ऑपरेशन अखल-पंजाब के 2 जवान कुलगाम में शहीद:1 की 4 महीने पहले हुई शादी, दूसरे का रक्षाबंधन पर बहन करती रही इंतजार; सरकार देगी 1-1 करोड़
1 day ago

जम्मू-कश्मीर में कुलगाम जिले के अखल जंगल में आतंकियों से चल रही मुठभेड़ में पंजाब के दो जवान शहीद हो गए। फतेहगढ़ साहिब लोकसभा क्षेत्र के गांव बदीनपुर के 26 वर्षीय सिपाही हरमिंदर सिंह और खन्ना के गांव मानूपुर के 28 वर्षीय लांस नायक प्रीतपाल सिंह ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। रक्षाबंधन से ठीक पहले आई इस खबर ने दोनों परिवारों में मातम का माहौल है। प्रीतपाल सिंह की शादी को अभी सिर्फ 4 महीने ही हुए थे।परिवार राखी पर घर में खुशियां मनाने की उम्मीद कर रहा था। वहीं, हरमिंदर सिंह की मां और बहनें उनकी सुरक्षित वापसी का इंतजार कर रही थीं, लेकिन उनके शहीद होने की खबर पहुंची। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में ऑपरेशन अखल को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और CRPF अंजाम दे रहे हैं। यह 1 अगस्त से चल रहा है। जंगल में अभी और आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। दोनों ओर से फायरिंग जारी है। सेना के अफसरों का कहना है कि आतंकियों को पूरी तरह खत्म किए बिना यह ऑपरेशन खत्म नहीं होगा। दोनों जवानों के बलिदान पर चिनार कॉर्प्स ने एक्स पर किया पोस्ट... पहले ऑपरेशन अखल के बारे में जानिए... दोनों जवानों का साहस और समर्पण प्रेरित करेगा
कुलगाम में ऑपरेशन अखल को लेकर भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स ने एक्स पर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा- चिनार कॉर्प्स राष्ट्र के लिए कर्तव्य निभाते हुए वीरों, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रितपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह के सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करता है। उनका साहस और समर्पण हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा। भारतीय सेना गहरी संवेदना व्यक्त करती है और शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त करती है। यहां जानिए लांस नायक प्रीतपाल का परिवार क्या बोला... 10 साल पहले फौज में भर्ती हुआ, परिवार का सबसे लाडला था
प्रीतपाल के पिता हरबंस सिंह ने कहा- मेरे बेटे को 10 साल हो चुके थे फौज में भर्ती हुए। आज सुबह अधिकारियों का फोन आया तो उसके शहीद होने की जानकारी मिली। अभी कुछ नहीं बताया कि उसे लेकर कब आएंगे। उसकी शादी को भी 4 महीने ही हुए थे, तभी वह छुट्टी लेकर घर आया था। उससे आखरी बात जब हुई थी तो उसने कहा था कि मैं ठीक हूं। उसके जाने के बाद अब हमारा सब कुछ उजड़ गया है। सबसे ज्यादा लाडला मेरा बेटा वही था। मैंने उसे गरीबी में दिहाड़ी करके पाला था, लेकिन आज वह मुझे छोड़ कर चला गया। भाई बोले- दीपावली पर आने की कह गया था
हरप्रीत सिंह ने कहा प्रीतपाल मेरा भाई था। हम तीन भाई हैं। प्रीतपाल के सिर पर ही पूरा घर चल रहा था। प्रीतपाल 12वीं की कक्षा पास करते ही फौज में भर्ती हो गया था। हमने उसे कहा भी था कि राखी का त्योहार है, आ जाओ। उसने कहा था कि दीवाली पर आउंगा। प्रीतपाल के दोस्त का फोन आया, वह रो रहा था। मैंने उससे पूछा कि हुआ क्या, तो उसने मुझे प्रीतपाल के शहीद होने के बारे बताया। उसने कहा कि कल सुबह तुम्हें फोन आएगा, घर पर पिता जी को संभाल लेना बस। सुबह मुझे फोन आया तो अधिकारियों ने बताया कि पिछले 1 हफ्ते से ऑपरेशन चल रहा था। मेरे भाई को आतंकियों ने शहीद कर दिया है। मुझे अपने भाई पर गर्व है कि उसने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। केन्द्र सरकार को चाहिए कि आतंकियों का सफाया करें। चाचा बोले- भतीजा सबसे आगे चल गाइड कर रहा था, ग्रेनेड अटैक हुआ
