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    पठानकोट-भरमौर हाईवे धंसा:मणिमहेश जाने वाले श्रद्धालु फंसे; चंबा में यात्रियों से भरी बस पर पत्थर गिरा, शिमला में 4 गाड़ियां मलबे में दबीं

    4 days ago

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    हिमाचल प्रदेश में मौसम का कहर जारी है। सोमवार रात से हो रही बारिश में आज सुबह पंजाब और हिमाचल को जोड़ने वाला पठानकोट-चंबा-भरमौर नेशनल हाईवे चंबा के दुनेरा में धंस गया। इससे हिमाचल-पंजाब में आवाजाही करने वाले यात्रियों के साथ मणिमहेश यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु भी रास्ते में फंस गए। करीब 10 घंटे बाद भी यहां से ट्रैफिक पूरी तरह सुचारू नहीं हो पाया है। फिलहाल छोटे वाहनों के लिए रास्ता खोल दिया गया है, लेकिन बड़े वाहनों को रोक कर रखा गया है। इससे चंबा और कांगड़ा जिलों में दूध-दही जैसी चीजों की आपूर्ति भी बाधित हुई। वहीं, चंबा के चुराह में सुबह एक चलती बस पर पहाड़ी से बड़ा पत्थर गिर गया। पत्थर बस की छत को चीरता हुआ दो व तीन नंबर सीट पर गिरा। इससे यात्रियों में हड़कंप मच गया। हादसे के वक्त बस में 30 यात्री सवार थे। हालांकि, किसी को चोट नहीं लगी। यह बस चांजू से देवीकोठी जा रही थी। शिमला में लैंडस्लाइड से अलग-अलग जगहों पर चार गाड़ियां मलबे में दब गईं। हालांकि, इनमें कोई जनहानि की सूचना नहीं है। उधर, चंडीगढ़-मनाली हाईवे आज सुबह बहाल कर दिया गया। यह सोमवार रात लैंडस्लाइड के चलते बंद हो गया था। नुकसान के PHOTOS... पठानकोट-चंबा-भरमौर NH 10 घंटे से बंद हिमाचल को पंजाब से जोड़ने वाला पठानकोट-चंबा-भरमौर NH चंबा के दुनेरा में 10 घंटे से बंद पड़ा है। यहां सुबह करीब 7 बजे सड़क का 20 मीटर हिस्सा पूरी तरह धंस गया। वहीं, करीब 50 मीटर दूर तक सड़क में दरार आ गई। इससे स्थानीय लोगों के साथ पंजाब और जम्मू से मणिमहेश यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु भी सुबह से ही ट्रैफिक में फंसे हुए है। अब पहाड़ी को काटकर नई सड़क बनाई जा रही है। NHAI के अधिकारी का कहना है कि मौसम खराब होने के चलते काम में बाधा आ रही है। इसमें रात करीब 9 बजे तक का समय लग सकता है। चंडीगढ़-मनाली फोरलेन वन-वे बहाल चंडीगढ़-मनाली फोरलेन भी मंडी के जोगनी मोड़ और कैंची मोड़ के पास रातभर बंद रहा। आज सुबह 8.30 बजे करीब 10 घंटे बाद दोनों जगह सड़क को वन-वे बहाल कर दिया गया है। इन दोनों प्वाइंट पर भी बात पहाड़ी से बार बार पत्थर गिर रहे हैं। इससे खतरा बना हुआ है। शिमला में 4 गाड़ियां मलबे में दबीं शिमला के अलग अलग क्षेत्रों में भी चार से ज्यादा गाड़ियां लैंडस्लाइड और पेड़ गिरने से क्षतिग्रस्त हुई हैं। कई घरों को भी नुकसान पहुंचा है। ISBT के साथ पांजली में बड़ा पेड़ गाड़ी पर गिर गया। इससे गाड़ी और घर के गेट व आंगन को भी नुकसान पहुंचा है। टूटीकंडी, विकासनगर और शहर के कई क्षेत्रों में चार गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। शिमला के झंझीड़ी में भी बीती रात को एक पेड़ मजदूरों के ढारे (कच्चे शेड) पर पेड़ गिरा। इससे 6 मजदूर बाल बाल बच गए। बीते 24 घंटे के दौरान कांगड़ा के नगरोटा सूरिया में सबसे ज्यादा 180.2 मिलीमीटर बारिश हुई। गुलेड़ में 161.2, नादौन में 78.5, देहरा में 76.2, जोगेंद्रनगर में 74.0, कांगड़ा में 73.8 मिलीमीटर बादल बरसे। आज कांगड़ा-मंडी में ऑरेंज अलर्ट मौसम विभाग ने कांगड़ा और मंडी जिला में आज दिनभर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कल यानी 13 अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिला में ऑरेंज अलर्ट है, जबकि 14 अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला जिला में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। अन्य जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है। थोड़ी राहत की बात यह है कि 15 अगस्त को प्रदेश के ज्यादातर भागों में मानसून कमजोर पड़ेगा। इस दिन शिमला और कुल्लू जिला में ही बारिश का यलो अलर्ट दिया गया है। 16 व 17 अगस्त को मानसून और ज्यादा कमजोर हो जाएगा। मानसून सीजन में सामान्य से 10% ज्यादा बरसे बादल इस मानसून सीजन में अब तक सामान्य से 10 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। 20 जून से 11 जुलाई तक 463.7 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 509.5 मिलीमीटर बादल बरस चुके है। शिमला जिला में सामान्य से 69 प्रतिशत ज्यादा, मंडी में 55%, बिलासपुर में 40%, हमीरपुर 38%, कुल्लू 39%, सिरमौर 18%, सोलन 25% और ऊना में नॉर्मल से 44% ज्यादा बारिश हुई। वहीं लाहौल स्पीति में सामान्य से 68% कम, चंबा में 11%, कांगड़ा 2% और किन्नौर में सामान्य से 1% कम बादल बरसे है। कब दिया जाता है ऑरेंज-अलर्ट बता दें कि जब 24 घंटे के भीतर 64.5-115.5 मिलीमीटर (MM) बारिश होने का पूर्वानुमान हो तो उस सूरत में यलो अलर्ट दिया जाता है। ​​​​​​115.6 MM से 204.4 MM बारिश होने की संभावना पर ऑरेंज अलर्ट और 24 घंटे के 204 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश की संभावना पर रेड अलर्ट दिया जाता है। मानसून में 229 लोगों की मौत प्रदेश में अब तक मानसून सीजन में 229 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 36 लोग लापता है। भारी बारिश से 2007 करोड़ की प्राइवेट व सरकारी संपत्ति भी नष्ट हो चुकी है। राज्य में 499 मकान पूरी तरह जमींदोज हो चुके हैं, जबकि 157 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है। 311 दुकानें और 1955 गौशालाएं भी मानसून की भारी बारिश से नष्ट हुई है। बादल फटने की 30 घटनाएं हो चुकी प्रदेश में इस सीजन में लैंडस्लाइड की 54 घटनाएं, फ्लैश फ्लड की 59 और बादल फटने की 30 घटनाएं पेश आई है। इससे जान और माल दोनों को भारी नुकसान हुआ है।
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