तमिलनाडु शराब दुकान लाइसेंस, SC बोला-ED हद पार कर रही:यह संघीय ढांचे का उल्लंघन; DMK बोली- मोदी गैर-भाजपा शासित राज्यों को निशाना बना रहे
2 months ago

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सारी हदें पार कर दी हैं। वह देश के संघीय ढांचे का उल्लंघन कर रही है। कोर्ट ने तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन (TASMAC) और तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। TASMAC पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे थे। इसमें कहा गया था कि TASMAC ने शराब दुकान के लाइसेंस बांटने में भ्रष्टाचार किया। ED इसी की जांच कर रही थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने जांच पर रोक लगा दी है। अदालत ने एजेंसी को जांच और छापेमारी रोकने का भी निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई CJI बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच कर रही थी। ED ने मार्च में TASMAC मुख्यालय पर छापेमारी के बाद कहा था कि उसे एक हजार करोड़ रुपए की हेराफेरी का पता चला है। कॉर्पोरेट पोस्टिंग, ट्रांसपोर्ट और बार लाइसेंस टेंडर से जुड़ा डेटा मिला है। धोखाधड़ी करके शराब को तय कीमत से ज्यादा पर बेचने के भी सबूत हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का DMK ने स्वागत किया। कहा कि नरेंद्र मोदी जब से प्रधानमंत्री (2014 में) बने हैं, तब से वे एजेंसी का इस्तेमाल गैर-भाजपा शासित राज्यों के खिलाफ कर रहे हैं। CJI बोले- निगम के खिलाफ मामला नहीं दर्ज कर सकते
तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य ने 2014 से 2021 के दौरान भ्रष्टाचार मामले में शराब दुकानदारों पर 41 FIR दर्ज कीं। ED ने 2025 में TASMAC मुख्यालय पर छापा मारा। उसने अधिकारियों के फोन और डिवाइस ले गए और सब कुछ क्लोन किया। इस पर CJI ने ED की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू से पूछा कि TASMAC के खिलाफ अपराध कैसे बनाया गया। आप व्यक्तियों के खिलाफ तो आपराधिक मामला दर्ज कर सकते हैं, लेकिन निगम के खिलाफ नहीं। आपकी एजेंसी सारी हदें पार कर रही है। कोर्ट ने पूछा राज्य कार्रवाई कर रहा तो ED जांच की क्या जरूरत TASMAC की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि ED अधिकारियों के फोन की क्लोन कॉपी ले ली है। इससे उनकी निजता का उल्लंघन हो रहा है। सिब्बल ने कहा कि कोर्ट को ED को फोन और डिवाइस से लिए गए डेटा का इस्तेमाल करने से रोकना चाहिए। इस पर CJI ने कहा- कोर्ट ने पहले ही अंतरिम राहत दे दी है और आगे कोई निर्देश नहीं दे सकता। ASG ने दावा किया कि यह एक हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला है। इस पर CJI ने कहा कि राज्य पहले ही कार्रवाई कर रहा है। ED को अनावश्यक रूप से क्यों जांच करनी चाहिए, प्राइमरी क्राइम कहां है? इस पर ASG ने कहा कि एक बड़ी धोखाधड़ी में नेताओं को बचाया जा रहा है। इस पर CJI ने कहा कि ED सभी सीमाएं पार कर रही है और देश के संघीय ढांचे का उल्लंघन कर रही है। तब ASG ने कि वे विस्तृत जवाब दाखिल करेंगे। 3 पॉइंट्स में जानिए, तमिलनाडु सरकार और TASMAC सुप्रीम कोर्ट क्यों गई DMK बोली- स्टालिन का कद बढ़ रहा, भाजपा के लिए ये पचा पाना मुश्किल सुप्रीम कोर्ट के आदेश को तमिलनाडु की सत्ताधारी DMK के संगठन सचिव ने पार्टी की जीत बताया। कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी 2014 में जब से सत्ता में आए हैं, वे गैर-भाजपा शासित राज्यों के खिलाफ ED का इस्तेमाल कर रहे हैं। DMK नेता और पार्टी के संगठन सचिव आरएस भारती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ED की जांच पर रोक लगाना बड़ा झटका है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश तमिलनाडु के लोगों का सम्मान है। तमिलनाडु में एमके स्टालिन की अगुआई वाली DMK ने 2021 में सत्ता में आई थी। तब से सरकार लगातार लोकप्रियता हासिल कर रही है। मुख्यमंत्री का कद लगातार बढ़ रहा है। भाजपा के लिए ये पचा पाना मुश्किल हो रहा है। ------------------------------------------------------------- सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... सुप्रीम कोर्ट बोला- विचारधारा की वजह से किसी को जेल में नहीं डाल सकते; RSS नेता की हत्या के आरोपी को जमानत सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई को कहा कि किसी को विचारधारा के लिए जेल में नहीं डाला जा सकता। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने यह टिप्पणी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक नेता की हत्या के आरोपी को जमानत देते हुए की। पूरी खबर पढ़ें... सुप्रीम कोर्ट बोला- नेवी के अधिकारी अहंकार छोड़ें; महिला अफसर को स्थायी कमीशन नहीं दिया था सुप्रीम कोर्ट ने 20 मई को नेवी को उसकी एक महिला अधिकारी को स्थायी कमीशन नहीं देने के लिए जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने नेवी के अधिकारियों से कहा- अब बहुत हो गया है, वे अपना अहंकार त्याग दें और अपने तौर-तरीके सुधारें। पूरी खबर पढ़ें...
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