शिमला में कुत्तों के गले में QR कोड लगने शुरू:निगम बोला-रेबीज का पता चलेगा, लाल रंग के पट्टे से होगी खतरनाक कुत्ते की पहचान
6 hours ago

शिमला शहर में अब आसानी से खतरनाक कुत्तों की पहचान हो पाएगी। नगर निगम ने इसके लिए एक नई पहल "रेबीज मुक्त शिमला " शुरू की है। शिमला शहर के विधायक हरीश जनारथा ने शनिवार को इसका शुभारंभ किया है। इसके तहत कुत्तों में QR कोड और जीपीएस युक्त स्मार्ट कॉलर लगाए जा रहे है। जिससे आवारा कुत्तों की आसानी से यह पहचान हो पाएगी कि यह आवारा कुत्ता वैक्सीनेटेड है और इसकी क्या स्थिति है। नगर निगम की इस पहल का लक्ष्य शहर में आवारा कुत्तों को समस्या को कम करना है। GPS कॉलर की भी सुविधा
नगर निगम शिमला इस पहल के तहत शहर के सभी आवारा कुत्तों में QR कोड और GPS युक्त स्मार्ट कॉलर लगाएगा। इस QR कोड में कुत्ते का सारा रिकॉर्ड रहेगा और कॉलर के कलर से उसकी पहचान होगी की कुत्ता कितना खतरनाक है। शहर के सबसे खतरनाक कुत्तों में लाल रंग के पट्टे लगाए जाएंगे, जिससे दूर से ही लोगों को कुत्ते की पहचान हो जाएगी। वहीं सामान्य कुत्तों में अन्य रंग के पट्टे पहनाए जाएंगे। 2200 कुत्तों का हो चुका है टीकाकरण
नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि शहर में अब तक नगर निगम ने अन्य निजी संस्थाओं के साथ मिलकर 2200 से ज्यादा आवारा कुत्तों का टीकाकरण कर चुका है। उन्होंने कहा कि नगर निगम ने शहर के 4000 कुत्तों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा है। जिसका युद्ध स्तर पर कार्य चला हुआ है। इस लक्ष्य को जल्द ही पूरा करेंगे। शहर के साथ 17 पंचायतों के कुत्तों का भी होगा टीकाकरण
सुरेंद्र चौहान ने कहा कि नगर निगम शहर के साथ लगने वाली 17 पंचायतों को भी इस अभियान में शामिल करेगी। क्योंकि इन पंचायतों का प्रभाव भी शहर में पड़ता है। इसके लिए वह प्रदेश सरकार सीएम सुक्खू, विभाग के मंत्री और संबंधित क्षेत्रों के प्रतिनिधियों से बात करेगी। ताकि शहर व उसके आस पास कुत्ते के आतंक को कम किया जा सकें और खतरनाक कुत्तों की भी पहचान की जा सकें। फीडिंग जॉन में दे पाएंगे खाना
चौहान ने कहा कि शहर में कुत्तों के काटने की समस्या को कम से कम करने के लिए और भी आवश्यक कदम उठाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि शहर में फीडिंग जॉन चिह्नित किए जाएंगे। लोग उसी जॉन में आवारा कुत्तों को खाने की वस्तु दे पाएंगे यदि कोई नियमों का उल्लंघन करेंगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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