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    NEET PG से जुड़ी याचिकाओं पर SC में सुनवाई आज:स्‍टूडेंट्स की मांग- एक ही शिफ्ट में परीक्षा हो; क्‍वेश्‍चन पेपर, आंसर-की भी जारी हों

    2 months ago

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    NEET PG एग्‍जाम में नॉर्मलाइजेशन से जुड़ी याचिकाओं पर SC में आज सुनवाई होगी। इससे पहले जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस ऐ जी मसीह की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि ये 2024 की परीक्षा से संबंधित है। ऐसे में अब इस पर सुनवाई की जरूरत नहीं है। मगर याचिकाकर्ताओं का कहना है कि NEET PG 2025 एग्‍जाम में भी स्‍टूडेंट्स के बीच नॉर्मलाइजेशन एक बड़ा कंसर्न है। सितंबर 2024 में दायर हुई थी याचिका NEET PG 2024 परीक्षा के एस्पिरेंट्स ने सितंबर 2024 में परीक्षा में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए याचिका दायर की थी। स्‍टूडेंट्स की मांग थी कि परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी NBEMS एग्‍जाम के क्‍वेश्‍चन पेपर और स्‍टूडेंट्स की आंसर भी जारी करे। इससे कैंडिडेट्स को अपने रिजल्‍ट का सही आकलन करने और बेहतर तैयारी करने में मदद होगी। स्‍टूडेंट्स की दूसरी मांग थी कि एग्‍जाम एक ही शिफ्ट में हो। दो शिफ्ट में एग्‍जाम होने से रिजल्‍ट नॉर्मलाइजेशन के बाद जारी होता है जो कि फेयर नहीं है। आखिर क्या है नॉर्मलाइजेशन कई बार जब किसी एग्जाम के लिए अप्लाई करने वाले कैंडिडेट्स की संख्या ज्यादा हो जाती है तो एग्जाम कई शिफ्टों में आयोजित कराया जाता है। कई बार एग्जाम कई दिन तक चलता है। ऐसे में हर शिफ्ट में क्वेश्चन पेपर का अलग सेट स्टूडेंट्स को दिया जाता है। ऐसे में किसी स्टूडेंट को मुश्किल और किसी स्टूडेंट को आसान क्वेश्चन पेपर मिलता है। यहां सवाल उठता है कि आसान और मुश्किल कैसे तय किया जाता है। इसे ऐसे समझते हैं… किसी एग्जाम में क्वेश्चन पेपर के तीन सेट- A, B, C बांटे गए। इसमें अलग-अलग सेट सॉल्व करने वाले स्टूडेंट्स का एवरेज स्कोर कैलुकलेट किया जाएगा। मान लीजिए सेट A सॉल्व करने वालों कैंडिडेट्स का एवरेज स्कोर 70 मार्क्स है। सेट B वालों का स्कोर 75 मार्क्स है और सेट C सॉल्व करने वालों का एवरेज स्कोर 80 मार्क्स है। ऐसे में सेट C सबसे आसान और सेट A सबसे मुश्किल माना जाएगा। आसान सेट वाले कैंडिडेट्स का नॉर्मलाइजेशन के चलते कुछ मार्क्स गंवाने पड़ेंगे और मुश्किल सेट वालों को एक्स्ट्रा मार्क्स मिलेंगे। इसके अलावा स्‍टूडेंट्स ने 2 शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने का भी विरोध किया है। स्‍टूडेंट्स का कहना है कि एक से ज्‍यादा शिफ्ट में परीक्षा होने से क्‍वेश्‍चन पेपर का डिफिकल्‍टी लेवल अलग-अलग होता है। इससे फेयर इवैल्‍युएशन नहीं हो पाता। 52,000 सीटों के लिए परीक्षा देश भर में लगभग 52,000 पोस्ट ग्रेजुएशन सीटों के लिए हर साल लगभग दो लाख MBBS ग्रेजुएट NEET PG देते हैं। पिछले साल पहली बार NEET PG एक शिफ्ट फॉर्मेट के बजाय दो शिफ्ट में आयोजित की गई थी। ये 11 अगस्त को हुई थी - पहली शिफ्ट सुबह 9 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक और दूसरी शिफ्ट दोपहर 3:30 बजे से शाम 7 बजे तक थी। ----------- ये खबरें भी पढ़ें... अब मद्रास हाईकोर्ट ने NEET का रिजल्ट रोका: चेन्नई के सेंटर पर भी इंदौर की तरह बिजली जाने का मामला, 2 जून तक मांगा NTA से जवाब इंदौर के बाद बिजली गुल होने से NEET UG 2025 एग्जाम देने में समस्या का मामला चेन्नई में भी सामने आया है। 13 कैंडिडेट्स ने मद्रास हाईकोर्ट में इसे लेकर याचिका दायर की है। इसके बाद शुक्रवार को मद्रास हाईकोर्ट ने NEET 2025 के रिजल्ट पर रोक लगा दी है। पूरी खबर पढ़ें...
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