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    हरियाणा के 4 गांव, जिनके सरपंच दिल्ली में हुए सम्मानित:शहरों से अच्छे पार्क, डे-नाइट क्रिकेट स्टेडियम; कनाडाई डेलीगेशन भी हैरान हुआ

    2 days ago

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    देश में करीब 2.62 लाख पंचायतों में से 100 सरपंचों को इस स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली में सम्मानित किया गया। इनमें से 4 सरपंच हरियाणा के हैं। पंचायतों को सफाई, हरियाली, वाटर मैनेजमेंट व गांव में अन्य उल्लेखनीय सुविधाएं देने के लिए यह सम्मान मिला है। इनमें करनाल के गांव सुल्तानपुर के सरपंच जसमेर सिंह, महेंद्रगढ़ जिले के गांव नीरपुर राजपूतान के सरपंच रतन पाल सिंह, फरीदाबाद जिले के गांव बहादुरपुर के सरपंच रविंद्र सिंह बांकुरा और भिवानी जिले के शेरपुर गांव की सरपंच सुमित्रा देवी शामिल हैं। दिल्ली में इन सभी सरपंचों को जल शक्ति विभाग द्वारा सामूहिक रूप से सम्मानित किया गया है। सुल्तानपुर के सरपंच जसमेर सिंह ने बताया कि उन्हें यह सम्मान पाकर गर्व महसूस हो रहा है तो बहादुरपुर के सरपंच ने कहा कि ये किसी सपने से कम नहीं है। आइए अब आपको घुमाते हैं इन गांवों में….जानते हैं यहां क्या खास सुल्तानपुर (करनाल) - लोग खुद गलियां साफ करते हैं, विदेशी भी मान चुके लोहा आबादी : 1800 खासियत : 2023 स्वच्छता सर्वेक्षण में हरियाणा में नंबर-1 बने सरपंच जसमेर चौहान बताते हैं कि गांव श्रमदान की परंपरा पुरानी है। साल 1972 में मुख्यमंत्री बंसी लाल नहर की पटरी से होते हुए गांव आए। उन्होंने घोषणा की थी कि यदि गांव स्कूल की बिल्डिंग खड़ी कर दें, तो स्टाफ भेजा जाएगा। फिर क्या था ग्रामीणों ने आधा एकड़ पंचायती जमीन पर पांचवीं तक का स्कूल बना दिया। उस समय जसमेर छोटे थे और उन्होंने भी स्कूल को बनते देखा। बाद में छठी कक्षा के बाद बच्चों की पढ़ाई की समस्या आई, तो ग्रामीणों ने श्रमदान से 5 एकड़ में मिडिल स्कूल बनवा दिया। स्वच्छता की बात करें तो ग्रामीण सफाई कर्मियों का इंतजार नहीं करते, अपने घरों के साथ-साथ गलियों की सफाई भी खुद करते हैं। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी यहां आकर तारीफ कर चुके हैं। पर्यटन गांव बनाने की योजना अप्रैल 2022 में बांग्लादेश और कनाडा का डेलीगेशन गांव आया था और यहां की सुंदरता देखकर प्रभावित हुआ। अब तक 25 से 30 टीमें, जिनमें प्रशासनिक और विदेशी शामिल हैं, गांव देख चुकी हैं। सरपंच चाहते हैं कि पर्याप्त ग्रांट मिलने पर सुल्तानपुर को पर्यटन गांव के रूप में विकसित किया जाए। देश में कई गांव टूरिस्ट पॉइंट हैं, जहां लोग घूमने आते हैं, सुल्तानपुर भी वैसा बन सकता है। गांव में सीसीटीवी कैमरे लगाने की तैयारियां चल रही हैं। शेरपुरा (भिवानी) : कचरे से खाद बना रहे, ओपन जिम-पार्क से पहचान आबादी : 2,500 खासियत : घर में डस्टबिन, सीधा खेत में जाता है कचरा भिवानी जिले के गांव शेरपुरा की सरपंच सुमित्रा पिलानिया बताती हैं कि गांव साफ-सुथरा है तो इसके पीछे ग्रामीणों की सोच का बड़ा योगदान है। गांव में लोग कूड़ा सड़कों पर नहीं फेंकते, बल्कि खेतों में खाद के रूप में इस्तेमाल करते हैं। पंचायत ने घर-घर डस्टबिन रखवाए हैं। सुमित्रा के ससुर दरिया सिंह पिलानिया भी करीब 15 साल पहले सरपंच रह चुके हैं। एमए, बीएड पास सरपंच सुमित्रा कहती हैं- गांव में जन आंदोलन के रूप स्वच्छता का अभियान चलाया। जिसका परिणाम बहुत अच्छा आया। हमारी सामूहिक मेहनत का फल मिला। गलियां पक्की करने, श्मशान घाट के रास्ते पक्के करने, पेड़-पौधे लगाकर हरियाली करने, शेड लगाने, गांव की फिरनी, सड़कें व पार्क बनाने, गांव को जलभराव मुक्त व कचरा मुक्त करने जैसे काम किए हैं। जिससे गांव के लोग संतुष्ट हैं। 