चंडीगढ़ में 5 लाख लेते हाईकोर्ट का वकील अरेस्ट:CBI ने रंगे हाथ पकड़ा; क्लाइंट से जज के नाम पर मांगे 30 लाख रुपए
6 hours ago

चंडीगढ़ के सेक्टर-15 के रहने वाले और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के जाने-माने वकील जतिन सलवान को सीबीआई ने रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि उन्होंने अपने एक क्लाइंट से कहा कि जज से केस में मदद दिलाने के लिए 30 लाख रुपए चाहिए। इसी काम में सेक्टर-41 के रहने वाले सतनाम सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई ने बताया कि उनके पास इस रिश्वतखोरी की फोन रिकॉर्डिंग मौजूद है। पहले 5 लाख रुपए लेते समय सीबीआई ने दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया। फिलहाल जज का सीधा रोल सामने नहीं आया है, लेकिन खबर है कि बठिंडा कोर्ट के एक जज को नोटिस भेजा जा सकता है। गिरफ्तारी के बाद दोनों को कोर्ट में पेश किया गया और अब वे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिए गए हैं। ऐसे हुआ खुलासा
13 अगस्त को फिरोजपुर की बेदी कॉलोनी के रहने वाले हरसिमरनजीत सिंह ने सीबीआई को शिकायत दी। उन्होंने बताया कि उनकी कजिन बहन संदीप कौर का डाइवोर्स केस बठिंडा कोर्ट में चल रहा है। इस केस में वकील जतिन सलवान बार-बार दबाव डाल रहा था कि अगर केस का फैसला अपने पक्ष में चाहिए तो 30 लाख रुपए जज को देने होंगे। सलवान ने यह भी कहा कि जैसे ही पैसे दिए जाएंगे, जज का खास आदमी आकर रकम ले जाएगा और फैसला उनके हक में हो जाएगा। जब हरसिमरनजीत ने पैसे कम करने की बात की, तो सलवान ने साफ कह दिया कि "रिश्वत के पैसे कभी कम नहीं होते"। इसी के बाद हरसिमरनजीत ने सीबीआई से संपर्क किया। शिकायत पर सीबीआई ने जाल बिछाया और 5 लाख रुपए की पहली किस्त लेते समय सलवान और उसके साथी को रंगे हाथ पकड़ लिया। 18 अगस्त को दोबारा पेशी
सीबीआई ने जतिन सलवान और सतनाम सिंह दोनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। दोनों को अब 18 अगस्त को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो अगर सीबीआई को जांच में नई परतें मिलती हैं, तो आगे और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। पहले भी विवादों में रहे जतिन सलवान
यह पहला मौका नहीं है जब जतिन सलवान विवादों में आए हों। वर्ष 2015 में मलोया थाना क्षेत्र में दर्ज एक NDPS केस में उन पर धारा 120-B के तहत आरोप लगाए गए थे। आरोप था कि उन्होंने यूटी पुलिस के रिटायर्ड इंस्पेक्टर समेत अन्य लोगों के साथ मिलकर किसी को गलत तरीके से फंसाने की साजिश रची थी। उस वक्त भी यह मामला सुर्खियों में रहा था और वकीलों ने उनके समर्थन में वर्क सस्पेंड तक किया था। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा, जहां फिलहाल स्टे लगा हुआ है।
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