दुनिया भर में बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा बढ़ी:रिपोर्ट- भारत में 18 साल से कम की 30% लड़कियां और 13% लड़के यौन शोषण का शिकार
2 months ago

भारत में 2023 में 30 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियां और 13 प्रतिशत लड़के 18 साल की उम्र से पहले यौन हिंसा का शिकार हुए। द लैंसेट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, 1990 से 2023 के बीच की गई एक स्टडी में पाया गया कि दुनिया के 200 से ज्यादा देशों में बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं। इसमें यह सामने आया कि लड़कियों के साथ सबसे ज्यादा यौन हिंसा साउथ एशिया में होती है। जैसे बांग्लादेश में 9.3% लड़कियों के प्रति हिंसा होती है, जबकि भारत में यह आंकड़ा 30.8% तक है। दुनिया भर में औसतन हर 5 में से 1 लड़की और हर 7 में से 1 लड़का 18 साल की उम्र से पहले यौन हिंसा का शिकार होता है। यौन हिंसा से मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर अमेरिका की वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के हेल्थ मैट्रिक्स और इवैल्युएशन इंस्टीट्यूट के रिसर्चर्स ने कहा कि सब-सहारा अफ्रीका में 18 साल से कम उम्र के लड़कों के साथ यौन हिंसा के मामले सबसे ज्यादा हैं। यह दर जिम्बाब्वे में लगभग 8% और कोट डी आइवर में 28% तक पाई गई। रिपोर्ट में लिखा गया कि बच्चों के साथ यौन हिंसा एक बहुत गंभीर समस्या है। यह न सिर्फ उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालती है। बच्चों के मानसिक तनाव, डर और चिंता को बढ़ा सकती हैं, और इसका असर उनके पूरे जीवन पर पड़ सकता है। यौन हिंसा रोकने के लिए जागरूकता जरूरी रिसर्चर्स ने कहा कि बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा को रोकने और इसके बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए सही और सटीक जानकारी बहुत जरूरी है। अभी बहुत से देशों के पास सही और पूरे आंकड़े नहीं हैं और इसका अनुमान लगाना काफी मुश्किल है। यह स्टडी, जो दुनिया भर में बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा का पहला बड़ा अनुमान है, पब्लिकली उपलब्ध जानकारी का विश्लेषण करके किया गया है। स्टडी में पाया गया, 2023 में 18 साल से कम उम्र में यौन हिंसा का शिकार बनने वाली महिलाओं की संख्या लगभग 18.9% थी,जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा 14.8% था। टीम ने यह भी बताया कि दुनिया भर में लगभग 70% महिलाएं और पुरुष अपने बचपन या किशोरावस्था में यौन हिंसा का अनुभव करते हैं। शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि कई देशों में इस विषय पर आंकड़ों की भारी कमी है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस दिशा में बेहतर सर्वे और निगरानी की जरूरत है। शोधकर्ताओं ने अपील की
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