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    राहुल गांधी बोले- मेरी जान को खतरा:पुणे कोर्ट से कहा- गोडसे के वंशजों से सुरक्षा दिलाएं, सावरकर मानहानि केस में पेश हुए थे

    3 hours ago

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    पुणे की एक अदालत में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि उन्हें जान का खतरा है। यह खतरा उन्होंने सावरकर मानहानि केस को लेकर जताया है। उन्होंने कहा- मेरे खिलाफ मानहानि की शिकायत करने वाले नाथूराम गोडसे के वंशज हैं। राहुल गांधी ने एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट से अपील की है कि उनकी सुरक्षा और केस की निष्पक्ष सुनवाई के लिए प्रिवेंटिव प्रोटेक्शन दी जाए। यह राज्य की संवैधानिक जिम्मेदारी है। कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को करेगी। राहुल ने कहा- महात्मा गांधी की हत्या एक सोची-समझी साजिश थी और ऐसे पारिवारिक इतिहास को देखते हुए उन्हें नुकसान पहुंचने या गलत तरीके से फंसाए जाने का खतरा है। उन्होंने हाल के अपने राजनीतिक बयानों का भी जिक्र किया, जैसे संसद में 11 अगस्त को “वोट चोर कुर्सी छोड़” का नारा और चुनावी गड़बड़ियों के दस्तावेज पेश करना, जिससे राजनीतिक विरोधियों की नाराजगी बढ़ी है। राहुल ने यह भी कहा था कि सच्चा हिंदू कभी हिंसक नहीं होता, नफरत नहीं फैलाता। बीजेपी नफरत और हिंसा फैलाती है। इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने उन पर हिंदू समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाया। लंदन में कहा था- सावरकर ने मुस्लिम को पीटा था मार्च 2023 में राहुल गांधी ने लंदन में एक भाषण में दावा किया था कि वीडी सावरकर ने एक किताब में लिखा था कि उन्होंने और उनके पांच से छह दोस्तों ने एक बार एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी और उन्हें इससे खुशी हुई थी। इस भाषण का हवाला देते हुए सत्यकी सावरकर ने गांधी के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया है। इसी मामले में 3 जुलाई को पुणे के एमपी-एमएलए कोर्ट ने सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी से वह पुस्तक दिखाने की मांग की थी, जिसमें उन्होंने सावरकर के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी की थी। जस्टिस अमोल शिंदे ने कहा था कि कांग्रेस नेता को पुस्तक पेश करने के लिए विवश नहीं किया जा सकता। पहले भी सावरकर पर विवादित बयान दिए थे महाराष्ट्र के अकोला जिले में 17 नवंबर, 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने एक रैली में सावरकर को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने मीडिया के सामने एक चिट्ठी दिखाते हुए कहा था कि यह चिट्‌ठी सावरकर ने अंग्रेजों को लिखी थी। इसमें उन्होंने खुद को अंग्रेजों का नौकर बने रहने की बात कही थी। साथ ही डरकर माफी भी मांगी थी। गांधी-नेहरू ने ऐसा नहीं किया, इसलिए वे सालों तक जेल में रहे। राहुल ने कहा था, 'गांधी, नेहरू और पटेल कई साल जेल में रहे और कोई चिट्ठी नहीं साइन की। सावरकर जी ने इस कागज पर साइन किया, उसका कारण डर था। अगर डरते नहीं तो कभी साइन नहीं करते। सावरकर ने जब साइन किया तो हिंदुस्तान के गांधी, पटेल को धोखा दिया था। उन लोगों से भी कहा कि गांधी और पटेल भी साइन कर दें।' सुप्रीम कोर्ट ने 26 अप्रैल को फटकार लगाई थी सुप्रीम कोर्ट ने वीर सावरकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर 26 अप्रैल को राहुल गांधी को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि हम स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ किसी को अनाप-शनाप बोलने की इजाजत नहीं दे सकते। उन्होंने हमें आजादी दिलाई और हम उनके साथ क्या व्यवहार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, अगर आप आगे से ऐसा कोई बयान देंगे तो हम स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करेंगे। स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैर-जिम्मेदाराना बयान मत दीजिए। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने सावरकर पर टिप्पणी के मामले में राहुल के खिलाफ ट्रायल कोर्ट के समन पर रोक लगा दी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 4 अप्रैल को समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद राहुल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। पूरी खबर पढ़ें.. 2023 में राहुल के खिलाफ एडवोकेट ने शिकायत दर्ज कराई 14 जून, 2023 को लखनऊ के रहने वाले एडवोकेट नृपेंद्र पांडे ने एडिशनल CJM की अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था। अपनी शिकायत में पांडे ने आरोप लगाया कि राहुल ने अकोला में वीर सावरकर को ‘अंग्रेजों का नौकर’ और ‘पेंशनभोगी’ कहा था। उन्होंने दावा किया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस का एक न्यूज चैनल पर सीधा प्रसारण किया गया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल पत्रकारों के बीच पहले से तैयार प्रेस नोट भी बांटे गए थे। पांडे ने राहुल गांधी पर समाज में नफरत और अशांति फैलाने के इरादे से यह बयान देने का आरोप लगाया था। ----------------------------------- ये खबर भी पढ़ें... गांधी की हत्या के बाद जब सावरकर पर हमलावर थी भीड़, लाठी लेकर डटी रही थीं पत्नी यमुनाबाई वीर सावरकर जब अंडमान की सेलुलर जेल में थे, तब यमुनाबाई ने पूरे परिवार की जिम्मेदारी संभाली। यमुनाबाई का साहस तब देखने को मिला, जब महात्मा गांधी की हत्या के बाद भीड़ ने सावरकर को मारने के लिए उनके घर को घेर लिया। यमुनाबाई खुद लाठी लेकर भीड़ के सामने खड़ी हो गईं। सावरकर गांधी की हत्या में आरोपी थे जिन्हें बाद में आरोप मुक्त कर दिया गया। पूरी खबर पढ़ें
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