पहली बार दुकानदार से बात, जिससे मनीषा ने कीटनाशक खरीदा:रोज दुकान के आगे से गुजरती थी; उस दिन आकर कहा-अंकल एक लीटर मोनो दे दो
2 hours ago

हरियाणा के भिवानी में लेडी टीचर मनीषा (19) की मौत को पुलिस सुसाइड बता रही है। एसपी से लेकर डीजीपी तक मीडिया के सामने कह चुके हैं कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मनीषा के शरीर में जहर के अंश मिले हैं। मौत के 15 दिन बाद वो पेस्टिसाइड विक्रेता सामने आया है, जिससे मनीषा ने एक लीटर कीटनाशक खरीदा था। दुकानदार देवेंद्र कुमार से पुलिस ने भी लंबी पूछताछ की है। उसे मनीषा के संस्कार के बाद ही छोड़ा गया। अब कई दिन बाद उन्होंने फिर से दुकान खोल ली है। दैनिक भास्कर एप से बातचीत में देवेंद्र कुमार ने बताया-’मनीषा अकसर उनकी दुकान के सामने से पैदल गुजरती थी। उस दिन (11 अगस्त) दोपहर में करीब 2 बजे वो दुकान पर आई। बोली-अंकल जी, मोनो मिल जाएगी। मनीषा के हाव-भाव सामान्य थे। ऐसा कुछ लग नहीं रहा था, जिससे शक होता। इसलिए मैंने एक लीटर स्प्रे दे दिया। इन दिनों कपास, ग्वार व मूंग पर इसका स्प्रे होता है। मैंने सोचा किसान की बेटी है, परिवार वालों ने मंगवाई होगी। 14 अगस्त को पुलिस मेरी दुकान में पहुंची, मुझे तब पता चला कि उस बच्ची के साथ इतनी बड़ी अनहोनी हुई।’ मनीषा की मौत का अफसोस है। उससे भी ज्यादा अफसोस इस बात का है कि उसके संस्कार में नहीं जा सका, क्योंकि पुलिस पूछ-पड़ताल कर रही थी। जिस स्कूल में पढ़ाती थी, उससे करीब 100 मीटर की दूरी पर दुकान
मनीषा जिस प्ले-वे स्कूल में पढ़ाई थी, वो सिंघानी-सिवानी रोड से निकलने वाली गली में अंदर करीब 100 मीटर की दूरी पर है। स्कूल गेट से बाईं ओर मुड़कर आइडियल नर्सिंग कॉलेज की तरफ सड़क जाती है। स्कूल से करीब 100 मीटर की दूरी पर ही देवेंद्र खाद-बीज भंडार है। जहां से उस दिन मनीषा ने कीटनाशक स्प्रे खरीदा था। मनीषा हर रोज स्कूल से छुट्टी के बाद इसी दुकान के आगे से गुजरकर नर्सिंग कॉलेज के गेट तक जाती थी। जहां से वो अपने गांव ढाणी लक्ष्मण जाने के लिए कॉलेज की बस में बैठती थी। पुलिस अभी तक इस सवाल से टाल रही कि स्प्रे की बोतल बरामद हुई या नहीं
लापता होने के दो दिन बाद 13 अगस्त को खेतों में मनीषा की लाश मिली थी। गर्दन पर गहरा घाव था और लगभग कट चुकी थी। तब पुलिस इसे हत्या का मामला मान रही थी। लाश मिलने के दिन पुलिस ने मौके से कीटनाशक स्प्रे की कोई बोतल मिलने की बात सार्वजनिक नहीं की थी। 21 अगस्त को DGO शत्रुजीत कपूर से भिवानी में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब सवाल किया कि घटनास्थल से स्प्रे की बोतल बरामद हुई थी क्या? इस उनका कहना था कि यह सभी चीजें जांच में आएंगी। अभी तक सीन ऑफ क्राइम पर कुछ डिब्बे आदि मिले हैं। इससे संबंधित कौन सा है यह जांच का विषय है। वहीं, एसपी सुमित कुमार ने बताया था कि वहां मौके पर जितने बॉक्स मिली हैं, उनके बैच नंबर व जिस दुकान से खरीदी हैं, उसके बैच नंबर के लिए कंपनी से मैच किया जा रहा। उसके बार कंफर्म होगा। हालांकि यह केस सीबीआई को सौंप दिया गया है। अब जानिए दुकानदार के मुताबिक 11 अगस्त को क्या हुआ था…
गांव सिंघानी के देवेंद्र कुमार ने बताया कि करीब 2 साल पहले सिवानी रोड पर किराये की दुकान लेकर देवेंद्र खाद बीज भंडार शुरू किया था। अगले महीने दुकान शुरू किए 2 साल पूरे हो जाएंगे। मनीषा 11 अगस्त को स्प्रे लेकर गई थी। समय तो पूरा ध्यान नहीं है, लेकिन करीब 1 बजकर 55 के आसपास लेकर गई थी। मोनो स्प्रे फसलों की ग्रोथ के लिए आती है, वह ली थी। इसकी ग्वार, कपास व मूंग में स्प्रे होती है। दुकान पर आकर बोली-एक लीटर की मोनो मिल जाएगी
