कुलपति हरेराम तिवारी और उनकी पत्नी की हादसे में मौत:ड्राइवर को पीछे बैठाकर खुद चला रहे थे, मऊ में ट्रक में घुसी इनोवा
16 hours ago

यूपी के मऊ में महाराष्ट्र के कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति हरेराम तिवारी और उनकी पत्नी की मौत हो गई। शनिवार सुबह वह इनोवा कार से वाराणसी से अपने घर कुशीनगर जा रहे थे। मऊ के दोहरीघाट के पास उन्हें झपकी आ गई। इनोवा बेकाबू हो गई और सड़क किनारे खड़े ट्रेलर में पीछे से घुस गई। कुलपति और उनकी पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पीछे बैठा ड्राइवर गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे के बाद काफी देर तक पति-पत्नी का शव गाड़ी में ही पड़ा रहा। होश आने पर ड्राइवर ने फोन करके हादसे की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने कार का गेट काटकर दोनों शवों और घायल ड्राइवर को बाहर निकाला। हादसा इतना भयावह था कि एयरबैग खुलने के बाद भी दोनों की जान नहीं बची। इनोवा जैसी कार बुरी तरह डैमेज हो गई। हादसा वाराणसी-गोरखपुर हाईवे (NH-29) पर दोहरीघाट के अहिरानी बुजुर्ग पेट्रोल पंप के पास हुआ। पुलिस जांच में पता चला है कि ड्राइवर को झपकी आ रही थी। इसलिए कुलपति ने उसे पीछे की सीट पर बैठा दिया था और खुद कार चला रहे थे। बगल में उनकी पत्नी बैठी थीं, जबकि ड्राइवर पीछे की सीट पर सो रहा था। हादसे की तस्वीरें देखिए... कुलपति ने थोड़ी देर पहले ही स्टेयरिंग संभाली थी
हरेराम तिवारी (58) कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय, रामटेक (महाराष्ट्र) के कुलपति थे। वह मूलरूप से कुशीनगर में चौरा थाना क्षेत्र में मोहनपुर चकिया गांव के रहने वाले थे। शनिवार सुबह अपनी पत्नी बदामी देवी (52) और ड्राइवर वैभव मिश्रा (28) के साथ वाराणसी से कुशीनगर जा रहे थे। ड्राइवर वैभव ने बताया- मऊ के करीब पहुंचे ही थे, तभी मुझे झपकी आने लगी। इस पर कुलपति ने कहा कि तुम पीछे बैठकर थोड़ी देर सो जाओ, मैं ड्राइव कर लूंगा। इसके बाद मैं पीछे की सीट पर जाकर सो गया। कुछ ही देर बाद गाड़ी सड़क पर खड़े ट्रेलर में टकरा गई। ड्राइवर बोला- होश आने पर मैंने पुलिस को सूचना दी
ड्राइवर ने कहा- हादसा इतना तेज था कि एयरबैग खुलने के बाद भी कुलपति स्टेयरिंग से चिपक गए। उनकी पत्नी ने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी, जिसकी वजह से वह सीट से नीचे गिर गईं और उनकी मौत हो गई। हादसे के बाद मैं भी बेहोश हो गया था। होश आने पर देखा कि मैं भी गाड़ी में बुरी तरह फंसा हुआ था। इसके बाद मैंने फोन कर पुलिस को सूचना दी। थोड़ी देर बाद पुलिस पहुंची और इनोवा कार का गेट काटकर हम लोगों को बाहर निकाला। ASP अनूप कुमार ने बताया- कुलपति के परिवार को सूचना दे दी गई है। अभी कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर के बाद ट्रेलर के ड्राइवर के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। कुलपति हरेराम तिवारी इकलौते बेटे थे। उनकी 6 संतानें हैं- तीन बेटे और तीन बेटियां। बड़ा बेटे राजन (36) सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। मंझला बेटा विनय (32) प्रोफेसर हैं, जबकि सबसे छोटा बेटा गोपाल (28) पिछले 10 वर्षों से बीमार हैं। वह बेड रेस्ट पर हैं और कुलपति के साथ ही रहते थे। वहीं, बड़ी बेटी वंदना (34) की शादी हो चुकी है। बाकी दो बेटियां पुनीता (26) और अर्चना (20) पढ़ाई कर रही हैं। -------------------------------------------------------------------------- ये खबर भी पढ़ेंः- मर्डर के बाद सिर काटने वाला कुख्यात शंकर कन्नौजिया ढेर:आजमगढ़ में STF ने एनकाउंटर में मार गिराया, 14 साल से फरार था आजमगढ़ में एक लाख के इनामी कुख्यात बदमाश शंकर कन्नौजिया को STF ने एनकाउंटर में मार गिराया। कन्नौजिया 14 साल से फरार था। उस पर हत्या और अपहरण के कई मुकदमे थे। वह हत्या के बाद लाश का सिर काटकर ले जाता था। पढ़ें पूरी खबर...
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