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    देश का पहला केस, जिसमें EVM के नतीजे बदले:सुप्रीम कोर्ट में हुई री-काउंटिंग, पानीपत में हारा कैंडिडेट सरपंच बना; बिहार चुनाव तक गूंज

    2 days ago

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    पहली बार सुप्रीम कोर्ट में EVM में वोटों की री-काउंटिंग हुई और नतीजे बदल गए। मामला हरियाणा के पानीपत जिले की बुआना लाखु पंचायत का है। नवंबर 2022 में यहां सरपंच पद के चुनाव EVM से हुए। गिनती के बाद पीठासीन अधिकारी ने कुलदीप मलिक को 51 वोट से विजेता घोषित कर दिया। साढ़े 4 घंटे बाद मोहित मलिक को विजेता बताया। हालांकि बाद में हाईकोर्ट के फैसले पर कुलदीप मलिक को सरपंच घोषित किया गया। मोहित मलिक ने 33 महीने कानूनी लड़ाई लड़ी। आखिर में EVM में दर्ज वोटों की सुप्रीम कोर्ट में री-काउंटिंग करवाई गई तो मोहित 51 वोट से विजेता बने। कोर्ट के फैसले के बाद 13 अगस्त को राज्य चुनाव आयोग ने मोहित को सरपंच बनने का नोटिफिकेशन जारी किया। 14 अगस्त को मोहित को जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजेश शर्मा ने पद की शपथ दिलाई। 15 अगस्त को गांव में बतौर सरपंच मोहित को ध्वजारोहण का मौका मिला। तेजस्वी यादव बोले- लोग सावधान रहें भले ये एक पंचायत का चुनाव रहा, लेकिन इसकी गूंज बिहार चुनाव तक पहुंच रही है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने अपने X हैंडल से केस को पोस्ट किया। उन्होंने लिखा- "हारा हुआ प्रत्याशी जीत गया, लेकिन उसके कार्यकाल के तीन साल EVM की कृपा से कोई और फर्जी सरपंच रहा। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कैसे धांधली करके BJP ने BJP को जिताया, जिसे बाद में कोर्ट ने खारिज किया। उसके बाद BJP सरकार ने वीडियो रिकॉर्डिंग रखने के नियम बदल दिए। अब 45 दिन के बाद चुनाव आयोग आपको गिनती का वीडियो नहीं देगा। जब BJP चुनाव आयोग के साथ मिलकर साक्ष्य को खत्म कर देगी, तो आप कोर्ट में सबूत क्या रखेंगे? ये लोग लोकतंत्र के खिलाफ हैं, इसलिए लोकतंत्र में ये लोग पारदर्शिता नहीं चाहते। बिहार लोकतंत्र की जन्मस्थली है। आप सभी लोग सतर्क, सावधान और जागरूक रहें।" बिहार चुनाव से पहले विपक्षी दल ‘वोट चोरी’ को मुद्दा बनाकर चुनाव आयोग व सत्तारूढ़ दल के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने वोटर लिस्ट को अपडेट करने के लिए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया चलाई है। विपक्ष इसे वोट चोरी बताकर अभियान चल रहा है। आइए अब जानते हैं वो केस जो देश भर में सुर्खियां बटोर रहा... पहले उस गांव की कहानी, जहां का ये मामला है हरियाणा के पानीपत जिले में इसराना ब्लॉक का बुआना लाखु गांव है। करीब साढ़े 7 हजार की आबादी वाले गांव को ‘खिलाड़ियों की फैक्ट्री’ भी कह देते हैं, क्योंकि यहां युवाओं की खेल में खूब दिलचस्पी है। इंटरनेशनल बॉक्सर रजनी इसी गांव की हैं। यहां 10 इंटरनेशनल व 50 से ज्यादा नेशनल खिलाड़ी तैयार हुए हैं। गांव में सरपंची का चुनाव नाक का सवाल बनता है, इसलिए खूब जोर-आजमाइश होती है। वैसे भी हरियाणा में पंचायत की राजनीति सबसे टफ मानी जाती है। अब उस चुनाव की बात, जो सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा हरियाणा में अक्टूबर-नवंबर 2022 में पंचायत चुनाव हुए थे। 2 नवंबर को बुआना लाखु में वोट डलने की तारीख तय हुई। 5,076 वोटरों वाले गांव के सरपंच पद के लिए 7 प्रत्याशी मैदान में उतरे। इनमें कुलदीप सिंह मलिक, मोहित कुमार मलिक, जसवंत सिंह, नवीन कुमार, महावीर, सुमेर व सुनील कुमार थे। चौधर की लड़ाई में मुख्य मुकाबला पूर्व सरपंच कुलदीप व मोहित में था। उसी शाम EVM में दर्ज वोटों की गिनती हुई। पहले मोहित को विजेता घोषित कर दिया गया। कुछ देर बाद कुलदीप को विजेता घोषित कर पीठासीन अधिकारी ने जीत का सर्टिफिकेट (फॉर्म नंबर 19 व 21B) जारी कर दिया। इस पर मोहित व उनके समर्थकों ने पानीपत जाकर दोबारा गिनती की मांग की। साढ़े 4 घंटे बाद दोबारा गिनती कर गलती मान मोहित को 51 वोट से विजेता घोषित कर जीत का सर्टिफिकेट दे दिया। कुलदीप सिंह हाईकोर्ट पहुंचे, नोटिफिकेशन पर रोक लगी कुलदीप मलिक ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में 11 नवंबर 2022 को याचिका लगाई। दलील दी कि वह ग्राम पंचायत बुआना लाखू का विधिवत