बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर का अपग्रेडेशन शुरू:एअर इंडिया बोली- ₹3300 करोड़ से विमान ज्यादा भरोसेमंद बनेंगे; अहमदाबाद में यही प्लेन क्रैश हुआ था
3 hours ago

एअर इंडिया ने अपने बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमानों को अपग्रेड करने का काम शुरू कर दिया है। 12 जून को अहमदाबाद में एअर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर ही क्रैश हुआ था, इस हादसे में 270 लोगों की जान गई थी। कंपनी ने शुक्रवार को बताया था कि यह काम 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 3,340 करोड़ रुपए) के बड़े प्रोग्राम का हिस्सा है, जिसमें विमानों को आधुनिक और ज्यादा भरोसेमंद बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इस दौरान 26 ड्रीमलाइनर में से 7 विमानों की भारी सर्विसिंग भी होगी। इससे लंबी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में समय पर संचालन और सुरक्षा में सुधार होगा। एअर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, नए बदलावों से हमारे पुराने विमान भी नए विमानों की तरह आधुनिक हो जाएंगे। यात्रियों को ज्यादा आराम मिलेगा और क्रू को ज्यादा भरोसेमंद ऑपरेशन करने में मदद मिलेगी। कंपनी के मुताबिक, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के लिए चल रहा ‘रिलाइबिलिटी इनहांसमेंट प्रोग्राम’ में एवियोनिक्स को अपडेट किया जा रहा है और जरूरी पुर्जों को बदला जा रहा है, ताकि विमान नए नियमों के मानकों पर खड़ा उतरें। 13 जुलाई- DGCA ने बोइंग विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच का आदेश दिया 13 जुलाई को डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने आदेश दिया था कि भारत में रजिस्टर्ड सभी बोइंग विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच होगी। इसमें कहा गया था कि जांच 21 जुलाई तक पूरी कर ली जाए। DGCA ने बोइंग के सभी एयरलाइन ऑपरेटरों को सलाह दी थि कि वे जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट सौंपें। यह फैसला अहमदाबाद प्लेन क्रैश की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद लिया गया है, यह रिपोर्ट एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इनवेस्टीगेशन ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई को जारी की थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि अहमदाबाद प्लेन क्रैश के दौरान फ्यूल कंट्रोल स्विच, रन से कटऑफ और फिर वापस रन में बदल जाने के कारण इंजनों को ईंधन मिलना बंद हो गया था। एतिहाद समेत कुछ विदेशी एयरलाइनों ने अपने ड्रीमलाइनर्स की जांच पहले ही शुरू कर दी है। पूरी खबर पढ़ें... अब जानिए बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान के बारे में... बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर क्या है?
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर एक आधुनिक, मिड-साइज, ट्विन-इंजन, वाइड-बॉडी जेट विमान है, जिसे बोइंग ने बनाया है। ये लंबी दूरी की उड़ानों के लिए डिजाइन किया गया है और पुराने बोइंग 767 को रिप्लेस करने के लिए लाया गया। ये फ्यूल-एफिशिएंट विमान है। इस विमान में ऐसा क्या खास है? यात्रियों के लिए क्या सुविधाएं हैं? दुनिया भर में ड्रीमलाइनर 787-8 से जुड़े विवाद... विवाद-1: लीथियम आयन बैटरियों में आग, 3 महीने दुनिया में ड्रीमलाइनर नहीं उड़ा जनवरी 2013 में दो नए ड्रीमलाइनर 787-8 विमान जापान की दो एयरलाइन कंपनियों के बेड़े में शामिल किए गए थे। इनमें लगी लीथियम आयन (Li-Ion) बैटरी में आग लग गई। एक विमान में आग तब लगी जब वह बोस्टन के एयरपोर्ट पर पार्किंग में खड़ा था, जबकि दूसरा ड्रीमलाइनर उड़ान भर चुका था। आग लगने के चलते उसकी इमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी। असरः इसके बाद अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने 3 महीने के लिए दुनिया भर में सभी ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ानों पर