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    रैपर बादशाह के ‘बावला’ गाने के भुगतान पर विवाद:कंपनी का दावा- सिंगर ने 2.88 करोड़ नहीं चुकाए, कोर्ट ने FDR जमा कराने को कहा

    5 hours ago

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    मशूहर सिंगर-रैपर बादशाह अपने हिट गाने ‘बावला’ के भुगतान को लेकर कानूनी पचड़े में फंस गए हैं। करनाल की यूनिसिस इंफोसॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने बादशाह पर आरोप लगाया है कि गाने का काम पूरा करने और रिलीज होने के बाद भी उन्हें पूरा भुगतान नहीं मिला। कंपनी का दावा है कि बादशाह और उनकी एजेंसी पर 2.88 करोड़ रुपए की देनदारी है। करनाल की कॉमर्शियल कोर्ट ने कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए पहले से जमा 1.70 करोड़ रुपए की एफडीआर (फिक्स्ड डिपॉजिट) को सुरक्षित किया है। अब 16 अगस्त को आए ताजा आदेश में बादशाह को 50 लाख रुपए की अतिरिक्त एफडीआर कोर्ट में जमा करने को कहा है। ताकि कंपनी का बकाया सुरक्षित रहे और बादशाह बैंक से पैसा निकालकर या संपत्ति बेचकर भुगतान से बच न जाएं। कंपनी की ओर से एडवोकेट अमित निरवानिया और एडवोकेट एसएल निरवानिया ने पैरवी की, जबकि बादशाह की तरफ एडवोकेट विजेंद्र परमार पेश हुए। अब सिलसिलेवार ढंग से समझें सांग ‘बावला’ पर विवाद क्या... मामला कैसे शुरू हुआ? कंपनी और बादशाह के बीच विवाद की जड़ 30 जून 2021 का एक समझौता है। उस समय दोनों पक्षों ने एक एग्रीमेंट किया, जिसका टाइल था- प्रोड्यूसर एंड लाइन प्रोड्यूसर वर्क फॉर हायर एग्रीमेंट-बावला। एग्रीमेंट की शर्तों के मुताबिक, बादशाह को गाने ‘बावला’ के प्रमोशन के लिए 1.05 करोड़ रुपए और गाने का वीडियो बनाने के लिए 65 लाख रुपए देने थे। कंपनी का कहना है कि उन्होंने सारा काम समय पर पूरा किया और गाना 28 जुलाई 2021 को यूट्यूब और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज भी कर दिया गया। बिल बने, लेकिन भुगतान नहीं हुआ एडवोकेट अमित निरवानिया बताते हैं कि कंपनी ने काम पूरा करने के बाद मई 2022 में बादशाह को दो टैक्स इन-वॉइस भेजे। इसमें पहला इन-वॉइस 76.70 लाख का था, जिसमें 11.70 लाख रुपए जीएसटी भी शामिल था। दूसरा इन-वॉइस 1 करोड़ 83 लाख 90 हजार का था, जिसमें 18.90 लाख का जीएसटी शामिल है। बार-बार मांगने पर भी नहीं मिला पैसा एडवोकेट अमित निरवानिया ने बताया कि कंपनी ने इस रकम को वसूलने की कई कोशिशें कीं। 30 सितंबर 2023 को पहला डिमांड लेटर भेजा गया, जिसमें 2.64 करोड़ रुपए मांगे गए। बादशाह की तरफ से केवल इतना जवाब आया कि इन-वॉइस और एग्रीमेंट की कॉपी भेजें। कंपनी ने 13 दिसंबर 2023 को इन-वॉइस और एग्रीमेंट की कॉपी भी भेज दी। इसके बाद 15 अप्रैल 2024 को कंपनी ने दूसरा डिमांड लेटर भेजा और इस बार 2.82 करोड़ रुपए की मांग की। फिर भी बादशाह ने कोई भुगतान नहीं किया। करनाल कोर्ट में दायर कर दी याचिका आखिरकार कंपनी ने 11 जून 2024 को नोटिस भेजते हुए एग्रीमेंट की क्लॉज-12 के तहत आर्बिट्रेशन (पंचायत जैसी कानूनी प्रक्रिया) शुरू करने की बात कही। इसके बाद कंपनी ने 4 नवंबर 2024 को करनाल की कॉमर्शियल कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट में क्या हुआ? यूनिसिस कंपनी ने कोर्ट से मांग की कि जब तक आर्बिट्रेशन की प्रक्रिया शुरू नहीं होती, तब तक बादशाह की संपत्ति और बैंक अकाउंट से पैसा सुरक्षित किया जाए। कंपनी ने डर जताया कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो बादशाह पैसे निकालकर या संपत्ति बेचकर उन्हें कुछ नहीं देंगे। इसके बाद कोर्ट ने 13 नवंबर 2024 को आदेश दिया कि बादशाह अपनी संपत्तियों की लिस्ट कोर्ट में पेश करें। इसके बाद बादशाह ने बीती 7 मई को अपनी बैंक एफडीआर की कॉपी पेश की, जिसमें 1.70 करोड़ रुपए जमा थे। कोर्ट ने तुरंत आदेश दिया कि इस एफडीआर को सुरक्षित किया जाए और बादशाह इसे न तो कैश कर सकते हैं और न ही किसी और काम में इस्तेमाल कर सकते हैं। 50 लाख की अतिरिक्त एफडीआर जमा करने का आदेश अब जज जसबीर सिंह कुंडू की कोर्ट ने 16 अगस्त को आदेश दिया कि बादशाह को 60 दिन के अंदर 50 लाख रुपए की अतिरिक्त एफडीआर कोर्ट में जमा करनी होगी। यह एफडीआर भी पहले वाली 1.70 करोड़ की एफडीआर की तरह सुरक्षित रहेगी। दोनों एफडीआर कोर्ट की अनुमति के बिना कैश नहीं कराई जा सकतीं। अगर बादशाह ने तय समय पर एफडीआर जमा नहीं की तो उन पर कानूनी कार्रवाई होगी। अब जानते हैं बादशाह का करनाल से क्या नाता… परिवार मूलरूप से करनाल के गांव उचानी का बादशाह का असली नाम आदित्य प्रताप सिंह सिसौदिया है। उनका जन्म 19 नवंबर 1985 को दिल्ली में हुआ था। उनका परिवार मूल रूप से हरियाणा के करनाल जिले के उचानी गांव से ताल्लुक रखता है। पिता सरकारी नौकरी में थे। दिल्ली के बाल भारती पब्लिक पीतमपुरा से पढ़ाई की। बाद में पीईसी चंडीगढ़ से सिविल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। इसी दौरान संगीत में रुचि जगी और रैप लिखना शुरू किया। बादशाह की शादी जैस्मिन से हुई। दोनों की एक बेटी है, जिसका नाम जेसीमी ग्रेस मसीह सिंह है। हालांकि कुछ समय पहले पति-पत्नी का अलगाव हो गया और अब रैपर बेटी के साथ समय बिताते हैं। हनी सिंह के ग्रुप से मिली शुरुआती पहचान बादशाह ने अपने करियर की शुरुआत यो यो हनी सिंह के ग्रुप माफिया मुंडीर से की थी। बाद में उन्होंने अलग होकर खुद का सफर शुरू किया और आज बॉलीवुड के बड़े रैपर्स में गिने जाते हैं।
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