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    मनीषा की मौत पर प्ले-वे स्कूल संचालक सामने आए:बोले- उस दिन आधे घंटे लेट निकली; आइडियल कॉलेज की बस में आती-जाती, चुप रहती थी

    13 hours ago

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    हरियाणा में भिवानी की लेडी टीचर मनीषा (19) की मौत के मामले में अब प्ले-वे स्कूल संचालक ने भी चुप्पी तोड़ी है। किड्स केयर सीएससी बाल विद्यालय के संचालक रोहित दहिया ने बताया कि आम दिनों में मनीषा दोपहर 1ः30 बजे स्कूल से निकल जाती थी। 11 अगस्त को मनीषा करीब आधे घंटे लेट हुई। मनीषा 1ः58 बजे स्कूल गेट से अकेली निकली। उस दिन बच्चों का टेस्ट होने के कारण देरी हुई। बाकी स्टाफ भी लेट ही निकला। 9 जुलाई को मनीषा 5 हजार रुपए महीने के वेतन पर स्कूल में पढ़ाने लगी थी। उसे पहली सैलरी मिलने वाली थी, इसी बीच वो 11 अगस्त को लापता हो गई। अभी परिवार को मनीषा की सैलरी नहीं मिली है। मनीषा ने साइंस स्ट्रीम में 85% अंकों के साथ 12वीं पास की थी। उसका आगे Bsc नर्सिंग में दाखिला लेने का इरादा था। घर की कमजोर आर्थिक हालत को देखते हुए ही मनीषा ने अपनी आगे की पढ़ाई के लिए फीस जुटाने के इरादे से स्कूल में पढ़ाना शुरू किया। अब उसे पहली सैलरी मिलनी थी, इसलिए वो नर्सिंग कॉलेज में दाखिले के बारे में पता करने की बात कहकर उस दिन घर से निकली थी। मनीषा दोबारा नहीं लौटी और 13 अगस्त को खेतों में लाश मिली। अब जानिए जिस स्कूल में मनीषा पढ़ाती थी, उसके संचालक ने क्या बातें बताईं इंटरव्यू के जरिए मनीषा को नौकरी मिली स्कूल संचालक ने बताया कि 3 जुलाई को मनीषा ने जॉब के लिए बात की। फिर 4 जुलाई को इंटरव्यू देने के लिए आई। उसने अच्छे से सभी सवालों के जवाब दिए। उसका व्यवहार भी अच्छा लगा, इसलिए उसका सिलेक्शन कर लिया और डैमो क्लास ली। स्कूल में करीब 100 बच्चे हैं। इनके लिए पहले ही 4 फीमेल टीचर थीं। मनीषा 5वीं थी। जॉइनिंग के समय मनीषा ने बताया था कि आर्थिक स्थिति कमजोर रोहित दहिया ने बताया कि जब मनीषा ने जॉइनिंग की उस समय बताया था कि उसे आगे पढ़ना है और नर्सिंग ऑफिसर बना चाहती है। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है। इसलिए वह नौकरी कर रही है। जॉइनिंग के समय जब मनीषा से पूछा कि कितनी सैलरी चाहिए तो मनीषा ने कहा था- '4-5 हजार रुपए दे दें।' इसके बाद मनीषा की 5 हजार रुपए सैलरी लगाई थी। सीधी-सादी मनीषा कम बात करती, काम से काम रखती उन्होंने कहा कि स्कूल में मनीषा का सामान्य व्यवहार था। कम ही बात करती थी। बस काम से काम रखती थी। मैनेजमेंट या स्कूल संचालक जो काम सौंपते उसे अच्छी तरह से करने का प्रयास करती थी। मनीषा खुद पढ़ाई में होशियार रही थी, इसलिए वह बच्चों को भी अच्छे ढंग से सिखाती थी। सामान्य दिनों की तरह 11 अगस्त को भी शांत नजर आ रही थी। स्कूल ने ही आइडियल नर्सिंग कॉलेज की बस में इंतजाम कराया रोहित दहिया ने बताया कि जॉइनिंग के बाद मनीषा एक-दो दिन देरी से स्कूल पहुंची। जब मनीषा से पूछा तो बताया कि उनके गांव ढाणी लक्ष्मण से सिंघानी के लिए सीधी बस नहीं आती। इसलिए उन्हें बस बदलकर आना पड़ता है। इसके बाद दहिया ने आइडियल संस्थान के स्टाफ से बातचीत की, उनकी बस मनीषा के गांव जाती थी। मनीषा की आइडियल संस्थान की बस में आने-जाने की व्यवस्था की, ताकि समय से स्कूल आ सके और समय से घर जा सके। हालांकि 11 अगस्त को मनीषा कॉलेज बस से नहीं लौटी थी। 