राहुल गांधी को हरियाणा चुनाव आयोग का नोटिस:वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोपों पर जवाब मांगा; कांग्रेस नेता ने कहा था- 22,779 वोट से चुनाव हारे
3 hours ago

हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ए श्रीनिवास ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को नोटिस भेजा है। राज्य चुनाव आयोग ने राहुल गांधी की तरफ से वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर 10 दिन के अंदर जवाब मांगा है। उन्हें वोटर लिस्ट से संबंधित डॉक्यूमेंट और हस्ताक्षरित बयान देने को कहा गया है। 7 अगस्त को राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। राहुल ने हरियाणा का मैप दिखाते हुए कहा था- '2024 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 8 सीटों पर महज 22,779 वोट से पूरा स्टेट हार गई।' राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा कि हरियाणा की एक विधानसभा में एक लाख वोट बढ़ गए। ऐसे में आप सोच सकते हैं कि यहां कितना फर्जीवाड़ा हुआ। एक विधानसभा में ही 12 से 15% वोट बढ़ गए और यह वोट तब और अहमियत रखते हैं जब चुनाव में जीत-हार का अंतर 2 से 4% वोटों के बीच का हो।' राहुल गांधी को भेजे नोटिस की कॉपी... CM सैनी बोले- 22 हजार वोट मिलते तो हम 10 सीट और जीतते
राहुल के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने X पर पोस्ट कर कहा था कि लगातार हार से हताश कांग्रेस के “शहजादे” पहले संविधान को लेकर और इन दिनों वोटर लिस्ट को लेकर देशभर में झूठा एजेंडा फैलाते फिर रहे हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव की 8 सीटों पर 22,779 वोटों के अंतर से कांग्रेस की हार को वह चुनावी गड़बड़ी का बहाना बना रहे हैं। अगर यही 22 हजार वोट भाजपा को मिले होते, तो हम कम से कम 10 सीटें और जीत सकते थे। भाजपा को तो सिर्फ 12,592 वोटों के मामूली अंतर से 7 सीटों पर हार झेलनी पड़ी। जिनमें लोहारू, आदमपुर, रोहतक, सढौरा, पंचकूला, फतेहाबाद और थानेसर शामिल हैं। भाजपा ने 48 और कांग्रेस ने 37 सीट जीतीं
हरियाणा में 2024 में विधानसभा चुनाव हुए थे। भाजपा ने 39.94% लेकर 48 सीट जीतीं। वहीं कांग्रेस ने 39.09% वोट लेकर 37 सीटें अपने नाम की। अगर वोटों की बात की जाए तो भाजपा ने 55 लाख 48 हजार 800 वोट हासिल किए तो वहीं कांग्रेस ने कांग्रेस ने 54 लाख 30 हजार 602 वोट हासिल किए थे। निर्दलीयों ने 16 लाख 17 हजार 249 वोट (11.64%) लेकर 3 सीट जीती थी। इसके अलावा इनेलो ने 5 लाख 75 हजार 192 वोट (4.14%) लेकर 2 सीटें जीती। यानी भाजपा को 48 सीटों के साथ 39.94 प्रतिशत वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 37 सीटों के साथ 39.09 प्रतिशत वोट मिले। 8 सीटों पर 6 हजार वोटों के कम अंतर से हारी कांग्रेस
प्रदेश में 8 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस की हार 6 हजार वोटों के कम अंतर से हुई है। इन विधानसभा सीटों में उचाना कलां, चरखी दादरी, होडल, सफीदो, घरौंडा, असंध, राई और खरखौदा शामिल हैं। उचाना कलां सीट कांग्रेस महज 32 वोटों से हारी थी। यही कारण है कि कांग्रेस बार-बार BJP पर धांधली करने का आरोप लगाती रही है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने BJP को कड़ी टक्कर दी
हरियाणा में विधानसभा चुनाव से ठीक 5 महीने पहले मई में लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी। इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने 5-5 सीटें जीतीं। भाजपा को 46.11% वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 43.67% वोट मिले। 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 12.09% घट गया था, वहीं कांग्रेस का वोट शेयर 15.25% बढ़ गया था। 2014 के बाद, राज्य में भाजपा का यह सबसे कमजोर प्रदर्शन रहा था। पार्टी ने 2014 की मोदी लहर में प्रदेश की 10 में से 7 और 2019 में सभी 10 सीटें जीती थीं। 2024 में भाजपा 5 सीटें गंवा बैठी थी। दूसरी ओर, कांग्रेस की बात करें तो उसने पिछले 10 बरसों में अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। 2014 में पार्टी सिर्फ रोहतक सीट जीत पाई थी और 2019 में वह भी गंवा दी। 2024 में कांग्रेस ने वापसी करते हुए 5 सीटों पर कब्जा जमाया। कांग्रेस ने रोहतक, सोनीपत, हिसार, सिरसा और अंबाला सीट जीती। इसके अलावा भाजपा ने करनाल, कुरुक्षेत्र, गुरुग्राम, फरीदाबाद और भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट जीती।
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