Search…

    Saved articles

    You have not yet added any article to your bookmarks!

    Browse articles
    Select News Languages

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    हिमाचल में हेली टैक्सी से मणिमहेश यात्रा:हेलीपैड की इंस्पेक्शन को दिल्ली से आज आएगी डीजीसीए की टीम; 16 अगस्त से शुरू हो रही यात्रा

    2 hours ago

    2

    0

    उत्तर भारत की पावन एवं पवित्र मणिमहेश यात्रा में हेली टैक्सी सेवा शुरू करने के लिए डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) की टीम आज भरमौर पहुंचेगी। डीजीसीए की टीम भरमौर और गौरीकुंड स्थित हेलीपैड का निरीक्षण करेगी। साथ ही हवाई उड़ानों की स्थिति का जायजा भी लेगी। निरीक्षण के बाद केंद्रीय टीम अपनी रिपोर्ट नागरिक उड्डयन महानिदेशालय को सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर डीजीसीए भरमौर से मणिमहेश यात्रा के दौरान हेली टैक्सी सेवा की अनुमति प्रदान करेगा। 9 अगस्त से हैली टैक्सी सेवा शुरू करने का फैसला प्रशासन ने मणिमहेश यात्रा में हेली टैक्सी सेवा 9 अगस्त से शुरू करने का फैसला लिया है और 31 अगस्त तक चलेगी। इस सेवा को शुरू करने से पहले डीजीसीए और रक्षा मंत्रालय की अनुमति लेना आवश्यक है। 2 कंपनियों के हैलीकॉप्टर भरमौर पहुंचे हेली टैक्सी सेवा प्रदान करने वाली 2 कंपनियों- हिमालयन हेली सर्विस और रजस एयरो स्पोर्ट्स के एक-एक हैलीकॉप्टर बुधवार को भरमौर स्थित हेलीपैड पर पहुंच गए हैं। मणिमहेश यात्रा 16 अगस्त से शुरू हो रही बता दें कि मणिमहेश यात्रा आधिकारिक तौर पर 16 अगस्त से शुरू हो रही है। इस यात्रा में देश के सैकड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं। ज्यादातर श्रद्धालु पैदल इस यात्रा को पूरा करते है। मगर अब हेली टैक्सी से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मणिमहेश पहुंचते हैं। बीते साल 8 लाख श्रद्धालु पहुंचे एडीएम कुलविंदर राणा ने बताया, बीते साल करीब 8 लाख श्रद्धालु मणिमहेश यात्रा पर पहुंचे थे। यह यात्रा मौसम पर काफी निर्भर रहती है। खराब मौसम में भरमौर से मणिमहेश के लिए फ्लाइट भी नहीं उड़ पाती। भरमौर से गौरीकुंड तक उड़ता है हेलिकॉप्टर हेलिकॉप्टर भरमौर से गौरीकुंड तक उड़ता है। यहां से डेढ़ किलोमीटर पैदल या घोड़ों पर जाना पड़ता है। भरमौर से गौरीकुंड की दूरी 13 किलोमीटर है। ज्यादातर श्रद्धालु मणिमहेश के लिए पैदल पहुंचते हैं। पिछले साल 4300 रुपए था हेलिकॉप्टर का किराया एक हेलिकॉप्टर में छह यात्री सफर करते हैं। साल 2023 में भरमौर से मणिमहेश का किराया 3875 रुपए और 2024 में 4300 रुपए था। इस बार का आज या कल में फाइनल कर दिया जाएगा। उत्तर भारत की कठिन धार्मिक यात्रा मणिमहेश यात्रा को उत्तर भारत की कठिन धार्मिक यात्रा माना जाता है। 13 हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थिति मणिमहेश पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को ऊंचे-ऊंचे पहाड़ चढ़ने पड़ते हैं। यह यात्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सुंदर दृश्यों के लिए भी जानी जाती है, क्योंकि इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को घने जंगलों, अल्पाइन घास के मैदानों और चट्‌टानों के बीच से होकर गुजरना पड़ता है। इस दौरान हिमालय का मनमोहक दृश्य भी देखने को मिलता हैं। यही वजह है कि यह आध्यात्मिक यात्रा रोमांच और प्राकृतिक सुंदरता का भी आभास कराती है। मणिमहेश के कैलाश शिखर में शिव का निवास मान्यता है कि भगवान शिव मणिमहेश के कैलाश शिखर पर निवास करते हैं, जो झील से दिखाई देता है। ​माना जाता है कि यह यात्रा 9वीं शताब्दी में शुरू हुई थी, जब एक स्थानीय राजा, राजा साहिल वर्मन को भगवान शिव के दर्शन हुए थे, जिन्होंने मणिमहेश झील पर एक मंदिर स्थापित करने का निर्देश दिया।
    Click here to Read more
    Prev Article
    पंजाब CM को हत्या की धमकी:आतंकी बोला-15 अगस्त को निशाने पर रहोगे; मंदिर समेत 3 जगह खालिस्तानी नारे लिखवाने का दावा
    Next Article
    Her bones tell Gaza story, but Grok thinks it is Yemen: Musk's chatbot flagged for false claims on starving girl photo - Can AI be trusted?

    Related Politics Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment