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    किशनगंज में डेढ़ लाख वोटर्स के नाम लिस्ट से हटे:EC की वेबसाइट पर वोटर लिस्ट का नया ड्राफ्ट जारी, छूटे वोटर्स को 2 अगस्त से जोड़ा जाएगा

    4 days ago

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    बिहार में चुनाव आयोग ने आज (शुक्रवार को) वोटर लिस्ट का नया ड्राफ्ट पॉलिटिकल पार्टी को जारी किया गया है। न्यूज एजेंसी को दी गई जानकारी में निर्वाचन आयोग ने बताया- 38 जिलों के DM राजनीतिक दलों के साथ इसे साझा किया। दोपहर 3 बजे से ड्राफ्ट इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर पब्लिश हो गया है। इस ड्राफ्ट में प्रदेश में चलाए गए घर-घर मतदाता सत्यापन अभियान के आधार पर तैयार की गई वोटर लिस्ट है। नई लिस्ट जारी होने के बाद किसी मतदाता को वोटर लिस्ट में नाम जुड़ने, हटने या गलत जानकारी को लेकर शिकायत है, तो उन्हें सुधार का एक मौका मिलेगा। इसको लेकर 2 अगस्त से एक सितंबर 2025 तक विशेष कैंप लगाए जाएंगे, जहां मतदाता अपने दावे और आपत्तियां दर्ज करवा सकेंगे। अब जानिए किस जिले में कितने नाम हटे किशनगंज में 1,45,913 नाम लिस्ट में नहीं किशनगंज की चारों विधानसभा में लगभग 1,45,913 कुल मतदाता का नाम लिस्ट में नही है। इसमें मृतक, पलायन कर चुके, लापता या डुप्लीकेट (2-2 जगह) नाम वाले मतदाता शामिल हैं। इनमें सबसे अधिक किशनगंज विधानसभा क्षेत्र में 49,340 मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से काटे गए। वहीं, सबसे कम ठाकुरगंज में 29,277 मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए। वहीं, बहादुरगंज में 36,574 और कोचाधामन में 30,722 वोटरों के नाम मतदाता सूची से काटे गए। चारों विधानसभा किशनगंज, बहादुरगंज, कोचाधामन, ठाकुरगंज विधानसभा के कुल 12 लाख 31 हजार 910 मतदाताओं में से 10 लाख 85 हजार 996 मतदाताओं के EFS फॉर्म जमा हो चुके हैं। इन जगहों पर लगाए जाएंगे कैंप बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल के निर्देश के अनुसार, विशेष कैंप सभी प्रखंड सह अंचल कार्यालयों, नगर निकाय कार्यालयों, नगर परिषद/नगर निगम कार्यालयो में लगाए जाएंगे। 2 अगस्त से 1 सितंबर के बीच इन विशेष कैंपों में सुबह 10 से शाम 5 बजे तक काम होगा। रविवार को भी कैंप में कर्मचारी काम करेंगे। वहीं, बीएलओ को निर्देश दिया गया है कि दिव्यांग और बुजुर्ग के घर जाकर आवेदन लें। ताकि वो भी बिना किसी परेशानी के मतदाता सूची में शामिल हो सकें। बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण के पहले चरण के आंकड़े चुनाव आयोग के बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के पहले चरण के आंकड़े के अनुसार, कुल मतदाताओं की संख्या घटकर 7.24 करोड़ रह गई है, जबकि पहले यह आंकड़ा 7.89 करोड़ था। यानी करीब 65 लाख मतदाताओं के सूची से हटाए गए हैं। हटाए गए नामों के पीछे का कारण वोटर लिस्ट से हटाए गए नामों में वे लोग शामिल हैं, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। इसके अलावा स्थायी रूप से किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित हो चुके हैं या जिनके नाम दो बार दर्ज थे। आंकड़ों के अनुसार, 22 लाख मतदाताओं की मौत हो चुकी है, 36 लाख मतदाता अन्य स्थानों पर स्थानांतरित पाए गए हैं और 7 लाख लोग किसी नए जगह स्थायी निवासी बन चुके हैं। 24 जून 2025 से शुरू हुआ था विशेष अभियान SIR 24 जून 2025 को शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य था फर्जी, दोहराए गए और स्थानांतरित मतदाताओं को सूची से हटाना और नए योग्य मतदाताओं को जोड़ना। इस कार्य के तहत 7.24 करोड़ मतदाताओं से फॉर्म लिए गए। पहला चरण 25 जुलाई 2025 तक पूरा किया गया, जिसमें 99.8% कवरेज हासिल की गई। सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था मामला सुप्रीम कोर्ट ने 4 दिन पहले वोटर लिस्ट रिवीजन जारी करने की अनुमति दी थी। अदालत ने इसे संवैधानिक जिम्मेदारी बताया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने विशेष गहन पुनरीक्षण की टाइमिंग पर सवाल उठाए थे। वहीं, अदालत ने चुनाव आयोग से कहा था कि बिहार में SIR के दौरान आधार, वोटर आईडी, राशन कार्ड को भी पहचान पत्र माना जाए। कोर्ट ने ये भी कहा था अगर प्रक्रिया में खामी मिली तो हम SIR को रद्द कर देंगे। --------------------------------- ये भी पढ़ें बिहार की वोटर लिस्ट से 65 लाख नाम हटे:22 लाख की मौत हो चुकी; SIR के आंकड़े जारी, राज्य में 7.24 करोड़ वोटर चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के पहले चरण के आंकड़े जारी कर दिए हैं। इसके मुताबिक बिहार में अब 7.24 करोड़ वोटर हैं। पहले यह आंकड़ा 7.89 करोड़ था। वोटर लिस्ट रिवीजन के बाद 65 लाख नाम सूची से हटा दिए गए हैं। हटाए गए नामों में वे लोग शामिल हैं, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं या फिर कहीं और स्थायी रूप से रह रहे हैं या जिनका नाम दो वोटर लिस्ट में दर्ज था। पूरी खबर पढ़ें
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