धराली त्रासदी-मलबे में दबे लोगों को ढूंढने का काम शुरू:एडवांस रडार बिना खुदाई जमीन के नीचे लोगों का पता लगाएगा; 650 टूरिस्ट-श्रद्धालुओं का रेस्क्यू
5 hours ago

उत्तराखंड के धराली गांव में आई आपदा में फंसे लोगों को निकालने का पहले फेज का काम लगभग पूरा हो गया है। हर्षिल घाटी में फंसे 650 से अधिक पर्यटकों और गंगोत्री गए श्रद्धालुओं को निकाल लिया गया है। सेना और NDRF की टीम ने शुक्रवार से मलबे में दबे लोगों को खोजने का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए सेना एडवांस पेनिट्रेटिंग रडार का इस्तेमाल कर रही है। इससे बिना खुदाई किए ही जमीन में दबे लोगों का पता लगाया जा सकता है। पेनिट्रेटिंग रडार एक हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो तरंग जमीन के नीचे भेजता है, जहां यह मिटटी, पत्थर, धातु और हड्डियों को अलग-अलग रंगों के जरिए बताता है। इसके जरिए जमीन के नीचे 20-30 फीट तक फंसे लोगों या शवों की पहचान की जा सकती है। उत्तरकाशी जिले के धराली में 5 अगस्त को दोपहर 1.45 बजे बादल फट गया था। खीर गंगा नदी में बाढ़ आ गई। तेज रफ्तार पानी के साथ आए मलबे ने 34 सेकेंड में धराली गांव को जमींदोज कर दिया था। अब तक 5 मौतों की पुष्टि हो चुकी है। 70 लोगों का रेस्क्यू किया गया है। 100 से 150 लोग लापता हैं, वे मलबे में दबे हो सकते हैं। धराली में हुए हादसे को इस तस्वीर से समझें... धराली हादसे- शुक्रवार की 2 अपडेट्स ISRO ने सैटेलाइट तस्वीरें जारी कीं, इससे रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद मिली इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि Cartosat-2S सैटेलाइट से हादसे वाली जगह की पहले और बाद की तस्वीर क्लिक की गई। जिससे त्रासदी के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में काफी मदद मिली। ISRO की जांच-पड़ताल, 4 पॉइंट मैप से समझिए घटनास्थल को... हाईटेक मशीनें पहुंचने में 3 दिन और लगेंगे धराली के 80 एकड़ में 20 से 50 फीट तक मलबा फैला है। इसे हटाने के लिए सिर्फ 3 जेसीबी मशीनें लगी हैं। मलबे के नीचे दबे लोगों की तलाश के लिए हाईटेक थर्मल सेंसिंग उपकरण और बड़ी मशीनें चाहिए, लेकिन ये सभी 60 किमी दूर भटवाड़ी में रास्ता न खुलने की वजह से 2 दिन से अटका हुआ है। उत्तरकाशी से गंगोत्री तक एक ही सड़क है, जो धराली से गुजरती है। हर्षिल से धराली की 3 किमी की सड़क 4 जगह पर 100 से 150 मीटर तक खत्म हो चुकी है। भटवाड़ी से हर्षिल तक तीन जगह लैंडस्लाइड और एक पुल टूटा है। ऐसे में धराली तक सड़क खुलने में 3-4 दिन और लग सकते हैं। धराली गांव के घर मलबे में डूबे हैं...
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