देश का पहला एलिवेटेड अर्बन द्वारका एक्सप्रेसवे तैयार:गुरुग्राम से 10 मिनट में एयरपोर्ट, 50 मिनट में सोनीपत पहुंचेंगे, PM करेंगे उद्घाटन
4 hours ago

देश का पहला 8 लेन अर्बन एलिवेटेड द्वारका एक्सप्रेसवे उद्घाटन के लिए तैयार है। 17 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोहिणी हेलीपेड के पास आयोजित कार्यक्रम में द्वारका एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (यूईआर-2) का उद्घाटन करेंगे। दिल्ली में यशोभूमि के पास दोनों एक्सप्रेसवे का जंक्शन है। इन दोनों एक्सप्रेसवे के शुरू होने का सबसे बड़ा फायदा गुरुग्राम को मिलेगा। जिससे गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेसवे टोल से 10 मिनट से भी कम समय में एयरपोर्ट टर्मिनल 3 पर पहुंच सकेंगे। इसके अलावा यूईआर-2 के द्वारा एक घंटे से भी कम समय में सोनीपत और एनएच 44 दिल्ली पानीपत हाईवे पर पहुंच सकेंगे। दोनों प्रोजेक्ट से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ट्रैफिक को सुगम बनाने, जाम से राहत दिलाने और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। न केवल दिल्ली-एनसीआर के निवासियों के लिए, बल्कि पूरे उत्तरी भारत के लिए कनेक्टिविटी का बेहतर विकल्प उपलब्ध होगा। आइए जानते हैं 9,000 करोड़ की लागत से बने द्वारका एक्सप्रेसवे की खासियत कुल 29 किलोमीटर लंबाई, 19 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में
द्वारका एक्सप्रेसवे को भारतमाला परियोजना के तहत विकसित किया गया है। यह देश का पहला 8-लेन एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेसवे है। इसकी कुल लंबाई 29 किलोमीटर है, जिसमें 18.9 किलोमीटर हरियाणा में और 10.1 किलोमीटर दिल्ली में है। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 9,000 करोड़ रुपए है। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के महिपालपुर में शिव मूर्ति से शुरू होकर गुरुग्राम के खेड़की दौला टोल प्लाजा तक जाता है, जो राष्ट्रीय राजमार्ग-48 (एनएच-48) पर यातायात के दबाव को कम करने में मदद करेगा। एफिल टावर व बुर्ज खलीफा से ज्यादा स्टील-सीमेंट लगा
एक्सप्रेस वे निर्माण के दौरान 1,200 पेड़ों का पुनरोपण किया गया, ताकि पर्यावरण को नुकसान न हो। 2 लाख मीट्रिक टन स्टील और 20 लाख क्यूबिक मीटर सीमेंट का उपयोग किया गया, जो एफिल टावर और बुर्ज खलीफा की तुलना में कई गुना अधिक है। 31 सुरंग, 12 ओवरब्रिज और 34 अंडरपास होंगे
192 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड के साथ दोनों तरफ तीन-तीन लेन की सर्विस रोड हैं। इसमें 34 अंडरपास, 31 सुरंग और 12 रोड ओवरब्रिज शामिल हैं। यह देश का पहला सिंगल पिलर पर बना एलिवेटेड एक्सप्रेसवे है, जो इसे इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अनूठा बनाता है। देश की सबसे चौड़ी अर्बन टनल
दिल्ली खंड में 3.6 किलोमीटर लंबी 8-लेन टनल शामिल है, जो इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास बनाई गई है। यह देश की सबसे चौड़ी अर्बन टनल है। चार स्थानों पर चार-स्तरीय और नौ स्थानों पर तीन-स्तरीय इंटरचेंज बनाए गए हैं, जो यातायात को सुचारू बनाएंगे। दिल्ली से गुरुग्राम की दूरी 20 मिनट में तय होगी
द्वारका एक्सप्रेसवे के शुरू होने से दिल्ली और गुरुग्राम के बीच यात्रा का समय केवल 20-25 मिनट रह जाएगा। गुरुग्राम से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआई) तक की यात्रा जो अभी एक घंटे तक का समय लेती है, अब मात्र 20 मिनट में पूरी होगी। यह एक्सप्रेसवे गुरुग्राम के 35 से अधिक सेक्टरों और 50 से ज्यादा गांवों को सीधा लाभ पहुंचाएगा। हरियाणा के 8 जिलों को सीधा फायदा मिलेगा
