है। इसको कौन नकार सकता है। बस यही मेरा एक नॉर्मल बयान था। सवाल: प्रेमानंद महाराज से क्या प्रेरणा मिली? जवाब: मैं पहले भी संतों से मिलता रहा हूं, लेकिन पिछले दिनों संत प्रेमानंद महाराज से पहली बार मिला। उनके बारे में सोशल मीडिया पर देखता रहा हूं। पिछले दिनों मैं वृंदावन गया। वहां दूसरे महाराजों से भी मिला। मैं कुश्ती का खिलाड़ी रहा हूं तो भावात्मक रूप से भी अपनी संस्कृति से जुड़ा हुआ हूं। हम उनकी बातें सुनते हैं। सवाल: पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह आपकी तारीफ करते हैं। हाल में कब उनसे मुलाकात या फोन पर बात हुई थी? जवाब: मेरी फोन पर उनसे कुश्ती के एक टूर्नामेंट को लेकर बात हुई है। वो नेशनल चैंपियनशिप को लेकर बात कर रहे थे। वो 2010 के बाद कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष बने। मेरे बारे में सोचने का सबका अपना नजरिया है। कोई तारीफ करता है, कोई बुराई करता है। चिढ़ने वाले भी बहुत हैं। हर आदमी का नजरिया है सोचने का। सवाल: आप सेलिब्रेटी बन चुके हैं। लोग सेल्फी लेने और मिलने आते हैं। इससे काम प्रभावित होता है क्या? जवाब: अनुज चौधरी एक किसान का बेटा है। सेलिब्रेटी नाम का शब्द आज की इंग्लिश संस्कृति ने दिया है। मैं जो था, वही हूं और भविष्य में वही रहूंगा। मैंने जब से गेम्स छोड़ा है, तब से मैंने खाने का शेड्यूल चेंज नहीं किया। स्पोर्ट्स के वक्त जो खाने का शेड्यूल होता था, वही आज भी है। मैं किसी तरह की नशीली चीज का सेवन नहीं करता। नियमित रूप से अपनी दिनचर्या को जीता हूं। वर्कआउट मैं डेढ़ से दो घंटा जरूर करता हूं। हां, बस डयूटी बाधित न हो। हर व्यक्ति को अपनी फिटनेस पर ध्यान देते हुए रोजाना एक से डेढ़ घंटा देना चाहिए। क्योंकि प्रधानमंत्री ने भी लाल किले से योग को लेकर भाषण दिया था, जो बेहद प्रभावी था। इसलिए हर यूथ और मां–बाप को समझना चाहिए कि फालतू के जंक फूड अवॉइड करें और सेहत पर ध्यान दें। जब सेहत ठीक रहेगी, तभी देश हेल्दी और सुरक्षित रहेगा। सवाल: खेल कोटे से इकलौते ASP बनने तक का सफर कैसा रहा? जवाब: खेल मेरे करियर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जो मैं आज हूं, इसी की बदौलत हूं। जो यूथ, खिलाड़ी कन्फ्यूज रहते हैं, मेरा प्रमोशन उनके लिए नजीर है कि वो खेल को करियर समझकर खेलें। क्योंकि खेल भी उसी तरह का करियर है, जैसे आप लोग पढ़कर डिग्री हासिल करते हो। इसी तरह से नेशनल, इंटरनेशनल, कॉमनवेल्थ, ओलिंपिक, ये सब खेल, एक खिलाड़ी की डिग्री होते हैं। इसी आधार पर खिलाड़ी को नाम–सम्मान मिलता है। ऐसे लोग बहुत कम हैं। -------------------------
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