रोक लगा दी थी। बोइंग ने अपने बैटरी सिस्टम और उसके इंसुलेशन यानी बैटरी को इंजन की गर्मी से बचाने के तरीके में सुधार किए। विवाद-2: बॉडी के जोड़ों में गैप की शिकायत, बोइंग ने गलती मानी 2020 से 2022 के दौरान ड्रीमलाइनर में कई बार मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट की खबरें आईं। दरअसल, ड्रीमलाइनर एक वाइड-बॉडी पैसेंजर प्लेन है। इसके हिस्से अलग-अलग बनते हैं, जिन्हें बाद में जोड़ा जाता है। इस दौरान कई विमानों में बॉडी के जोड़े गए हिस्सों में ज्यादा गैप की शिकायत आई। बॉडी में इस्तेमाल होने वाले कार्बन-फाइबर के हिस्सों को भी ठीक से नहीं जोड़ा गया था। बॉडी का झुकाव भी ठीक नहीं था। असर: 2020 से 2022 के दौरान बोइंग ने एयरलाइंस को ड्रीमलाइनर की डिलीवरी रोक दी। FAA ने निगरानी बढ़ाई और कई दूसरी कंपनियों को एयरक्राफ्ट डिलीवर करने की मंजूरी दी। बोइंग ने भी माना कि ड्रीमलाइनर की मैन्युफैक्चरिंग में कई तरह की गड़बड़ी थी। विवाद-3: विमान के हिस्से जोड़ने का तरीका बदला, हवा में टूटने का खतरा अप्रैल 2024 में बोइंग में काम करने वाले एक व्हिसलब्लोअर ने दावा किया था कि ड्रीमलाइनर 787 की बॉडी के कुछ हिस्से ठीक से नहीं जुड़े हैं और ये उड़ानों के दौरान बीच में ही टूट सकते हैं। ये व्हिसलब्लोअर इंजीनियर सैम सालेह थे, जो दस साल से ज्यादा समय से बोइंग में काम कर रहे थे। सैम ने न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में दावा किया था कि विमान के कई हिस्सों को एक साथ जोड़ने के तरीके में बदलाव करने से ये दिक्कत हुई है। विमान के धड़ के टुकड़े अलग-अलग कंपनियों से बनकर आते हैं। ये एक साथ जोड़ने पर ठीक से फिट नहीं बैठते हैं। असर: इन आरोपों के बाद बोइंग के प्रवक्ता पॉल लुईस ने माना था कि मैन्युफैक्चरिंग के तरीके में बदलाव हुए हैं, लेकिन इससे विमान की मजबूती और उसकी लाइफ पर कोई असर नहीं पड़ा है।' बोइंग ने ये भी कहा था कि वह विमान के इन्फ्रास्ट्रक्चर की जांच कर रहे हैं। हालांकि बाद में एक और बयान में बोइंग ने सैम के दावों को नकार दिया था और ड्रीमलाइनर 787 को पूरी तरह सुरक्षित बताया था। विवाद-4: इंजन फेल्योर, ऑयल लीकेज समेत कई टेक्निकल खामियों की शिकायत बोइंग 787-8 में पारंपरिक विमानों की तुलना में ज्यादा इलेक्ट्रिकल सिस्टम का इस्तेमाल किया गया। जैसे- हाइड्रोलिक सिस्टम के बजाय इलेक्ट्रिक मोटर्स। इस कारण इसमें टेक्निकल खामियां भी सामने आईं। बोइंग 787-8 में इस्तेमाल होने वाले जनरल इलेक्ट्रिक GEnx और रोल्स-रॉयस ट्रेंट 1000 इंजनों में कई बार तकनीकी खराबी की शिकायतें आईं। इसके साथ ही इलेक्ट्रिकल सिस्टम का फेल्योर, विंडशील्ड में दरार, फ्यूल लीकेज और सॉफ्टवेयर में गड़बड़ियां होती रहीं। 2024 में जापान में 787-8 की टेक्निकल कमियों की वजह से हादसा हुआ। जब ANA एयरलाइंस के 787-8 में हाइड्रोलिक ऑयल लीक हुआ, जिसके बाद विमान को रनवे पर ही रोकना पड़ा। असर: इस हादसे के बाद बोइंग कंपनी और इसके इंजन सप्लायर्स पर खराब रखरखाव और टेस्टिंग में लापरवाही बरतने के आरोप लगे। एक्सपर्ट्स ने तो यहां तक कहा कि इंजन की डिजाइन में कमियां हो सकती हैं, जिससे लंबे समय तक उड़ान के दौरान हादसा हो सकता है। इन समस्याओं की वजह से कई एयरलाइंस ने अपने 787-8 विमानों को अस्थायी रूप से ग्राउंड कर दिया। इससे उड़ानें रद्द हुईं और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। ----------- क्रैश से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... विमान हादसा-265 शव अस्पताल लाए गए, इनमें 241 विमान सवार: DNA सैंपलिंग शुरू अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश में अब तक 265 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इनमें से 241 मृतक विमान में सवार पैसेंजर्स और क्रू मेंबर्स थे। 5 मृतक उस मेडिकल हॉस्टल के हैं, जहां प्लेन क्रैश हुआ था। फिलहाल शवों की पहचान के लिए घरवालों के DNA की सैंपलिंग शुरू हो गई है। पढ़ें पूरी खबर...
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