2 महीने पहले आई थी टीम ​​​​​​करीब 2 महीने पहले टीम गांव आई थी। उस टीम ने निरीक्षण किया और अपनी रिपोर्ट बनाकर चली गई। इसके बाद अब सरकार की तरफ से सम्मानित होने का पत्र मिला है। गांव में करीब डेढ़ एकड़ में एक पार्क बनवाया है। जिसको तैयार होने में करीब 6 महीने का समय लगा है। नीरपुर राजपूतान (नारनौल) : 4 एकड़ में बना डे-नाइट स्टेडियम आबादीः 1,200 खासियतः नशा मुक्त गांव घोषित किया गया महेंद्रगढ़ जिले के गांव नीरपुर राजपूत को क्रिकेट स्टेडियम की वजह से मशहूरी मिली है। पंचायत ने अपने स्तर पर 4 एकड़ पंचायती जमीन में स्टेडियम बनाया है, जिसका नाम सम्राट पृथ्वीराज चौहान के नाम पर रखा है। रात में भी मैच हो सकें, इसके लिए टावर लाइटें लगवाई हैं। कई बार प्रशासन के अधिकारी भी यहां मैच खेल चुके हैं। सरपंच रतनपाल सिंह चौहान कहते हैं- गांव के युवाओं को नशे से दूर रखने के मकसद से ही स्टेडियम बनवाया। ग्राउंड में विशेष घास लगाई गई है। यहां दिन-रात के मैच होते हैं। नीरपुर राजपूतान को नशा मुक्त हरियाणा अभियान के तहत नशा मुक्त गांव घोषित किया गया है। जल संरक्षण, स्वच्छता पर डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए सरपंच रतनपाल सिंह चौहान बताते हैं कि जल संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किए हैं। गांव में बरसाती और गंदे पानी के लिए अलग-अलग तालाब खुदवाए। इससे पानी की बर्बादी रुकी। भूमिगत जल स्तर बढ़ाने में मदद मिली। गांव में स्वच्छता अभियान चलाया गया। सीएसआर के माध्यम से करीब एक करोड़ रुपए का फंड मिला। कुल मिलाकर डेढ़ करोड़ रुपए खर्चे जा चुके हैं। खुशी है कि गांव के युवाओं का खेलों के प्रति रुझान बढ़ रहा है। गांव अपनी विशेष पहचान बनाए हुए है। बहादुरपुर (फरीदाबाद) : जोहड़ के पानी से 80 एकड़ की सिंचाई हो रही आबादीः 3 हजार खासियतः सौर पंप से चल रही सिंचाई फरीदाबाद के गांव बहादुरपुर के सरपंच रविंद्र सिंह बांकुरा को स्वच्छता और जल संरक्षण के लिए किए कार्यों के लिए सम्मानित किया जा रहा है। गांव बहादुरपुर खाद्य मंत्री राजेश नागर के विधानसभा क्षेत्र में आता है। जल शक्ति मंत्रालय की टीम ने 2 महीने पहले गांव बहादुरपुर का दौरा किया था। जिसके बाद सभी मानकों पर खरा उतरने के बाद दिल्ली जल शक्ति मंत्रालय की तरफ से सम्मानित होने वाली पंचायतों की लिस्ट जारी की गई। लिस्ट में हरियाणा की चार पंचायतों को शामिल किया गया । दिलचस्प है कि 15 अगस्त को ही गांव के सरपंच रविंद्र सिंह बांकुरा का 55वां जन्मदिन भी है। सरपंच कहते हैं कि गांव को मिलने वाले ये सम्मान उनके लिए एक तरह से बर्थडे गिफ्ट जैसा है। वह खुद कबड्डी व बॉक्सिंग के खिलाड़ी रह चुके हैं। गांव में सबसे पहले उनके ताऊ सरदार सिंह 18 साल तक सरपंच रहे। साल 2009 से 2014 तक बांकुरा की पत्नी रश्मि देवी सरपंच रही। जोहड़ का पानी सड़कों पर बहता था, अब खेती में काम सरपंच रविंद्र सिंह बांकुरा ने बताया कि उनके गांव में दो जोहड़ है। जिनका पानी पहले ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बहता रहता था। उस पानी को किस तरीके से प्रयोग किया जा सके उसके लिए जल शक्ति विभाग से उन्होंने सूक्ष्म सिंचाई योजना के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसको लेकर उन्होंने दिल्ली जाकर वर्कशॉप भी ली। जिसके बाद उन्होंने सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत सौर उर्जा से चलने वाले दो पंप सेट दोनों जोहड़ पर लगवा दिए। पानी को जोहड़ से निकालकर करीब 80 एकड़ की फसल में सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है। सिंचाई के लिए पानी पाइप लाइन बिछाई गई है और हर 5 एकड़ पर पानी की निकासी रखी गई है। इससे भू जल का भी सरंक्षण हो रहा है। गांव में पार्क बनवाया, चारों तक वॉकिंग ट्रैक गांव में करीब दो एकड़ पार्क बनवाया गया है, जिसके चारों तरफ पक्का ट्रैक बनाया गया है। गांव में घर-घर से कचरा उठाया जाता है। दो सफाई कर्मचारियों की डयूटी पंचायत ने लगाई हुई है। अब दूसरे गांव के सरपंच भी उनसे भू-जल सरंक्षण को लेकर जानकारी लेते हैं। (इनपुट: भिवानी से दीपक शर्मा, फरीदाबाद से रुषतम जाखड़ और नारनौल से देवेंद्र यादव)
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