11 अगस्त को स्कूल गेट से अकेले ही कॉलेज की तरफ निकली स्कूल में लगे CCTV कैमरों की रिकॉर्डिंग से पता चला कि 11 अगस्त को मनीषा दोपहर 1 बजकर 58 मिनट पर स्कूल गेट से निकली। स्कूल से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर नर्सिंग कॉलेज है, जहां से मनीषा बस में बैठती थी। स्कूल और कॉलेज के रास्ते में कई दुकानों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। एक-दो में मनीषा अकेले ही जाती दिख रही है। स्कूल में अन्य स्टाफ को घर जाने की बात कहकर निकली थी। बस में केवल मनीषा अकेली ही आती-जाती थी, दूसरा कोई भी स्टाफ का सदस्य उसके गांव से नहीं था, इसलिए वह अकेली ही जाती थी। 11 अगस्त की शाम को बस चालक का फोन आया और उसने कहा कि मनीषा घर नहीं पहुंची। उसके कुछ देर बाद मनीषा के पिता संजय से बात हुई। संजय तब लोहारू में थे। उन्होंने कहा कि मनीषा घर नहीं पहुंची है। फिर संजय लोहारू से गांव सिंघानी स्थित स्कूल में पहुंचे। जब सीसीटीवी चेक किए तो मनीषा स्कूल गेट से जाती हुई दिखाई दी। मनीषा के केस में 2 सवालों के जवाब नहीं मिले स्कूल संचालक से पूछताछ की, कैमरों की डीवीआर पुलिस के कब्जे में मनीषा का लापता होने और लाश मिलने के मामले में भिवानी पुलिस ने प्ले वे स्कूल संचालक से भी लंबी पूछताछ की। कई दिन यह पूछताछ चली। इसके अलावा स्कूल के बाकी स्टाफ से भी पड़ताल हुई है। स्कूल संचालक का कहना है कि स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरों की DVR पुलिस ले जा चुकी है। अभी पहली सैलरी पेंडिंग, न मनीषा न ले पाई न परिवार 9 अगस्त को मनीषा का नौकरी पर एक महीना पूरा हो गया था। हालांकि स्कूल संचालक की ओर से उसे पहली सैलरी नहीं मिली। स्कूल संचालक का कहना है कि 11 अगस्त शाम को ही मनीषा को ढूंढते हुए परिजन स्कूल पहुंचे थे। तब उन्होंने परिवार को बता दिया था कि अभी मनीषा की सैलरी पेंडिंग है। उनका दावा है कि परिजनों को भी सीसीटीवी की फुटेज दिखाई थी। --------------------- मनीषा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- मनीषा की मौत पर कॉलेज प्रबंधन पहली बार सामने आया:बोला- कॉलेज 1 बजे बंद होता है, CCTV में वह 1.58 बजे दिखी; सीधा दाखिला भी नहीं लेते हरियाणा के भिवानी में लेडी टीचर मनीषा (19) की मौत के मामले में पहली बार आइडियल नर्सिंग कॉलेज प्रबंधन सामने आया है। प्रबंधन ने दावा किया कि 11 अगस्त को मनीषा या कोई अन्य लड़की उनके कॉलेज में एडमिशन इन्क्वायरी के लिए आई ही नहीं थी। पढ़ें पूरी खबर...
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