गुरुग्राम में बेटिंग एप की लत में युवक का सुसाइड:सरकार के बैन से ₹5 लाख फंसे तो परेशान हुआ; भाजपा नेता का भाई, 2 बच्चों का पिता था
13 hours ago

हरियाणा के गुरुग्राम में एक युवक के ऑनलाइन बेटिंग एप में 5 लाख रुपए फंस गए। इससे परेशान होकर उसने रस्सी से फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। युवक मूल रूप से पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के बुटीडीह गांव का रहने वाला था। वर्तमान में वह पत्नी और दो बच्चों के साथ मानेसर में रह रहा था। जिस वक्त युवक ने सुसाइड किया, उस समय वह घर पर अकेला था। जॉब से लौटी पत्नी ने उसे फंदे से लटके देखा। इसके बाद शोर मचाकर पड़ोसियों को बुला लिया। पड़ोसी युवक को फंदे से उतारकर अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। युवक के भाई पुरुलिया में भाजपा के जिला सचिव हैं। इसी वजह से पुरुलिया के भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने अपने निजी खर्च पर शव को पुरुलिया ले जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की। सांसद ने कहा- यह एक दुखद घटना है। ऑनलाइन बेटिंग एप्स युवाओं और परिवारों को बर्बाद कर रहे हैं। सरकार को इस पर और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। यहां सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला.... पत्नी ने बताया कि कैसे बेटिंग एप की लत ने पति की जान ली.... हादसे से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
भूदेव का परिवार इस घटना से गहरे सदमे में हैं। उसके दो बेटे हैं, जिनकी उम्र 13 और 10 वर्ष है। वे दोनों अपने दादा-दादी के साथ पुरुलिया में रहते हैं। यहां पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर पत्नी का रो रोकर बुरा हाल होता रहा। कई बार वह बेहोश हुई। भाई रोहितास महतो ने बताया कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पुरुलिया जिला सचिव हैं। भूदेव पिछले कुछ महीनों से तनाव में थे। हमें नहीं पता था कि वह इतनी बड़ी रकम ऑनलाइन बेटिंग में लगा चुके हैं। अगर हमें पहले पता होता, तो हम उन्हें रोक सकते थे। पुलिस करा रही भूदेव के मोबाइल को डी-कोड
पुलिस ने प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या का मामला बताया है। आईएमटी मानेसर थाना प्रभारी सत्यवान ने बताया कि परिवार वालों का कहना है कि वह कई दिनों से डिप्रेशन में था। उसकी पत्नी ने ड्यूटी से आने के बाद फांसी पर लटका देखा था। यह बात भी सामने आई है कि भूदेव ने किसी ऑनलाइन बेटिंग एप पर लगा रखा था। किस एप में यह पैसा लगा था, यह जानने के लिए भूदेव के मोबाइल को डी-कोड कराया जा रहा है। यहां जानिए सरकार ऑनलाइन गेम्स पर क्या कानून लाई.... सरकार की ओर से ऑनलाइन गेमिंग एप को लेकर जो बिल लाई थी, उसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है और ये कानून बन गया है। इससे पहले 21 अगस्त 2025 को राज्यसभा ने और उससे एक दिन पहले लोकसभा ने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 को मंजूरी दी थी। इस बिल को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेश किया था। इस बिल में कहा गया है कि चाहे ये गेम्स स्किल बेस्ड हों या चांस बेस्ड दोनों पर रोक लगेगी।
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