सूबेदार दर्शन सिंह ने कहा-जिस इलाके में जवान आज शहीद हुए हैं, ये इलाका बहुत खतरनाक है। यहां हम कुछ नहीं कर सकते। हमारे युवाओं को धोखे से मार देते हैं। ज्यादातर लड़ाई रात को ही होती है। रात को ये लोग हम पर भारी पड़ जाते हैं। ये ग्रेनेड अटैक हुआ है। हरविंदर और मेरा भतीजा प्रीतपाल दोनों गाइड के रूप में तैनात थे। गाइड का काम होता है आगे-आगे चलना। इन पर ग्रेनेड फेंका गया है। इनके साथ 10 से 11 जवान और थे। ये दोनों शहीद हो गए हैं। अभी क्लियर नहीं है कि श्रीनगर से आज शाम तक लेकर आएंगे या नहीं। हमारे फौजी बेशक वहां तैनात हैं, लेकिन वहां के जो गद्दार हैं उन्हें इलाके का ज्यादा पता है, जिस कारण आए दिन हमारे जवान शहीद हो रहे हैं। केन्द्र सरकार को इस मामले में सख्त कदम उठाना चाहिए। यहां जानिए शहीद सैनिक हरमिंदर सिंह का परिवार क्या बोला... छुट्टी पर घर बनवाने और फिर शादी की थी तैयारी
गरीब परिवार में जन्मे हरमिंदर के घर में पिता जसवंत सिंह और बहन मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं। छोटा भाई नौकरी के लिए विदेश में है। घर में सिर्फ वृद्ध मां रह गई थीं, जो बेटे की छुट्टी पर घर आने की राह देख रही थीं। परिवार के मुताबिक, हरमिंदर ने अपनी छुट्टी पर घर बनवाने और फिर शादी करने का सपना संजोया था। पर किसे पता था कि अब वह घर लौटेगा, लेकिन तिरंगे में लिपटा हुआ। मां बोलीं- मिट्टी खाकर लड़ा बेटा, देश के लिए जान कुर्बान की
मां गुरमीत कौर का दर्द शब्दों में बयां नहीं हो पा रहा था। वह रोते हुए बोलीं- "मेरी बेटे से आखिरी बार बात हुई थी। उसने कहा था कि हमें चारों तरफ से घेर लिया गया है। खाना भी खत्म हो गया है। अब तो मिट्टी खाकर गुजारा कर रहे हैं।" यह सुनकर मौजूद हर व्यक्ति की आंखें भर आईं। वहीं, शहीद के चाचा दर्शन सिंह की आंखों में आंसू थे। वे सरकार पर नाराज़गी जताते हुए बोले- "सरकार बेबस है, फौज को छूट नहीं दी जा रही। हमारे जवानों को आतंकी घेर लेते हैं, उन्हें बचाने वाला कोई नहीं। हम बात पाकिस्तान से लड़ने की करते हैं, लेकिन मेरा जवान बेटा सदा के लिए चला गया। आतंकवादियों के खिलाफ सेना के ऑपरेशन में हरमिंदर ने अंतिम सांस तक बहादुरी से मुकाबला किया"। कठिन परिस्थितियों में भी हंसकर मनोबल बढ़ाता था हरमिंदर
हरमिंदर के दोस्त गुरविंदर सिंह ने उसकी संघर्ष भरी गाथा सुनाई। बताया कि हरमिंदर बचपन से ही बेहद मेहनती था। कठिन परिस्थितियों में भी वह हंसकर सबका मनोबल बढ़ाता था। गांव में जब भी आता, बच्चों के साथ खेलता और बुजुर्गों की सेवा करता। उसकी शहादत की खबर गांव में पहुंचते ही मातम पसर गया। घर के बाहर लोगों का तांता लग गया। हर कोई उसकी बहादुरी के किस्से सुना रहा था। गांव के बुजुर्ग कह रहे थे- "हरमिंदर ने सचमुच अपना कर्ज निभा दिया। आज उसका नाम हमेशा-हमेशा के लिए देश की शहादत की अमर गाथा में दर्ज हो गया है"। दोनों जवानों की शहादत पर पंजाब सीएम ने पोस्ट किया... दोनों शहीदों के परिवार को पंजाब सरकार देगी एक-एक करोड़ रुपए
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लांसनायक प्रीतपाल सिंह और सैनिक हरमिंदर सिंह के शहादत को लेकर अपने फेसबुक अकाउंट से पोस्ट किया है। लिखा- हम शहीदों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। देश की रक्षा के लिए शहीद हुए सैनिकों के जज्बे और बहादुरी को सलाम। सरकार के वादे के अनुसार, परिवारों को 1-1 करोड़ रुपए की सम्मान राशि दी जाएगी।
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