CDS बोले- शांति चाहिए तो युद्ध के लिए तैयार रहें:भारत शांतिप्रिय देश लेकिन शांतिवादी नहीं; MP के महू में कहा- ऑपरेशन सिंदूर जारी
9 hours ago

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने कहा कि भले ही भारत शांतिप्रिय देश है, लेकिन हम 'शांतिवादी' नहीं हैं। दुश्मन गलतफहमी में न रहे। देश की सेनाएं युद्ध के लिए हमेशा तैयार हैं। CDS मंगलवार को मध्यप्रदेश के महू स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित रण संवाद-2025 कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के चीफ भी शामिल हो रहे हैं। CDS जनरल चौहान ने कहा कि शक्ति के बिना शांति एक 'यूटोपियन' धारणा है। जनरल चौहान ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियां दोहराते हुए कहा, ‘क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो, उसको क्या जो दंतहीन, विषरहित, विनीत, सरल हो।’ CDS ने कहा, 'मैं एक लैटिन कोट कहना चाहूंगा, जिसका हिंदी अनुवाद है कि अगर आप शांति चाहते हैं तो युद्ध के लिए तैयार रहें। क्योंकि, शक्ति से ही शांति आ सकती है। ऑपरेशन सिंदूर एक न्यू एज वॉर था, जिससे हमने कई सबक सीखे। ऑपरेशन अभी जारी है।' ऑपरेशन सिंदूर जारी है, शस्त्र और शास्त्र एक साथ फॉलो करेंगे
CDS ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है। ऑपरेशन सिंदूर एक आधुनिक संघर्ष था, जिससे हमने कई सबक सीखे। उनमें से ज्यादातर पर अमल चल रहा है। सीडीएस ने कहा- गीता और महाभारत में युद्ध नीति के सबसे बेहतरीन उदाहरण हैं। चाणक्य की नीति ने चंद्रगुप्त को विजय दिलाई। उन्होंने कहा है शक्ति, उत्साह और युक्ति... युद्ध नीति के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। शस्त्र और शास्त्र दोनों को एकसाथ फॉलो करने की जरूरत है। CDS ने बताया- बेहद खतरनाक होगी भविष्य की जंग
जनरल चौहान ने कहा कि निकट भविष्य की जंग बेहद खतरनाक होगी, उसमें हम मिलकर (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) ही जीत हासिल कर सकते हैं। CDS ने कहा कि हमें हर हालात में सशक्त और आत्मनिर्भर बनना है। उन्होंने साफ किया इस रण संवाद का उद्देश्य ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करना नहीं है। हम ऑपरेशन सिंदूर के आगे क्या है उस पर चर्चा कर रहे हैं यानी 'फ्यूचर वॉरफेयर' कैसा होगा। सेना के रण संवाद कार्यक्रम की तीन तस्वीरें... सुदर्शन चक्र मिशन पर काम शुरू
इस साल 15 अगस्त को लाल किले से PM नरेंद्र मोदी के सुदर्शन चक्र मिशन पर किए गए ऐलान पर CDS ने कहा कि इस पर काम शुरू हो चुका है। जनरल चौहान ने कहा कि रविवार को DRDO (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन) द्वारा इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम (IADWS) का सफल परीक्षण इसी का हिस्सा है। CDS ने कहा कि वर्ष 2035 में मिशन पूरा होने के बाद यह भारत की सुरक्षा आयरन डोम (या फिर गोल्डन डोम) की तरह करेगा। CDS ने कहा कि भारत विकसित बनने की दिशा में अग्रसर है। ऐसे में भारत की सेनाएं भी दुनियाभर की एडवांस मिलिट्री की श्रेणी में शामिल होने के लिए प्रयासरत हैं। जनरल चौहान ने कहा– मल्टी-डोमेन आईएसआर की जरूरत
कार्यक्रम में जनरल चौहान ने मल्टी-डोमेन ISR के महत्व पर भी जोर दिया। ISR का मतलब है इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकनॉसेंस। उन्होंने कहा कि हमें जमीन, हवा, समुद्र, अंतरिक्ष और पानी के नीचे के सेंसर को एक साथ जोड़ना होगा। इससे दुश्मन के बारे में बेहतर जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि डेटा को रियल-टाइम में विश्लेषण करना होगा। इसके लिए AI, बिग डेटा और क्वांटम टेक्नोलॉजी का उपयोग करना होगा। न्यूनतम लागत पर सब कुछ हासिल करना है
जनरल चौहान ने कहा कि भारत को यह सब कम से कम लागत पर हासिल करना होगा। इसके लिए बड़े दृष्टिकोण की आवश्यकता होगी, लेकिन हमेशा की तरह, मुझे यकीन है कि भारतीय इसे न्यूनतम और बहुत सस्ती कीमत पर करेंगे। इस मौके पर नौसेना के वाइस एडमिरल तरुण सोबती ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में प्रयोग की गई तकनीकों को और एडवांस बनाना होगा। ये खबर भी पढ़ें... राजनाथ बोले- आतंकियों ने पहलगाम में धर्म पूछकर मारा था केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- मध्यप्रदेश में रक्षा क्षेत्र का केंद्र बनने के लिए हर गुण है। सभी संसाधन हैं। रायसेन में रेल कोच का निर्माण तो होगा ही, रेलवे के अलग-अलग प्रोडक्ट्स भी बनाए जाएंगे। देशभर की स्पीड ट्रेनों में एमपी में बनने वाले रेलवे कोच लगेंगे। मध्यप्रदेश का औद्योगिक विकास देश को भी विकास की नई ऊंचाई पर लेकर जाएगा। पढे़ं पूरी खबर...
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