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    कोलकाता रेप-मर्डर केस का एक साल, भाजपा का प्रदर्शन:बैरिकेड्स हटाए-पुलिस का लाठीचार्ज, CM ममता के इस्तीफे की मांग; जूनियर डॉक्टरों ने रैली निकाली

    1 day ago

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    कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर की घटना को आज एक साल हो गया है। मामले में न्याय की मांग को लेकर भाजपा और डॉक्टरों ने 'नबन्ना अभियान' रैली निकाली। पश्चिम बंगाल पुलिस ने 'नबन्ना अभियान' रैली के दौरान भाजपा नेताओं को रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए। नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी, विधायक अग्निमित्र पॉल और अन्य प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स हटाने की कोशिश की। जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। पॉल ने कहा कि एक साल हो गया है लेकिन 'अभया' को न्याय नहीं मिला है। यह रैली ममता बनर्जी के खिलाफ है। उन्होंने सारे सबूत मिटा दिए हैं। हम उनके इस्तीफे की मांग करते हैं। वहीं, शुक्रवार को जूनियर डॉक्टरों और सिविल सोसायटी मेंबर्स ने कोलकाता में मशाल रैली निकाली। संगठन अभया मंच के डॉ. सुवर्ण गोस्वामी ने सवाल किया- एक साल बाद भी सप्लीमेंट्री चार्ज क्यों दायर नहीं हुआ है। हम पहले से ही कहते रहे हैं कि यह किसी एक व्यक्ति का काम नहीं है। बावजूद इसके CBI किसी दूसरे आरोपी का पता तक नहीं लगा सकी। पहले जानिए इस केस के बारे में आरजी कर हॉस्पिटल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। 9 अगस्त की सुबह डॉक्टर की लाश सेमिनार हॉल में मिली थी। CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस ने संजय रॉय नाम के सिविक वॉलंटियर को 10 अगस्त को अरेस्ट किया था। 20 जनवरी को उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई। इस घटना के बाद कोलकाता समेत देशभर में प्रदर्शन हुए। बंगाल में 2 महीने से भी ज्यादा समय तक स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही थीं। कोलकाता में भाजपा के प्रदर्शन और मशाल रैली की 3 तस्वीरें... CBI अधिकारी बोला- हम घटना में पर्दे के पीछे की साजिश की जांच कर रहे CBI के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर दैनिक भास्कर को बताया कि हम इस घटना में पर्दे के पीछे की साजिश की जांच कर रहे हैं। टाला थाने के ऑफिसर इंचार्ज की भूमिका और उसे जुड़े एक सिम कार्ड की भी जांच की जा रही है। एजेंसी सुप्रीम कोर्ट में 7 स्टेटस रिपोर्ट जमा कर चुकी है। बीते सप्ताह CBI की एक टीम ने पीड़िता के घर जाकर उसके माता-पिता से मुलाकात कर बताया था कि उनके दावों के विपरीत सिर्फ एक ही व्यक्ति ने उनकी पुत्री के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी थी। पीड़िता के पिता बताते हैं कि हमने सीबीआई के दावों के उलट उनको इस बात के सबूत दिखाए जिनके आधार पर हमारा मानना है कि इस घटना में कई अन्य लोग भी शामिल थे। हालांकि उन्होंने उन सबूतों के बारे में बताने से इनकार कर दिया। दोषी संजय को उम्रकैद की सजा सुनाई इस मामले में 18 जनवरी को कोर्ट ने संजय को दोषी करार दिया था और 20 जनवरी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। हालांकि ट्रेनी डॉक्टर की फैमिली केस की जांच से संतुष्ट नहीं हुए। उनका कहना था कि CBI ने असली कातिल को नहीं पकड़ा। अदालत ने 162 दिन बाद फैसला सुनाया था। CBI ने आरोपी संजय के लिए फांसी की मांग की है। वहीं, संजय की बड़ी बहन ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के इस फैसले को किसी भी अदालत में चुनौती देने की कोई योजना नहीं है। 3 लोगो पर शक, 2 को जमानत मिली थी संजय रॉय के अलावा मामले में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को भी आरोपी बनाया गया, लेकिन CBI 90 दिन के अंदर घोष के खिलाफ चार्जशीट दायर नहीं कर पाई, जिस कारण सियालदह कोर्ट ने 13 दिसंबर को घोष को इस मामले में जमानत दे दी। CBI ने 25 अगस्त को सेंट्रल फोरेंसिक टीम की मदद से कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में संजय समेत 9 आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया था। इनमें आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, ASI अनूप दत्ता, 4 फेलो डॉक्टर, एक वॉलंटियर और 2 गार्ड्स शामिल थे।
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