वडोदरा पुल हादसा-28 दिन बाद हटाया जा सका फंसा टैंकर:मरीन बलून टेक्निक का इस्तेमाल, टूटे पुल से नदी में गिरने से हुई थी 22 की मौत
4 hours ago

गुजरात के वडोदरा में महिसागर नदी पर बना ब्रिज 9 जुलाई की सुबह टूट गया था। चलते ट्रैफिक के बीच पुल टूट जाने से दो ट्रक, दो कारें, दो बाइकें और एक ऑटो रिक्शा नदी में गिर गए थे। इस हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के दौरान एक केमिकल टैंकर ब्रिज के टूटे स्लैब पर फंस गया था। पिछले 27 दिनों से इसे हटाने की कवायल चल रही थी, जो बलून टेक्निक की मदद से मंगलवार को पूरी हो सकी। जानिए, बलून टेक्निक से किस तरह हटाया गया
सबसे पहले एक एयर लिफ्टिंग रोलर बैग को ट्रक के नीचे बिछाकर उसे फुलाया गया। ट्रक का अगला हिस्सा कुछ उठने पर दूसरे एयर बैग को भी नीचे लगाया गया। इसके बाद ट्रक के अगले हिस्से को रस्सियों से बांधा गया और ब्रिज के किनारे खड़ी दो क्रेनों से उसे खींचा गया। इस तरह करीब 5 घंटों की मशक्कत के बाद टैंकर को धीरे-धीरे कर ब्रिज से हटा लिया गया। आमतौर पर यह बलून टेक्निक पानी के जहाजों को समुद्र में उतारने और समुद्र से जमीन पर लाने के लिए उपयोग में लाई जाती है। इसीलिए इसे मरीन बलून टेक्निक कहा जाता है। अब देखिए, ऑपरेशन की 5 तस्वीरें... मरीन इमरजेंसी रिस्पांस टीम का ऑपरेशन
केमिकल से भरे टैंकर को निकालने के लिए पोरबंदर की विश्वकर्मा कंपनी की मरीन इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने ऑपरेशन चलाया। ऑपरेशन में चीफ इंजीनियर्स मरीन टीम के इंजीनियर्स के साथ 70 लोगों की टीम लगाई गई थी। टीम ने तीनों दिनों तक हर पहलू का बारीकी से निरीक्षण किया। इस पूरी प्रोसेस की ड्रोन से वीडियो रिकॉर्डिंग भी कई गई। टैंकर हटाने में 28 दिन क्यों लगे
दरअसल, ब्रिज का एक हिस्सा टूटने के बाद ब्रिज का वह हिस्सा भी कमजोर हो गया था, जहां यह टैंकर फंसा हुआ था। इसके चलते ब्रिज पर भारी मशीनरी या क्रेन नहीं पहुंचाई जा सकती थी। इसी के चलते लटके हुए ट्रक के अगले हिस्से को बलून टेक्निक से उठाकर पहले ब्रिज पर सीधा किया गया। 45 साल पुराना था ब्रिज
गंभीरा पुल का निर्माण 1981-82 में उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम ने किया था। ब्रिज दक्षिण गुजरात को सौराष्ट्र से जोड़ता था। इसके टूटने से भरूच, सूरत, नवसारी, तापी और वलसाड से सौराष्ट्र पहुंचना मुश्किल हो गया है। अब लोगों को अहमदाबाद होकर जाना पड़ रहा है। वहीं, पब्लिक ट्रांसपोर्ट का यूज करने वाले पैसेंजर्स को नाव से नदी पार करनी पड़ती है। 2015 में पुल की बेयरिंग बदलनी पड़ी थी
जानकारी के मुताबिक 2015 में भी गंभीरा पुल जर्जर पाया गया था। उस समय सरकार ने इसका निरीक्षण करवाया था और बेयरिंग बदलनी पड़ी थी। यह स्थिति इसलिए बनी थी, क्योंकि पुल के निर्माण में अच्छी सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया गया था। ----------------------------------------- वडोदरा के गंभीर ब्रिज से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... गुजरात महिसागर पुल हादसा- मरने वालों की संख्या 21 हुई: 1 लापता गुजरात के वडोदरा जिले में महिसागर नदी पर बने पुराने पुल के ढहने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है। शुक्रवार को एक घायल की अस्पताल में मौत हुई। मरने वालों का आंकड़ा 20 हो गया है। एक शख्स की तलाश में NDRF-SDRF की टीमें जुटी हैं। वडोदरा कलेक्टर अनिल धमेलिया ने कहा- नदी में गिरे एक टैंकर में सल्फ्यूरिक एसिड भरा था। पूरी खबर पढ़ें... मैं अपनी तीनों बेटियों के पिता को कहां से लाऊं:वडोदरा ब्रिज हादसे में पति, इकलौते बेटे और 4 साल की बेटी को खोने वाली मां का दर्द पति नहीं रहे। मेरी चार बेटियों के बीच एक ही बेटा था। वह भी नहीं रहा। किसके सहारे जिएंगे हम। कौन करेगा हमारी मदद... ये शब्द हैं मंजूसर गांव में रहने वाली सोनलबेन के। बुधवार सुबह सोनलबेन पति और बेटे के साथ मंदिर जा रही थीं। इसी दौरान पुल टूटने से उनकी कार नदी में गिर गई। हादसे में सोनलबेन की जान बच गई, लेकिन पति रमेश भाई और 2 साल के इकलौते बेटे और 4 साल की बेटी की मौत हो गई। पूरी खबर पढ़ें... ब्रेक लगाया ही था कि गाड़ी के साथ नीचे गिरा:वडोदरा ब्रिज हादसे के चश्मदीदों ने कहा- नदी का मंजर देखकर रूह कांप गई गुजरात के वडोदरा जिले में 40 साल पुराने एक पुल का 12 मी. लंबा स्लैब अचानक ढह गया। हादसा सुबह 7:55 बजे पादरा तालुका में हुआ, उस वक्त पुल पर दो ट्रक, दो पिकअप वैन समेत 9 वाहन थे, जो 110 फीट नीचे महिसागर नदी में जा गिरे। जबकि एक ट्रक पुल के छोर पर लटक गया। पूरी खबर पढ़ें...
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