गौरव गोगोई बोले-चुनाव आयोग विपक्ष के सवालों का जवाब दे:SIR इतनी हड़बड़ी में क्यों हो रहा; EC ने कहा था- राहुल हलफनामा दें या माफी मांगे
2 hours ago

वोटर वेरिफिकेशन और वोट चोरी को लेकर विपक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि चुनाव आयोग (EC) से जब विपक्षी दल सवाल पूछ रहे हैं तो वो आरोपों का जवाब नहीं दे रहा और अपनी जिम्मेदारी से भागने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में SIR को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चर्चा हुई। EC के सभी तर्कों को कोर्ट ने नकारा है। इसके वाबजूद EC ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने राजनीतिक दलों पर सवाल उठाकर हमला किया। बेहतर ये होता कि वे ये बताते कि SIR इतनी हड़बड़ी में क्यों हो रहा है। इसको लेकर वो मौन थे। दरअसल, चुनाव आयोग ने रविवार को नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। राहुल गांधी का नाम लिए बिना चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार ने कहा था, 'PPT प्रेजेंटेशन में दिखाया डेटा हमारा नहीं है। वोट चोरी के आरोपों पर हलफनामा दें या देश से माफी मांगे।' EC ने कहा था, '7 दिन में हलफनामा नहीं मिला तो आरोपों को निराधार समझा जाएगा।' एक पार्टी के साथ साठगांठ के आरोपों पर CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा, 'हमारे लिए न कोई पक्ष और न विपक्ष है। सभी राजनीतिक दल बराबर हैं। अगर सही समय पर त्रुटि हटाने का आवेदन न हो और फिर वोट चोरी जैसे गलत शब्दों का इस्तेमाल कर जनता को गुमराह किया जाए तो ये लोकतंत्र का अपमान है।' राहुल का नाम लिए बिना ईसी ने कहा था- आरोपों पर हलफनामा दें या देश से माफी मांगें दरअसल, राहुल ने 7 अगस्त को EC पर वोट चोरी के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था, 'वोट चोरी हो रहे हैं। हमारे पास सबूत है कि चुनाव आयोग चोरी में शामिल है। वे भाजपा के लिए ऐसा कर रहे हैं।' पूरी खबर पढ़ें 7 अगस्त: राहुल का आरोप- EC ने BJP के साथ चुनाव चुराया राहुल गांधी ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर 1 घंटे 11 मिनट तक 22 पेज का प्रेजेंटेशन दिया। राहुल ने स्क्रीन पर कर्नाटक की वोटर लिस्ट दिखाते हुए कहा कि वोटर लिस्ट में संदिग्ध वोटर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के नतीजे देखने के बाद हमारा शक पुख्ता हुआ कि चुनाव में चोरी हुई है। मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट नहीं देने से हमें भरोसा हुआ कि EC ने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र चुनाव चोरी किया है। हमने यहां वोट चोरी का एक मॉडल पेश किया। मुझे लगता है इसी मॉडल का प्रयोग देश की कई लोकसभा और विधानसभा सीटों पर हुआ। पूरी खबर पढ़ें
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