गुरुग्राम के अलावा सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, रोहतक और जींद जैसे शहरों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा। यह परियोजना ट्रैफिक जाम को कम करने, ईंधन की खपत को घटाने और क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देने में भी सहायक होगी। अब जानिए अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 की क्या खासियत अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 75.71 किलोमीटर लंबा अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (यूईआर-2) को दिल्ली का तीसरा रिंग रोड भी कहा जा रहा है। यह 75.71 किलोमीटर लंबा है। इसकी लागत 7,716 करोड़ रुपए है। यह परियोजना दिल्ली पानीपत हाईवे नंबर 44 से अलीपुर के पास से शुरू होकर नांगलोई-नजफगढ़ रोड होते हुए द्वारका के सेक्टर 24 तक है। यह रोड दिल्ली-रोहतक हाईवे, सोनीपत-गोहाना हाईवे और गुरुग्राम-सोहना हाईवे को जोड़ती है, जिससे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे तक सीधा कनेक्शन मिलेगा। 6 लेन मल्टी-हाईवे कनेक्टिविटी
यूईआर-2 एक 6-लेन रोड है, जिसमें कई स्थानों पर एलिवेटेड सेक्शन और अंडरपास शामिल हैं। यह दिल्ली-रोहतक हाईवे (मुंडका), सोनीपत हाईवे (बवाना) और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ा गया है। यह रोड दिल्ली के भीतरी क्षेत्रों में ट्रैफिक के दबाव को कम करेगी। एनसीआर के शहरों को दिल्ली से बेहतर कनेक्शन देगा
यूईआर-2 गुरुग्राम, बहादुरगढ़ और सोनीपत जैसे एनसीआर शहरों को दिल्ली से बेहतर तरीके से जोड़ेगा। यह परियोजना दिल्ली के अंदरूनी हिस्सों में ट्रैफिक जाम को कम करने में मदद करेगी और यात्रियों को तेज और सुगम यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी। कोविड के कारण द्वारका एक्सप्रेसवे 5 साल देरी से बना
द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण 2018 में शुरू हुआ था, जिसे 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य था। हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण इसमें देरी हुई। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के मुताबिक इसे एनसीआर के यातायात को सुगम बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। गुरुग्राम से सोनीपत या जीटी रोड जाने का टोल 45 रुपए
एनएचएआई अधिकारियों के मुताबिक 15 अगस्त को तीन हजार रुपए में टोल शुल्क का सालाना पास जारी हो रहा है। यह पास इन दोनों एक्सप्रेसवे पर लागू होगा। ऐसे में एक टोल प्लाजा क्रॉस करने में केवल 15 रुपए लगेंगे। यानी अगर गुरुग्राम से सोनीपत या एनएच 44 जाना है तो एक तरफ का 45 रुपए टोल शुल्क लगेगा। एनएचएआई की तरफ से टेंटेटिव शुल्क मंजूरी के लिए मंत्रालय के पास भेजा गया है। मंजूरी के बाद ही इसे सार्वजनिक किया जाएगा। बहादुरगढ़ और सोनीपत की एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी
बहादुरगढ़ की एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए लगभग 8 किमी लंबी अलग सड़क बनाई गई है, जिसे दिचाऊं कलां में UER-2 से जोड़ा गया है। दिल्ली-रोहतक हाईवे को मुंडका में UER-2 से, जबकि सोनीपत हाईवे को बवाना में जोड़ा गया है।द्वारका एक्सप्रेसवे आगे गुरुग्राम-सोहना हाईवे से जुड़ता है, जो सीधे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से कनेक्टेड है। इस तरह UER-2 के शुरू होने के बाद एनसीआर के कई शहरों से एयरपोर्ट तक पहुंचना आसान हो जाएगा और दिल्ली की कनेक्टिविटी कई राज्यों के प्रमुख शहरों से मजबूत होगी। बहादुरगढ़ के लोगों को एयरपोर्ट तक आने के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं देना होगा।
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