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    संजौली मस्जिद तोड़ने के आदेशों पर रोक:सेशन कोर्ट ने वक्फ बोर्ड की स्टे की मांग मानी, 5 जुलाई को अगली सुनवाई

    2 months ago

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    हिमाचल प्रदेश में विवादित संजौली मस्जिद मामले में आज (गुरुवार) सेशन कोर्ट में सुनवाई हुई। नगर निगम शिमला ने आज अदालत में अपना जवाब दाखिल किया। इस दौरान कोर्ट ने संजौली मस्जिद मामले को बहस योग्य माना और मस्जिद तोड़ने के निगम आयुक्त के आदेशों पर स्टे लगाया। अदालत अब यह मामला 5 जुलाई को दोबारा सुनेगी। एडवोकेट बीएस ठाकुर ने बताया कि जब तक यह मामला सेशन कोर्ट में विचाराधीन रहेगा, तब तक मंजिल को नहीं तोड़ा जा सकेगा। बीते 25 मई की सुनवाई में भी कोर्ट ने मस्जिद तोड़ने पर स्टे लगाया था। आज स्टे को आगे भी जारी रखने के आदेश दिए है। बता दें कि वक्फ बोर्ड ने शिमला नगर निगम आयुक्त कोर्ट के 3 मई के उन आदेशों को चुनौती दी है, जिसमें आयुक्त कोर्ट ने पूरी मस्जिद को गैर कानूनी बताते हुए तोड़ने के आदेश दिए थे। निगम ने 3 मई को दिए थे तोड़ने के आदेश निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने बीते 3 मई को पूरी मस्जिद को गैर कानूनी बताते हुए इसकी निचली दो मंजिल भी तोड़ने के आदेश दिए थे। ऊपर की तीन मंजिल को तोड़ने के आदेश बीते साल 5 अक्टूबर को दिए जा चुके हैं। इसे तोड़ने के आदेश देने से पहले वक्फ बोर्ड को कई बार मस्जिद की जमीन पर मालिकाना हक के कागज देने और मस्जिद का नक्शा देने का मौका दिया। मगर वक्फ बोर्ड इसके कागज पेश नहीं कर पाया। इसके आधार पर निगम आयुक्त ने मस्जिद को हटाने के आदेश दिए। मस्जिद का नक्शा और किसी भी तरह की NOC भी मस्जिद कमेटी व वक्फ बोर्ड ने निगम कोर्ट को नहीं दे पाया। जबकि, वक्फ बोर्ड लंबे समय तक जमीन पर मालिकाना हक का दावा करता रहा। अब इस फैसले को वक्फ बोर्ड ने सेशन कोर्ट में चुनौती दी है। ​​​​ MC कोर्ट में 50 बार हुई सुनवाई संजौली मस्जिद मामला पहले ही लगभग 16 साल तक निगम आयुक्त कोर्ट में चलता रहा। इस दौरान 50 से भी ज्यादा बार सुनवाई हुई। हिमाचल हाईकोर्ट की दखलअंदाजी के बाद इस केस में निगम आयुक्त ने बीते 3 मई को फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने 8 मई से पहले निपटाने के आदेश दिए थे। ऐसा नहीं करने पर निगम के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की बात कही थी। हाईकोर्ट के आदेशों पर 3 मई को ही केस निपटा दिया गया है। 2 गुटों में लड़ाई के बाद सुर्खियों में आया मस्जिद मामला संजौली मस्जिद मामला 2 गुटों में लड़ाई के बाद सुर्खियों में आया। इसके बाद पूरे देश में बवाल मचा था। दरअसल, 31 अगस्त 2024 को शिमला के मेहली में 2 समुदायों में मारपीट हुई। मारपीट करने वाले एक समुदाय के लोग संजौली मस्जिद में छिप गए। इससे गुस्साए शिमला के लोगों ने 1 सितंबर को मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया। इसके बाद शिमला में कई बार हिंदू संगठनों में उग्र प्रदर्शन किया। शिमला के बाद प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में भी लोग सड़कों पर उतरे। मस्जिद कमेटी की अवैध हिस्सा तोड़ने की पेशकश से शांत हुआ विवाद 11 सितंबर को शिमला के संजौली में उग्र प्रदर्शन हुआ। इससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। बल प्रयोग और पानी की बौछारें डालने से हिंदू संगठन भड़क गए। संजौली के बाद दूसरी जगह भी मस्जिद को तोड़ने की मांग उठी। संजौली मस्जिद का विवाद तूल पकड़ ही रहा था, इस बीच 12 सितंबर को संजौली मस्जिद कमेटी खुद निगम आयुक्त कोर्ट में पहुंची और खुद अवैध हिस्सा तोड़ने की पेशकश की। तब जाकर विवाद शांत हो पाया। हिंदू संगठनों का आरोप हिंदू संगठनों और संजौली मस्जिद के आसपास रहने वाले लोकल रेजिडेंट ने आरोप लगाया कि मस्जिद का निर्माण बिना परमिशन के किया गया। मस्जिद की जमीन भी वक्फ बोर्ड की नहीं है। मस्जिद को बनाने के लिए नगर निगम से परमिशन भी नहीं ली गई।
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