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    सुप्रीम कोर्ट में वीर सावरकर से जुड़ी याचिका खारिज:इसमें राहुल गांधी के खिलाफ कमेंट करने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग थी

    2 months ago

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    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को विनायक दामोदर सावरकर से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया। इसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सावरकर के खिलाफ नैरेटिव सेट करने और उनके नाम के गलत उपयोग को रोकने के निर्देश देने की मांग की गई थी। CJI बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने मामले की सुनवाई की। बेंच ने कहा- याचिकाकर्ता के किसी भी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं हुआ है और इसलिए न्यायालय हस्तक्षेप नहीं कर सकता। याचिका डॉ. पंकज फडनीस ने दायर की थी, जो कोर्ट में मौजूद रहे। दरअसल, उन्होंने राहुल गांधी को सावरकर के खिलाफ कमेंट करने पर सजा के तौर पर सामुदायिक सेवा करने का निर्देश देने की मांग की थी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि राहुल गांधी को वीर सावरकर के बारे में गैर-जिम्मेदाराना, अपरिपक्व और अपमानजनक टिप्पणी करने की आदत है। राहुल को जब सावरकर पर कमेंट करने के लिए उनके खिलाफ दायर मानहानि के मामले में दोषी पाया गया, तो सजा के तौर पर उन्हें किसी सजा के बदले एक दिन के लिए मुंबई में सावरकर संग्रहालय में झाड़ू लगाने जैसी सामुदायिक सेवा करनी चाहिए। कोर्ट रूम LIVE... याचिकाकर्ता: मैं सावरकर पर सालों से रिसर्च कर रहा हूं। सावरकर के बारे में कुछ फैक्ट बताना चाहता हूं। मैं कोर्ट से राहुल गांधी को निर्देश देने का अनुरोध करता हूं कि वे सावरकर का नाम और प्रतीक (अनुचित प्रयोग की रोकथाम) अधिनियम, 1950 की अनुसूची में शामिल करें। CJI: इसमें आपके मौलिक अधिकार का उल्लंघन क्या है? हम इस तरह की याचिकाओं पर विचार नहीं कर सकते। हमें हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं मिला। मांगी गई राहत नहीं दी जा सकती। याचिका खारिज की जाती है। याचिकाकर्ता: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी मौलिक कर्तव्यों (अनुच्छेद 51A, मौलिक कर्तव्य) का उल्लंघन नहीं कर सकते, वे मेरे मौलिक कर्तव्यों में बाधा नहीं डाल सकते। CJI: हम इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। अनुच्छेद 32 की याचिका पर केवल मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के लिए ही विचार किया जा सकता है। राहुल ने अंग्रेजों को लिखी सावरकर की चिट्ठी दिखाई थी दरअसल, महाराष्ट्र के अकोला जिले में 17 नवंबर, 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने एक रैली में सावरकर को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने मीडिया के सामने एक चिट्ठी दिखाते हुए कहा था कि यह चिट्‌ठी सावरकर ने अंग्रेजों को लिखी थी। इसमें उन्होंने खुद को अंग्रेजों का नौकर बने रहने की बात कही थी। साथ ही डरकर माफी भी मांगी थी। गांधी-नेहरू ने ऐसा नहीं किया, इसलिए वे सालों तक जेल में रहे। राहुल ने कहा, 'गांधी, नेहरू और पटेल सालों जेल में रहे और कोई चिट्ठी नहीं साइन की। सावरकर जी ने इस कागज पर साइन किया, उसका कारण डर था। अगर डरते नहीं तो कभी साइन नहीं करते। सावरकर ने जब साइन किया तो हिंदुस्तान के गांधी, पटेल को धोखा दिया था। उन लोगों से भी कहा कि गांधी और पटेल भी साइन कर दें।' ................................. राहुल गांधी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... सुप्रीम कोर्ट बोला- राहुल को इतिहास-भूगोल नहीं मालूम: सावरकर पर टिप्पणी के लिए फटकार, जज बोले- फ्रीडम फाइटर्स के खिलाफ अनाप-शनाप न बोलें सुप्रीम कोर्ट ने वीर सावरकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि हम स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ किसी को अनाप-शनाप बोलने की इजाजत नहीं दे सकते। उन्होंने हमें आजादी दिलाई और हम उनके साथ क्या व्यवहार कर रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें...
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