अनिरुद्धाचार्य बोले- वेश्या को वेश्या ही कहेंगे:पूज्य प्रेमानंदजी ने भी यही कहा, बुराई उनकी भी हुई; कुछ लोगों का एजेंडा- संतों की बुराई
3 hours ago

25 साल की लड़की चार जगह मुंह मार चुकी होती है। सब नहीं, पर बहुत लड़कियां। 25 साल में वो पूरी जवान हो जाती हैं। तो कहीं न कहीं तो उनकी जवानी फिसल ही जाएगी। ये वो बातें हैं, जिसके बाद यूपी के कथावाचकों में अनिरुद्धाचार्य एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। इस बार वजह, उनकी कथा और उसमें उमड़ने वाले भक्त नहीं थे। बल्कि लिव-इन रिलेशन और लड़कियों के कैरेक्टर को लेकर दिया गया बयान है। 'दैनिक भास्कर' से बातचीत में अनिरुद्धाचार्य महाराज कहते हैं- हमने कुछ गलत नहीं कहा, हमने वही कहा, जो पुराणों में लिखा हुआ है। आप ब्रह्म वैवर्त पुराण को पढ़िएगा। उसमें लिखा है- जो स्त्री चार पुरुषों से संबंध रखती है, वो व्यभिचारी होती है, उसे पुराणों में वेश्या लिखा गया है। हमने यही बात कही है। शास्त्रों में जो लिखा है, वही तो कहा जाएगा। हमारी ही बात को संत प्रेमानंदजी ने भी कहा। उनके तो शब्द भी अच्छे थे। फिर भी आलोचना उनकी भी हुई, कुछ लोगों का एजेंडा है, संतों की बुराई करना। पढ़िए पूरा इंटरव्यू... सवाल. लड़कियों के मुंह मारने वाले बयान पर लोग अपमानित महसूस कर रहे हैं? अनिरुद्धाचार्य. हां... लोग तो आक्रोशित हैं, तो हम क्या कर सकते हैं। जैसे चोर को अगर चोर कहा जाए, तो उस चोर को गुस्सा आएगा ही। गलत को गलत नहीं कहा जाएगा, तो क्या कहा जाए बताइए, जो सही है तो उसे सही ही कहा जाएगा। सवाल. आपने ही कहा कि हम नारी की पूजा करते हैं, फिर ऐसा बयान क्यों दिया? अनिरुद्धाचार्य. हमारे मंदिरों में राधा जी हैं, सीता जी हैं, रुक्मणि जी हैं, लक्ष्मी जी हैं। हम तो नारी की ही पूजा करते हैं, लेकिन शास्त्र जिनको वेश्या कहता है, उन्हें कैसे समाज पूजेगा। हमने शास्त्रों की बात कही, प्रमाण दिया। लेकिन फिर भी किसी को विरोध करना है, उसको रोका नहीं जा सकता है। सवाल. जो लोग आपकी आलोचना कर रहे हैं, उनके लिए क्या कहना चाहते हैं? अनिरुद्धाचार्य. जिसको विरोध करना है, वह तो विरोध करेंगे ही। हमारा उद्देश्य है कि समाज को चरित्रवान बनाया जाए। आप भी चरित्रवान बनिए, हम भी चरित्रवान बनें। सवाल. संत प्रेमानंद महाराज का भी एक बयान सामने आया है, उस बारे में क्या कहेंगे? अनिरुद्धाचार्य. संत प्रेमानंद महाराज जी ने भी वही बात कही जो हमने कही। हम दोनों की बातों में सिर्फ शब्दों का अंतर है। बाकी दोनों का तात्पर्य एक ही है। पूज्य प्रेमानंद जी की तो शब्द शैली अच्छी थी। लेकिन विरोध तो उनका भी हुआ। हो सकता है कि हमारे शब्द खराब थे। इसका मतलब विरोध शब्दों का नहीं, संतों का विरोध करना था। जिन लोगों को एजेंडे के तहत संतों का विरोध करना है, वे तो अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए कुछ भी करेंगे। सवाल. आपने प्रवचन में जो लड़कियों वाली बात कही, वो बिल्कुल सही है?
अनिरुद्धाचार्य. हमने क्या भईया, शास्त्र जो कहेंगे, हम तो वही बात कहेंगे। ये बातें हम थोड़े न कह रहे हैं। ....... ये पढ़िए लड़कियां मुंह मारती हैं...कहने वाले अनिरुद्धाचार्य के पास अमेरिकन डिग्री:महिलाएं विरोध में; VIDEO में कथावाचक के 5 विवादित बयान कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर विवादित बयान दिया। कहा, लोग फिर जल्दी शादियां करना शुरू कर देंगे। क्योंकि अब लड़कियां लाते हैं 25 साल की, 25 साल की लड़की चार जगह मुंह मार चुकी होती है। VIDEO में देखिए कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के 5 विवादित बयान...
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