मेघालय में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर कर्फ्यू:1km दायरे में 2 महीने तक रात में लगा रहेगा, हथियारबंद लोगों की घुसपैठ के बाद फैसला
4 hours ago

मेघायल के ईस्ट खासी हिल्स जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास 1 किलोमीटर के दायरे में कर्फ्यू लगाया गया है। प्रशासन ने 8 अगस्त को हथियारबंद लोगों की घुसपैठ की घटना के बाद यह फैसला लिया है। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट आर एम कुर्बाह ने इसको लेकर आदेश जारी किया है। इसके अनुसार, नोटिफाई जोन (अधिसूचित क्षेत्र) में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित है। कर्फ्यू अगले 2 महीने तक लागू रहेगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने, पांच या उससे अधिक लोगों की भीड़ इकट्ठा करने, हथियार या किसी भी तरह के हथियार जैसी चीजें ले जाने पर रोक होगी। मेघालय और बांग्लादेश के बीच 444 किलोमीटर लंबी सीमा है। इसमें ईस्ट खासी हिल्स में करीब 7-8 किलोमीटर का हिस्सा बिना बाड़ (फेंसिंग) के है। 8 अगस्त: हथियारबंद लोग बॉर्डर से घुसे थे ईस्ट खासी हिल्स जिले के बागली सेक्टर के रोंगडांगाई गांव में 8 अगस्त को कम से कम आठ हथियारबंद लोग बांग्लादेश से घुस आए थे। उन्होंने एक व्यक्ति को चाकू मारकर घायल कर दिया था। संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और एक ग्रामीण को अगवा करने की कोशिश की थी। अधिकारियों का कहना है कि ईस्ट खासी हिल्स का कुछ हिस्सा अब भी खुला और असुरक्षित है, जहां से घुसपैठ और उग्रवादी संगठनों की गतिविधियों का खतरा बना रहता है। 21 अगस्त: अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए असम सरकार का बड़ा फैसला लिया असम में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का नया आधार कार्ड नहीं बनेगा। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा- असम कैबिनेट ने अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता से रोकने के लिए यह फैसला लिया है। CM हिमंत ने बताया कि राज्य में 18 साल से अधिक उम्र के जिन लोगों के पास अभी तक आधार कार्ड नहीं है, उन्हें आवेदन के लिए एक महीने का समय दिया जाएगा। अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और चाय जनजाति के 18+ आयु वाले एक साल तक आधार कार्ड बनवा सकेंगे। पूरी खबर पढ़ें... --------------------- ये खबर भी पढ़ें... ‘कागज दिखाए, फिर भी पूछ रहे, बांग्लादेश से कब आए’:दिल्ली छोड़कर जा रहे बंगाल-असम के लोग, बोले- हम घुसपैठिए नहीं हिंदुस्तानी ‘हमारा परिवार बंगाल से दिल्ली काम करने के लिए आया, लेकिन यहां हमें परेशान किया जा रहा है। हम बंगाली बोलते हैं और मुस्लिम भी हैं। भाषा और धर्म के आधार पर हमें टारगेट किया जा रहा है। हमें बांग्लादेशी बताकर बेदखल क्यों किया जा रहा है। हम तो अपने देश में ही सुरक्षित नहीं हैं।‘ पूरी खबर पढ़ें...
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