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    अमेरिकी तनाव का हरियाणा पर पड़ेगा असर:हिसार एयरपोर्ट पर अटक सकती है 10.53 करोड़ की अमेरिकी मदद, MOU पर दिसंबर में हुए थे साइन

    5 hours ago

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    भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव का असर हरियाणा पर भी पड़ सकता है। दिसंबर 2024 में अमेरिका और हरियाणा सरकार के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके तहत अमेरिकी व्यापार एवं विकास एजेंसी (USTDA) को हिसार एयरपोर्ट और इंटीग्रेटेड एविएशन हब (IAH) को विकसित करने में तकनीकी और आर्थिक मदद करनी थी। इसमें अमेरिका की ओर से 10.53 करोड़ रुपए (करीब 1.25 मिलियन डॉलर) का निवेश किया जाना था। लेकिन मौजूदा हालातों को देखते हुए आशंका है कि अमेरिकी एजेंसी इस परियोजना से पीछे हट सकती है या इसमें अड़चनें आ सकती हैं। यह समझौता दिसंबर में अमेरिकी एंबैसडर एरिक गार्सेटी और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की बातचीत के बाद हुआ था, जिसमें अमेरिका ने हिसार एयरपोर्ट की कारगो क्षमता बढ़ाने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने और तकनीकी सहयोग देने पर सहमति जताई थी। दिसंबर में अनुदान देने की घोषणा की थी बता दें कि जुलाई 2024 में अमेरिका के न्यूयॉर्क में 3 दिवसीय अमेरिकी-भारत विमानन शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें यूएसटीडीए के साथ हिसार एयरपोर्ट को विमानन हब बनाने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने पर सहमति बनी थी और यूएसटीडीए निदेशक एनोह टी एबोंग ने अनुदान निधि की मंजूरी की घोषणा की थी। इसके बाद अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की थी। अमेरिका और हरियाणा सरकार के बीच समझौते (MoU) पर हस्ताक्षर भी हुए थे। अमेरिका हरियाणा के एविएशन सेक्टर में बड़ा निवेश करने वाला था। अमेरिका का विकल्प तलाशा जा सकता है राज्य में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के लिए 2988 एकड़ भूमि चिह्नित की गई है। दरअसल, केंद्र और राज्य सरकार हरियाणा में बड़े पैमाने पर औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने जा रही हैं। इसके लिए हिसार एयरपोर्ट से सटी 1605 एकड़ भूमि में एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर बनाने की योजना है। इससे यहां बड़ी कंपनियां निवेश करेंगी, जिससे न केवल औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी, बल्कि हरियाणा के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। हरियाणा सरकार का दावा है कि इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनने से 1 लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे। अमेरिका से तनाव के बीच हरियाणा सरकार की नजर अभी केंद्र सरकार पर टिकी हुई है। संभव है कि एविएशन सेक्टर में अन्य देश की मदद भारत ले सकता है। हिसार एयरपोर्ट के ड्राई पोर्ट पर उद्योग बढ़ेगा नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (NICDC) के तहत एक औद्योगिक क्लस्टर बनाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर 4694.46 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। एयरपोर्ट पर बनने वाले ड्राई पोर्ट से ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री बढ़ेगी। यहां बनने वाले सामान को दूसरे स्थानों पर पहुंचाने के लिए बड़े कंटेनर और ट्रकों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए नजदीकी डीएफसी स्टेशनों का इस्तेमाल किया जाएगा। हिसार से अंबाला 208 किलोमीटर पूर्व में, रेवाड़ी 156 किलोमीटर पश्चिम में, लॉजिस्टिक्स हब/ड्राई पोर्ट और आईसीडी कापसहेड़ा 182 किलोमीटर दूर, आईएमएलएच नांगल चौधरी 189 किलोमीटर दूर और कांडला सी पोर्ट 1055 किलोमीटर दूर है।
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