शिवलिंग पर बिच्छू’ टिप्पणी मामले में थरूर को राहत:सुप्रीम कोर्ट बोला- प्रशासक और जज एक जैसे, दोनों की चमड़ी मोटी; 2018 का है मामला
18 hours ago

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर 'शिवलिंग पर बिच्छू' वाली टिप्पणी के मामले सांसद शशि थरूर को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली। कोर्ट ने शुक्रवार को कहा- थरूर के खिलाफ चल रही मानहानि की कार्रवाई पर रोक को आगे बढ़ाया गया है। सुनवाई 15 सितंबर तक टाली गई है। शिकायतकर्ता और भाजपा नेता राजीव बब्बर ने गैर-सामान्य दिन पर सुनवाई की मांग की। इस पर जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एन दौरान सिंह की बेंच ने कहा- इतना संवेदनशील क्यों हो रहे हैं? बेंच ने कहा... आइए हम सब इन चीजों को बंद कर दें। एक तरह से प्रशासक और न्यायाधीश एक ही समूह में आते हैं। उनकी चमड़ी मोटी होती है, ऐसी चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ता। 2018 में एक कार्यक्रम में की थी टिप्पणी थरूर ने 'शिवलिंग पर बिच्छू' वाली टिप्पणी 2018 में एक कार्यक्रम के दौरान की थी। वे बेंगलुरु में लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल हुए थे। अपनी किताब 'द पेराडॉक्सियल प्राइम मिनिस्टर' के बारे में चर्चा की थी। एक पत्रकार के वाल पर उन्होंने कहा था- नरेंद्र मोदी RSS के लिए शिवलिंग पर बैठे उस बिच्छू की तरह हैं , जिसे न हाथ से हटाया जा सकता है और न ही चप्पल से मारा जा सकता है। अगर हाथ से हटाया तो बुरी तरह से काट लेगा। उन्होंने कहा था कि मोदी का मौजूदा व्यक्तित्व उनके समकक्षों के लिए निराशा का विषय बन गया है। मोदित्व, मोदी प्लस हिंदुत्व के चलते वे संघ से भी ऊपर हो चुके हैं। उन्होंने दावा किया था कि एक RSS नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना ‘शिवलिंग पर बैठे बिच्छू’ से की थी। यह बात उन्होंने छह साल पहले एक मैगजीन में छपे एक लेख के हवाले से कही थी। सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी इस पर हैरानी जताई थी कि जब यह लेख 2012 में छपा था, तब इसे मानहानि नहीं माना गया। जस्टिस रॉय ने पहले कहा था कि यह एक रूपक है, वे नहीं समझ पा रहे कि इस पर आपत्ति क्यों हो रही है। ........................ शशि थरूर से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... कांग्रेस नेता मुरलीधरन बोले- थरूर अब हमारे साथ नहीं: जब तक वे अपना रुख नहीं बदलते, उन्हें पार्टी कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाएगा केरल कांग्रेस के सीनियर नेता के. मुरलीधरन ने कहा कि शशि थरूर को तिरूवनंतपुरम में तब तक किसी भी पार्टी कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाएगा, जब तक वह राष्ट्रीय सुरक्षा पर अपना रुख नहीं बदलते। मुरलीधरन ने रविवार को मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि थरूर अब हमारे साथ नहीं हैं। इसलिए उनके द्वारा किसी कार्यक्रम का बहिष्कार करने का कोई सवाल ही नहीं है। पूरी खबर पढ़ें...
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