देवेंद्र कुमार ने बताया कि मनीषा पैदल अकेले ही दुकान पर आई। बोली-अंकल, मोनो मिल जाएगी एक लीटर। मैंने कहा- बेटा मिल जाएगी। इसके बाद वह 600 रुपए की मोनो स्प्रे लेकर गई थी। मनीषा ने यह तो नहीं बताया कि वह किस काम के लिए लेकर जा रही। मनीषा का हाव-भाव सामान्य था, कोई घबराहट नहीं थी
देवेंद्र कुमार ने बताया कि मनीषा के हाव-भाव से तो कुछ नहीं लगा। कोई घबराहट भी नहीं दिखी। सामान्य लग रही थी। हाव-भाव से कुछ लगता तो हम उससे पूछते कि बेटा क्यों चाहिए और क्या बात है। जो मोनो स्प्रे दी थी, उसकी रजिस्टर में एंट्री भी की हुई है। हालांकि मनीषा से यह नहीं पूछा कि वह किस काम के लिए लेकर जा रही है। मनीषा पैदल ही मोनो स्प्रे की बोतल लेकर चली गई। 14 अगस्त को पुलिस दुकान पर पहुंची, कई दिन पूछताछ चली
मनीषा के जाने के बाद मैं अपने काम में व्यस्त हो गया। 14 अगस्त को पुलिस मेरी दुकान पर आई। मैंने पुलिस को दुकान का रिकॉर्ड दिखा दिया। रजिस्टर व बिल पुलिस के पास जमा करवा दिए गए। दुकान में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। उसके बाद कई दिन पूछताछ का दौर जारी रहा। जितनी मुझे जानकारियां थी और रिकॉर्ड था, मैंने पुलिस को दिया। मनीषा की मौत का अफसोस, किसी के बच्चे के साथ ऐसा न हो
देवेंद्र कहते हैं कि जब मनीषा की मौत का पता लगा तो मुझे काफी अफसोस हुआ। जब किसी के बच्चे के साथ इस तरह की घटना होती है तो दुख होता है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शरीर में जहर के अंश होने की बात लिखी
मनीषा के शव का पहले भिवानी सिविल अस्पताल, फिर पीजीआई रोहतक और उसके बाद एम्स दिल्ली में पोस्टमॉर्टम हुए हैं। भिवानी अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद फॉरेंसिक जांच के लिए विसरा के 10 सैंपल मधुबन लैब भेजे गए थे। जिसकी रिपोर्ट में मनीषा के शरीर में इंसेक्टिसाइड के अंश मिलने की बात कही गई। एम्स में भी सैंपल लिए गए, हालांकि ये सैंपल भिवानी पुलिस को सौंप दिए गए। पुलिस ये सैंपल CBI को सौंपेगी। CBI अपने हिसाब से किसी लैब में इनकी जांच कराएगी। एक्सपर्ट बोले- ये कीटनाशक पीने से 15 मिनट से 4 घंटे में मौत संभव
कृषि और कीटनाशकों से जुड़े एक्सपर्ट कहते हैं कि मोनो स्प्रे पर लाल निशान होता है। जो अत्यधिक विषैला की श्रेणी में आता है। हालांकि इसकी गंध हल्की होती है। ये कीटनाशक इंसानों के नर्वस सिस्टम को सीधे प्रभावित करता है। अगर गलती से त्वचा के संपर्क में आ जाए तो जलन, चक्कर, पसीना आना व कमजोर के लक्षण दिखते हैं। यदि सांस के साथ नाक-मुंह के अंदर चली जाए तो सिरदर्द, मिचली, नजर धुंधली होना या सांस लेने में दिक्कत होती है। निगलने से उल्टी, बेहोशी, दिल की धड़कन रुकने से लेकर मृत्यु तक संभव है। कीटनाशक पीने से 30 मिनट से 4 घंटे के भीतर मौत संभव है। इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि स्प्रे करते समय हमेशा मास्क, दस्ताने और चश्मा पहनें। -------------- मनीषा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें.... मनीषा की मौत का केस CBI को ट्रांसफर:देर रात CM की मंजूरी के बाद फाइल भेजी गई; DGP समेत 3 लोग बने अहम कड़ी भिवानी की लेडी टीचर मनीषा की मौत के मामले की जांच सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) को ट्रांसफर कर दी गई है। सरकार ने देर रात इस मामले से जुड़ी फाइल CBI को भेज दी। भिवानी पुलिस की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद CBI जल्द ही केस की जांच शुरू कर सकती है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 20 अगस्त को इस केस को CBI को सौंपने का ऐलान किया था। पूरी खबर पढ़ें...
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