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    गुरुग्राम में ऑनलाइन बेटिंग एप की लत ने ली जान:5 लाख रुपए फंसे, बैन लगने पर रकम मिलने की आस खत्म होने से तनाव बढ़ा

    5 hours ago

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    मानेसर के बांस कुसला गांव में 38 वर्षीय भूदेव महतो ने ऑनलाइन बेटिंग एप में फंसी करीब पांच लाख रुपए की रकम और सरकार द्वारा एप पर लगाए गए प्रतिबंध के कारण तनाव सहन न कर पाने के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। भूदेव महतो मूल रूप से पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के बुटीडीह गांव, झालदा थाना क्षेत्र के रहने वाले थे। वह पिछले 15 वर्षों से अपनी पत्नी प्रभाती महतो के साथ मानेसर में रह रहे थे। दोनों निजी कंपनी में कार्यरत थे। पड़ोसियों और परिवार ने बताया कि ऑनलाइन बेटिंग एप में फंसी रकम वापस न मिलने की चिंता भूदेव के लिए भारी तनाव बन गई थी, जिससे उन्होंने यह कदम उठाया। डूबती चली गई रकम परिजनों के मुताबिक भूदेव इस साल अप्रैल से एक ऑनलाइन बेटिंग एप पर गेम खेल रहे थे। शुरुआत में छोटे-मोटे दांव लगाने से शुरू हुआ यह सिलसिला धीरे-धीरे उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया। उन्होंने अपनी जमा पूंजी का बड़ा हिस्सा, करीब पांच लाख रुपए इस ऐप में निवेश कर दिया। लेकिन, जैसे-जैसे हार का सिलसिला बढ़ता गया, उनकी रकम डूबती चली गई। प्रतिबंध लगाए जाने से रकम वापसी का रास्ता बंद हाल ही में सरकार ने ऑनलाइन बेटिंग एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसके बाद भूदेव की रकम वापस पाने की संभावना पूरी तरह खत्म हो गई। इस आर्थिक और मानसिक दबाव ने उन्हें गहरे अवसाद में धकेल दिया। शाम को करीब 6 बजे प्रभाती महतो अपनी ड्यूटी खत्म कर घर लौटी। जब वह घर पहुंचीं, तो उन्होंने अपने पति भूदेव को रस्सी के सहारे फांसी पर लटका पाया। शिफ्ट खत्म होने से एक घंटा पहले घर पहुंचा भूदेव उस दिन अपनी शिफ्ट खत्म होने से एक घंटे पहले, यानी शाम 5 बजे घर लौटा था। प्रभाती ने तुरंत पड़ोसियों और पुलिस को सूचना दी और उसे अस्पताल लेकर गए। लेकिन तब तक भूदेव की मृत्यु हो चुकी थी। मानेसर आईएमटी थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल भूदेव का परिवार इस घटना से गहरे सदमे में है। उसके दो बेटे हैं, जिनकी उम्र 13 और 10 वर्ष है। वे दोनों अपने दादा-दादी के साथ पुरुलिया में रहते हैं। यहां पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर पत्नी का रो रोकर बुरा हाल होता रहा। कई बार वह बेहोश हुई। भाई रोहितास महतो ने बताया कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पुरुलिया जिला सचिव हैं। भूदेव पिछले कुछ महीनों से तनाव में थे। रोहितास ने कहा कि हमें नहीं पता था कि वह इतनी बड़ी रकम ऑनलाइन बैटिंग में लगा चुके हैं। अगर हमें पहले पता होता, तो हम उन्हें रोक सकते थे। पुरुलिया के सांसद की मदद पुरुलिया के सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया और परिवार की आर्थिक मदद करने का वादा किया। उन्होंने अपने निजी खर्च पर शव को पुरुलिया ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की। सांसद ने कहा कि यह एक दुखद घटना है। ऑनलाइन बैटिंग एप्स युवाओं और परिवारों को बर्बाद कर रहे हैं। सरकार को इस पर और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। ऑनलाइन बेटिंग का बढ़ रहा था खतरा ​​​​​​हाल के वर्षों में ऐसे ऑनलाइन बैटिंग एप्स ने लाखों लोगों को अपनी चपेट में लिया है। आसान पहुंच, बड़े मुनाफे का लालच और आकर्षक विज्ञापनों के जरिए ये एप्स लोगों को जाल में फंसाते हैं। इन एप्स की लत न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डालती है। जानकारों का कहना है कि ऑनलाइन बैटिंग एक तरह की लत है, जो जुए की तरह काम करती है। लोग शुरुआत में छोटी जीत से उत्साहित होते हैं, लेकिन हार का सिलसिला शुरू होने पर वे और ज्यादा पैसे लगाने को मजबूर हो जाते हैं। यह एक दुष्चक्र है, जो व्यक्ति को आर्थिक और मानसिक रूप से तोड़ देता है। पुलिस कर रही मामले की जांच पुलिस ने प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या का मामला बताया है और आगे की तहकीकात की जा रही है। आईएमटी मानेसर थाना प्रभारी सत्यवान ने बताया कि परिवार वालों का कहना है कि वह कई दिनों से डिप्रेशन में था। उसकी पत्नी ने ड्यूटी से आने के बाद फांसी पर लटका देखा था।
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