रूप से निर्वाचित सरपंच हैं। फॉर्म 19 और फॉर्म 21-B उनके पक्ष में जारी किए गए थे। बाद में उनकी अनुपस्थित में फॉर्म 21-B को मोहित के पक्ष में जारी कर दिया गया। कुलदीप सिंह बनाम हरियाणा स्टेट (केस नंबर 25694) पर हाईकोर्ट ने 29 नवंबर 2022 को आदेश पारित किया। जिसमें स्टेट इलेक्शन कमिशन को गांव बुआना लाखु के सरपंच पद पर नोटिफिकेशन जारी करने पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने मोहित का विजेता सर्टिफिकेट रद्द किया निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) ने 22 मार्च 2024 को पत्र द्वारा आग्रह किया कि हाईकोर्ट के 5 मार्च 2024 के आदेश अनुसार कुलदीप सिंह को सरपंच घोषित किया जाए। हाईकोर्ट ने कहा- “एक बार जब कुलदीप सिंह को निर्वाचित सरपंच घोषित कर दिया गया और फॉर्म 19 व 21-B जारी हो गए, तो बाद में मोहित कुमार के पक्ष में नया फॉर्म 19 व 21-B जारी करना अवैध है। इसलिए मोहित कुमार को जारी फॉर्म 21-B को रद्द किया जाता है और कुलदीप सिंह को विधिवत सरपंच घोषित किया जाता है।” इस पर कुलदीप मलिक को सरपंच नोटिफाई कर दिया गया। फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मोहित हाईकोर्ट के फैसले और कुलदीप को सरपंच नोटिफाई करने के खिलाफ मोहित ने सुप्रीम कोर्ट अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट इलेक्शन कमिशन को EVM खोलकर दोबारा वोटों को गिनती के निर्देश दिए। यह ऐसा पहला मामला बना, जहां कोर्ट ने EVM खोलने का आदेश दिया। दोबारा हुई गिनती में मोहित 51 वोट से विजेता बने। उनके पक्ष में 1,051 वोट गिने गए, जबकि कुलदीप के पक्ष में 1,000 वोट। सुप्रीम कोर्ट ने 2 दिन के भीतर मोहित के बतौर सरपंच बनने का नोटिफिकेशन जारी करने को कहा। 13 अगस्त को मोहित के सरपंच बनने का नोटिफिकेशन जारी 13 अगस्त 2025 को पानीपत जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) ने सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2025 के आदेश का हवाला देते हुए लिखा- “हमारे 31 जुलाई 2025 के आदेश के तहत पुनर्गणना पूरी हो चुकी है, जिसकी वीडियोग्राफी भी हुई है और सभी पक्षों के प्रतिनिधियों ने उस पर हस्ताक्षर किए हैं। हमें रिपोर्ट पर कोई संदेह नहीं है। हम मानते हैं कि मोहित कुमार को ही ग्राम पंचायत बुआना लाखू का निर्वाचित सरपंच घोषित किया जाना चाहिए। जिला निर्वाचन अधिकारी, पानीपत को निर्देश दिया जाता है कि दो दिन के भीतर अधिसूचना जारी करें, जिसमें मोहित कुमार को ग्राम पंचायत बुआना लाखू का सरपंच घोषित किया जाए। मोहित कुमार को तुरंत पदभार ग्रहण करने और कार्य करने की अनुमति दी जाती है।” 14 अगस्त को DDPO ने दिलाई पद की शपथ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार 14 अगस्त को सादे समारोह में मोहित मलिक को बुआना लाखु के सरपंच पद की शपथ दिलाई गई। जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी (DDPO) राजेश शर्मा खुद गांव पहुंचे। सरपंच बनने के बाद 15 अगस्त को मोहित मलिक ने गांव के सरकारी स्कूल में फ्लैग होस्टिंग की। पीठासीन अधिकारी की चूक ठीक करने में 33 महीने लगे 2 नवंबर 2022 को हुए सरपंच चुनाव में बूथ नंबर-69 पर पीठासीन अधिकारी की वोटों की गिनती में गड़बड़ी हुई थी। मोहित कुमार के वोट कुलदीप सिंह के खाते में और कुलदीप सिंह के वोट मोहित कुमार के खाते में दर्ज हो गए। इस गलती के कारण कुलदीप सिंह को 51 वोटों से विजेता घोषित कर दिया गया था। मोहित मलिक के वकील अनिल दूहन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मशीनों को कोर्ट कॉम्पलैक्स में मंगवाकर वोटों की गिनती करवाने के बाद फैसला दिया है। मोहित बोले- लंबी लड़ाई में हिम्मत टूटी, ग्रामीणों से हौसला मिला बुआना लाखु सरपंच घोषित होने के बाद मोहित मलिक के चेहरे पर अलग ही चमक दिखी। दैनिक भास्कर एप से बातचीत में उन्होंने कहा- "इतनी लंबी कानूनी लड़ाई में कई बार हिम्मत भी टूटी, लेकिन गांव वालों ने हौसला बढ़ाया। मेरे साथ गांव वालों का प्यार था। उसका मैं पूरे दिल के साथ धन्यवाद करता हूं। आगे भी गांव वालों के आशीर्वाद से विकास कार्यों के लिए कार्यरत रहूंगा। शिक्षा, स्वास्थ्य व खेल पर ज्यादा से ज्यादा काम करना है। ये तीनों काम पूरे हो जाएंगे, तो गांव का काफी विकास हो जाएगा।"
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