DMK नेता की पत्नी ने राज्यपाल से डिग्री नहीं ली:कहने पर भी इग्नोर किया; तमिलनाडु सरकार और आरएन रवि के बीच विवाद
3 hours ago

तमिलनाडु की एक यूनिवर्सिटी में बुधवार को 32वें दीक्षांत समारोह को दौरान DMK नेता की पत्नी ने राज्यपाल आरएन रवि को नजरअंदाज करते हुए उनसे डिग्री नहीं ली। इसकी जगह उन्होंने कुलपति से डिग्री ली। राज्यपाल इस समारोह में मुख्य अतिथि थे, सभी पासआउट्स को उन्हीं से डिग्री मिलनी थी। वहीं, डिग्री न लेने वाली महिला DMK के नागरकोइल डिप्टी सेक्रेटरी एम. राजन की पत्नी जीन जोसेफ हैं। दरअसल, तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल रवि के बीच कानून बनाने को लेकर लंबे समय से विवाद है। राज्यपाल ने DMK सरकार के पास 10 बिल रोक दिए थे। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस कदम को गलत और असंवैधानिक बताया था। घटना को 2 तस्वीरों से समझिए... वायरल वीडियो में क्या है तिरुनेलवेली स्थित मनोनमनियम सुंदरनार यूनिवर्सिटी (MSU) के दीक्षांत समारोह के दौरान DMK नेता की पत्नी जीन जोसेफ डिग्री लेने मंच पर पहुंचती हैं, उनको डिग्री राज्यपाल के हाथ से मिलनी थी, लेकिन वह उनके बगल में खड़े कुलपति के पास जाती हैं और उनसे डिग्री लेती हैं। इस दौरान राज्यपाल रवि मुस्कुराते हुए उन्हें पास आने का इशारा करते दिखते हैं, लेकिन वह इसे इग्नोर करती हैं। वहीं, डिग्री लेने के बाद “थैंक यू” कहती हैं, जिस पर राज्यपाल सिर हिलाकर जवाब देते हैं। तमिलनाडु सरकार-राज्यपाल के बीच विवाद की टाइमलाइन 3 जून- राज्यपाल ने बिलों को मंजूरी दी, स्टालिन बोले-सुप्रीम कोर्ट से डर गए तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने 3 जून को सरकार की ओर से पारित 2 बिलों को मंजूरी दे दी। राज्यपाल के इस फैसले पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा था- यह मंजूरी मिलनी ही थी। राज्यपाल को डर था कि अगर फिर से बिलों को रोका तो हम सुप्रीम कोर्ट चले जाएंगे। पूरी खबर पढ़ें... 8 अप्रैल- सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के अधिकार की ‘सीमा’ तय की सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल को ऐतिहासिक फैसले में राज्यपालों के अधिकार की ‘सीमा’ तय कर दी। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने तमिलनाडु के मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्यपाल के पास कोई वीटो पॉवर नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- राज्यपाल को एक दोस्त, दार्शनिक और राह दिखाने वाले की तरह होना चाहिए। आप संविधान की शपथ लेते हैं। आपको किसी राजनीतिक दल की तरफ से संचालित नहीं होना चाहिए। आपको उत्प्रेरक बनना चाहिए, अवरोधक नहीं। राज्यपाल को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कोई बाधा पैदा न हो। 6 जनवरी- राज्यपाल ने विधानसभा से वॉकआउट किया था तमिलनाडु विधानसभा सत्र के पहले दिन 6 जनवरी को राज्यपाल ने बिना संबोधन के वॉकआउट कर दिया था। जिसका राज्य के CM समेत अन्य मंत्रियों ने भी विरोध किया। स्टालिन ने यह भी कहा था कि यह बचकाना और लोकतांत्रिक परंपराओं का उल्लंघन है। इस पर गवर्नर ने रविवार को कहा- CM स्टालिन का अहंकार ठीक नहीं है। दरअसल, सदन की कार्यवाही शुरू होने पर राज्य गान तमिल थाई वल्थु गाया जाता है और आखिरी में राष्ट्रगान गाया जाता है, लेकिन राज्यपाल रवि ने इस नियम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि राष्ट्रगान दोनों समय गाया जाना चाहिए। राजभवन ने कहा- राज्यपाल ने सदन से राष्ट्रगान गाने की अपील की, लेकिन मना कर दिया गया। यह चिंता का विषय है। संविधान और राष्ट्रगान के अपमान से नाराज होकर राज्यपाल सदन से चले गए। ----------------------- ये खबर भी पढ़ें... तमिलनाडु गवर्नर को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका:दावा- राज्यपाल लगातार संविधान का उल्लंघन कर रहे तमिलनाडु के राज्यपाल को हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है। जिसमें राष्ट्रपति के सचिव और अन्य को आरएन रवि को वापस बुलाने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि रवि ने राज्यपाल के दायित्वों का पालन नहीं किया और लगातार संविधान का उल्लंघन किया है। पूरी खबर पढ़ें...
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